New banking system interview questions in hindi

New banking system के 55 इंटरव्यू प्रश्न | 55 interview questions on new banking system in hindi

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पिछले कुछ वर्षों में भारत में बैंकों ने अपने ग्राहकों को अधिक से अधिक आसान और मैत्रीपूर्ण तरीके से अपनी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए काफी नए मोड़ लिए है। आज आरबीआई (RBI) भारत में विभिन्न बैंकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को पूरा करने के लिए एक मंच प्रदान करने वाला एकमात्र संगठन है, जिसका आज उद्देश्य सौ प्रतिशत वित्तीय समावेशन प्राप्त करना है।

इसके लिए वे आज भारत में नई बैंकिंग प्रणाली यानि की new banking system के आधुनिक और नए तरीको के साथ आगे आई है, जिनके बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है। 

तो आइये अब हम जानते है new banking system के तहत पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण सवालो के बारे, जो की बैंकिंग के छात्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

Table of Contents

इंद्रधनुष योजना क्या है? (Indradhanush scheme in hindi)

New banking system में केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों यानि की public sector banks के कामकाज में सुधार के लिए इंद्रधनुष मिशन नामक एक 7 प्रॉपर्टी वाले इस योगना को लॉन्च किया गया है।  मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के कामकाज में सुधार करना है, ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ अच्छे से प्रतिस्पर्धा यानि की compete कर सके।

इंद्रधनुष योजना के सात प्रमुख reforms क्या है?

इंद्रधनुष योजना के तहत आने वाले सात प्रमुख reforms यानि की सुधार है –

  • Appointments (नियुक्ति)
  • Bank board bureau (बैंक बोर्ड ब्यूरो)
  • Capitalization (पूंजीकरण)
  • De-stress PSBs (डी-स्ट्रेस पीएसबी)
  • Empowerment (सशक्तिकरण)
  • Framework of accountability (जवाबदेही का ढांचा)
  • Governance reforms (शासन सुधार)

इंद्रधनुष योजना के सातों reforms की व्याख्या करे?

आइये अब हम जानते है, New banking system में इंद्रधनुष योजना के तहत आने वाले सात प्रमुख reforms के बारे में, जो की है-

Appointments (नियुक्ति) – सरकार ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के पद को “एमडी” (MD) और “सीईओ” (CEO) और गैर कार्यकारी अध्यक्ष यानि की non-executive चेयरमैन में विभाजित कर दिया जायेगा। साथ ही एमडी और सीईओ के चयन की नई प्रक्रिया के तहत निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों को भी (एमडी और सीईओ) के पदों के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी। 

Banks Board Bureau (बैंक बोर्ड ब्यूरो) –  बैंक बोर्ड ब्यूरो प्रख्यात पेशेवरों और अधिकारियों का एक निकाय है, जिसने पूर्णकालिक निदेशक के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष यानि की non-executive चेयरमैन की नियुक्ति के लिए नियुक्ति बोर्ड की जगह ली है।

Capitalization (पूंजीकरण) –  भारत सरकार ने बैंक के आकार और उनकी विकास क्षमता के आधार पर चालू वर्ष के लिए 12% और अगले तीन वर्षों के लिए 12 से 15% की ऋण वृद्धि दर के आधार पर (70000) करोड़ की पूंजी आवश्यकता का अनुमान लगाने की कवायद की है।

De-Stressing PSBs (डी-स्ट्रेस पीएसबी) – इसके तहत, सरकार बैंकों के डूबे कर्ज को खत्म करने पर ध्यान देगी।

Empowerment (सशक्तिकरण) – यह तरीके बैंकों को, लोगों को काम पर रखने में अधिक लचीलापन प्रदान करेगी।

Framework of accountability (जवाबदेही का ढांचा) – इसके तहत सरकार ने व्यावसायिक विचारों के निर्माण पर निर्णय लेने में स्वतंत्रता का आश्वासन देते हुए, उनके कामकाज में दक्षता बढ़ाने के लिए राज्य और ऋणदाताओं के लिए एक प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के एक नए ढांचे की घोषणा की है।

Governance reforms (शासन सुधार) – इसमें पूंजी के अनुकूलन, डिजिटलीकरण प्रक्रिया, सुदृढ़ीकरण, जोखिम प्रबंधन, प्रबंधकीय प्रदर्शन में सुधार और वित्तीय समावेशन पर विशेष निर्णय लिया जाएगा।

Bank board bureau क्या है?

इसका आर्थ होता है “बैंक बोर्ड ब्यूरो”, और यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शासन में सुधार के लिए भारत की केंद्र सरकार द्वारा बनाया हुआ एक स्वायत्त निकाय यानि की एक autonomous body है, और इसे 1 अप्रैल 2016 को शुरू किया गया था।

यह ब्यूरो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के चयन के लिए सिफारिश करता है, और साथ ही यह बैंकों को रणनीतियों और पूंजी जुटाने की योजना विकसित करने में भी मदद करता है। 

पूर्व नियंत्रक और Auditor general (CAG) “विनोद राय” को बैंक बोर्ड ब्यूरो के पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। और यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए तैयार किये गए इन्द्रधनुष योजना की गई सात आयामी सुधार का एक हिस्सा है।

Bank board bureau की composition  यानि की संरचना कैसी होती है?

बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) में एक अध्यक्ष और 6 अन्य सदस्य होते हैं। जिनमें कम से कम 3 पूर्व बैंकर, 2 पेशेवर और सचिव, और सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वित्तीय सेवा विभाग के अफसर।

Bank board bureau किसका autonomous body यानि की स्वायत्त निकाय है?

बैंक बोर्ड ब्यूरो भारत सरकार (union government) का स्वायत्त निकाय है।

Bank board bureau के प्रमुख कार्य क्या है?

New banking system के तहत बनाये गए बैंक बोर्ड ब्यूरो के कुछ प्रमुख कार्य होते है, जो की निचे दिए हुए है – 

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पूर्णकालिक निदेशकों (directors) के साथ-साथ गैर-कार्यकारी अध्यक्ष यानि की non executive chairman की नियुक्ति के लिए सिफारिशें देना।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को नए-नए वित्तीय विधियों और साधनों के माध्यम से धन जुटाने के लिए अलग रणनीति विकसित करने और दबावग्रस्त संपत्तियों यानि की stressed assets के मुद्दों से निपटने के लिए सलाह देना।
  • साथ ही बैंक के विलय और समेकन यानि की consolidations पर बैंकों का मार्गदर्शन करें।

Payment banks क्या होते है?

New banking system के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 27 नवंबर साल 2014 को payment बैंकों के लाइसेंस के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया। ये दिशानिर्देश मोबाइल फर्मों और सुपरमार्केट श्रृंखलाओं को बैंकिंग के छेत्र में घुसने की अनुमति प्रदान करता है, ताकि वे लोगो और साथ ही छोटे व्यवसायों को इन सेवाओ की तरफ आकर्षित कर सके। 

इन payment बैंक का उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों, कम आय वाले परिवारों, छोटे व्यवसायों, असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं और साथ ही अन्य उपयोगकर्ताओं को बचत खाता और अन्य बैंकिंग प्रेषण सेवाओं का भुगतान प्रदान करके करके देश के वित्तीय ढांचे को और आगे बढ़ाना है।

Payment banks के लिए RBI की guidelines क्या है?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा ऐसे कुछ दिशानिर्देश यानि की guidelines जारी किये गए है, जिनका किसी payment बैंक द्वारा पालन करना अनिवार्य होता है, जो की है – 

  • Payment बैंक किसी की राशी जमा ले सकता है, इंटरनेट बैंकिंग और अन्य निर्दिष्ट सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा, लेकिन वे कोई उधार सेवाएं प्रदान नही कर सकते है।
  • वे अपने ग्राहकों को एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, साथ ही अन्य प्रीपेड भुगतान साधन जारी कर सकते हैं, मगर वे उन्हें क्रेडिट कार्ड नहीं दे सकते। 
  • वे प्रति व्यक्तिगत ग्राहक से सिर्फ 1 लाख तक की न्यूनतम शेष राशि जमा ले सकते है।
  • Payments बैंक अपने ग्राहकों को उधार देने की किसी भी तरीके की गतिविधियों को नहीं कर सकता है, लेकिन वे गैर-जोखिम साझा करने वाले साधारण वित्तीय उत्पादों जैसे की किसी तरह के mutual fund इकाइयों, बीमा उत्पादों, आदि को वितरित कर सकते है।
  • पेमेंट बैंकों के लिए कम से कम सौ करोड़ की पूंजी रखना अनिवार्य होता है। साथ ही पेमेंट बैंकों में 74% FDI की अनुमति भी होती है।
  • अनिवासी भारतीयों यानि की non-resident indians को payment बैंकों में खाता खोलने की अनुमति नहीं होगी।
  • वे मोबाइल फोन के माध्यम से पैसो का transfer कर सकते हैं।
  • साथ ही वे बिलों के स्वचालित भुगतान, और फोन के माध्यम से कैशलेस लेनदेन में खरीदारी, और चेकलेस transactions जैसी सेवाओं की पेशकश भी कर सकते हैं।

Small Finance Banks किसे कहा जाता है?

New banking system के तहत आरबीआई (RBI) ने 27 नवंबर साल 2014 को payment बैंक के साथ-साथ छोटे वित्त बैंकों यानि की Small Finance Banks पर भी दिशानिर्देश जारी किए थे। इन लघु वित्त बैंकों का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को और आगे बढ़ाना होता है। इसकी कुछ उद्देश्य है –

  • बैंकिंग सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना, और इसके तहत लोगों में बचत की आदतों को बढ़ावा देना।
  • उच्च टेक्नोलॉजी और कम से कम लागत वाले संचालन के माध्यम से लघु व्यवसाय इकाइयों, छोटे और सीमांत किसानों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों और अन्य असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं को ऋण की आपूर्ति कराना।

Small Finance Banks की महत्वपूर्ण विशेषताएं क्या-क्या है?

  • वे commercial बैंकों की तरह ही अपने ग्राहकों को कोई भी तरीके का राशी जमा करने की सुविधा जैसे की – savings, current, fixed deposit, recurring deposit, आदि प्रदान कर सकते है। 
  • Payment बैंकों के विपरीत छोटे वित्त बैंकों को भी अपने ग्राहकों को पैसा उधार देने की अनुमति होती है। 
  • किसी Small Finance बैंक को प्रारंभिक 3 वर्षों के लिए अपने शाखा विस्तार के लिए पूर्व approval की आवश्यकता होगी।
  • Small Finance बैंक को एक स्थानीय बैंक की भावना देने के लिए, उनके संचालन का क्षेत्र प्रतिबंधित रहता है।
  • एनबीएफसी (NBFCs) या बैंकिंग में 10 साल का अनुभव रखने वाला कोई भी व्यक्ति, Small Finance बैंक के लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है।
  • इन्हें अपने यहाँ जमा धन को किसी बड़े व्यवसायों या उद्योगों को उधार देने की अनुमति नहीं होती है।
  • इनका मुख्य लक्ष्य छोटे व्यवसाय और एमएसएमई (MSMEs) होते हैं।

Small finance बैंक को स्थापित करने की शर्तें क्या होती है?

एक किसी लघु वित्त बैंक को स्थापित करने के लिए कई सारे शर्तें का पालन करना होता है, जो की है –

  • प्रत्येक लघु वित्त बैंक को अपने नाम में “small finance bank” लिखना आवश्यक होता है।
  • इन्हें 100 करोड़ की न्यूनतम चुकता equity पूंजी की आवश्यकता होती है।
  • वे गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा गतिविधियों को शुरू करने के लिए अपनी कोई सहायक कंपनियों की स्थापना नहीं कर सकते हैं।
  • एक व्यक्ति का अधिकतम ऋण आकार कुल पूंजी निधि के 10% से अधिक नहीं हो सकता, और किसी समूह के मामले में यह 15% से अधिक नहीं हो सकता।
  • इसके कम से कम 50% ऋणों में 25 लाख तक के ऋण और अग्रिम यानि की advances शामिल होने चाहिए।
  • छोटे फाइनेंस बैंक म्युचुअल फंड इकाइयों, बीमा उत्पाद, पेंशन उत्पाद आदि के वितरण जैसी वित्तीय सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें पहले RBI की पूर्वानुमति लेनी होगी।
  • Small फाइनेंस बैंक किसी एक पूर्ण विकसित बैंक में तब्दील हो सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें आरबीआई (RBI) की मंजूरी लेनी होगी।
  • साथ ही इनके लिए एक मूलभूत आवश्यकता यह होती है कि, इनकी 25% शाखाएं बिना बैंक वाले क्षेत्र में स्थापित होनी चाहिए।

किसी Small finance बैंक से अधिकतम कितना ऋण लिया जा सकता है?

एक small finance बैंक से अधिकतम 25 लाख तक का ऋण लिया जा सकता है।

Payment बैंक और Small finance बैंक मे क्या अंतर है?

एक payment बैंक और small finance बैंक में कई तरह के अंतर होते है, जिनके बारे में निचे दिया गया है –

अंतर पेमेंट बैंक स्माल फाइनेंस बैंक 
पात्रता (eligibility)कार्ड जारीकर्ता, वित्त कंपनी, अन्य व्यवसाय, संवाददाता, दूरसंचार कंपनियां, खुदरा विक्रेता, आदिवित्तीय सेवाओं में 10 साल से अधिक से जुड़े पेशेवर या 5 साल के ट्रैक रिकॉर्ड वाले कोई प्रमोटर समूह।
पूंजी की आवश्यकता (capital requirement)100 करोड़ की equity पूंजी।100 करोड़ की equity पूंजी।
गतिविधि का दायरा (scope of activity)जमा स्वीकार कर सकते है, डेबिट कार्ड जारी कर सकते है, प्रेषण सेवाएं दें सकते है, लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते हैं।गरीब और छोटे व्यवसायों को बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना।
प्रमोटर का योगदान (promoter contribution)प्रमोटरों को पहले पांच वर्षों के लिए 40% हिस्सेदारी बरकरार रखनी होगी।यहाँ प्रमोटरों का प्रारंभिक योगदान 12 वर्षों में 40% से घटाकर 26% किया जाना चाहिए।

भारत का पहला small finance बैंक कौन सा था?

भारत का सबसे पहला small finance बैंक “capital local area bank” था, और इसे जालंधर, पंजाब में खोला गया था। बाद में इसका नाम बदलकर “”Capital small finance bank limited” कर दिया गया था।

India post payment bank क्या है?

New banking system में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डाक विभाग के तहत एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में “इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक” की निभ राखी, जिसमे भारत सरकार की 100% equity होगी और इसे कुल 800 करोड़ के खर्च के साथ स्थापित किया गया। जिसे बाद में आरबीआई (RBI) से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ।

इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक लिमिटेड ने कंपनी अधिनियम 2013 के तहत कंपनी रजिस्ट्रार से निगमन का प्रमाण पत्र प्राप्त किया, और साथ ही इसने रोजगार के कई अवसर पैदा किए। और देश भर में लगभग 650 शाखाएं और 5000 एटीएम के साथ इसने 3500 से अधिक कुशल बैंकिंग पेशेवरओ को रोजगार दिया।

India post payment bank के कुछ जरुरी तथ्य?

  • इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक ने मार्च 2017 में लगभग 50 जिलों में अपना परिचालन शुरू किया, और वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक पूरे देश को कवर कर लिया। 
  • इसकी सेवाओं को डाकघरों और आधुनिक तकनीक पर चलने वाले वैकल्पिक चैनलों से जोड़ा गया, जिसमें एटीएम (ATM), मोबाइल device, सरल डिजिटल भुगतान, बिक्री के बिंदु PoS/ m-PoS डिवाइस आदि शामिल हैं।
  • यह सेवा देश भर में वित्तीय साक्षरता के प्रचार-प्रसार के अवसर भी पैदा करती है, और साथ ही वित्तीय समावेशन में भी मदद करती है।    आदि। 

New banking system में Anywhere banking क्या है?

यह किसी  बैंक में ऑनलाइन, रीयल-टाइम अंतर-शाखा लेनदेन के लिए एक अत्यधिक सुरक्षित और सुविधाजनक प्रणाली है। Anywhere banking (AWB) आपको अधिक लचीलापन, लेनदेन में अधिक शक्ति, सुविधा और आपके बैंकिंग में आसानी प्रदान करता है। साथ ही इसे एक 24×7 सेवाओं के रूप में माना जाता है।

Anywhere banking की विशेषताएं क्या है?

New banking system के तहत तैयार की गयी Anywhere banking (AWB) की कई सारी विशेषताएं है, जैसे की –

  • एक AWB चेक के के माध्यम से बैंक की किसी भी शाखा से नकद निकाली या भेजी जा सकती है।
  • इसकी मदद से हम भारत में कहीं भी 10 सेकंड से भी कम समय में एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में फंड ट्रांसफर कर सकते है। 
  • इसमें बचत, चालू, ऋण और ओवरड्राफ्ट खाते में नकद निकासी की सुविधा प्रदान की गई है।   आदि।

National payment corporation of India क्या है?

New banking system के तहत एनपीसीआई (NPCI) भारत में सभी खुदरा भुगतान प्रणालियों के लिए एक umbrella organization यानि की छत्र संगठन है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे साल 2008 में कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 25 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया था। 

इसने सफलतापूर्वक रूप से आगे चलके “RuPay” नामक एक घरेलू कार्ड भुगतान नेटवर्क के विकास में काफी अग्रणी भूमिका निभाई, जिससे देश की अंतरराष्ट्रीय कार्ड योजनाओं पर निर्भरता कम हो गयी।

NPCI में शामिल सेवाए क्या-क्या हैं?

New banking system के तहत तैयार की गयी National payment corporation of India (NPCI) कई तरह की सेवाओ का लाभ प्रदान करती है, जैसे की –

RuPay card (रुपे कार्ड)
Unified payment interface (UPI) / एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस
Aadhar enabled payment system (AEPS) /आधार सक्षम भुगतान प्रणाली
National financial switch (NFS) / राष्ट्रीय वित्तीय स्विच/ 
Interbank mobile payment service (IMPS) / इंटरबैंक मोबाइल भुगतान सेवा
Cheque truncation system (CTS) / चेक ट्रंकेशन सिस्टम

MUDRA bank (SIDBI) क्या है?

New banking system के तहत माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड फाइनेंस एजेंसी बैंक (मुद्रा बैंक) भारत में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और गैर-कॉर्पोरेट छोटे व्यवसाय क्षेत्र को वित्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिए, साथ ही सूक्ष्म इकाइयों के विकास और MFIs के पुनर्वित्त के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित की गयी एक संस्था है।

इसे 8 अप्रैल साल 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। मुद्रा बैंक की स्थापना केवल एक लक्ष्य को ध्यान में रखकर की गई है, जो की थी गैर-कॉर्पोरेट छोटे व्यवसायों की सभी वित्त पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए।

मुद्रा लिमिटेड को अप्रैल 2015 में प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के शुभारंभ से पहले मार्च 2015 में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) की कॉर्पोरेट सहायक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुद्रा लिमिटेड को मुद्रा (सिडबी) बैंक में, जो की SIDBI की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में होगी, बदलने को मंजूरी दे दी है। और मुद्रा लिमिटेड 8 अप्रैल, 2015 से कार्य कर रहा है।

MUDRA scheme / yojana क्या होता है?

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के दिशानिर्देशों के तहत, मुद्रा बैंक ने अपने तीन पहल उत्पादों को लॉन्च किया है, और इनका नाम शिशु, किशोर और तरुण रखा गया है, जो किसी सूक्ष्म इकाइयों या उद्यमियों की विकास और वित्त पोषण आवश्यकताओं के अलग-अलग चरणों को दर्शाता है। 

मुद्रा बैंक राज्य स्तरीय संस्थानों के माध्यम से पुनर्वित्त कर रहा है। मुद्रा NBFCs, MFIs, ग्रामीण बैंकों, जिला बैंकों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, निजी बैंकों, प्राथमिक ऋण संस्थानों और अन्य मध्यस्थों के माध्यम से ऋण का वितरण करती है।

MUDRA scheme/yojana की categories क्या है?

MUDRA scheme/yojana की तीन categories यानि की श्रेणियां है, जिनके बारे मे जानकारी निचे दी गयी है –

शिशु श्रेणी (Shishu) – वे सभी व्यवसाय जो अभी-अभी शुरू हुए हैं, और जो ऋण की तलाश में हैं, इस श्रेणी में आएंगे। इस श्रेणी में आने वाली सभी सूक्ष्म इकाइयों को 50 हज़ार तक का ऋण कवर दिया जाएगा।

किशोर श्रेणी (Kishor) – यह उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपना व्यवसाय शुरू कर दिया है, लेकिन उनका यह कारोबार अभी तक स्थिर नहीं हुआ है। इस श्रेणी में आने वाली इकाइयों को 50 हजार से लेकर 5 लाख तक का ऋण कवर दिया जाएगा।

तरुण श्रेणी (Tarun) – सभी छोटे व्यवसाय जो स्थापित और स्थिर हो गए हैं, इस श्रेणी में आएंगे। किसी व्यवसाय की बेहतरी के लिए कुछ वित्तीय आवश्यकताएं हो सकती हैं। और इसलिए इस श्रेणी में आने वाले सभी छोटे व्यवसाय या इकाइयां 10 लाख तक के ऋण कवर के लिए पात्र होंगी।

राशी भुगतान के लिए new banking system में कौन-कौन से  प्लेटफॉर्म बनाये गए है?

किसी भी भुगतान के लिए new banking system की तहत कई सारे नए platforms को तैयार किया गया है, जो की है –

  • Unified payment interface (UPI)
  • National Unified USSD Platform (NUUP)
  • Prepaid payment instruments 
  • Core banking system 
  • national automated clearing house (NACH)

Unified payment interface (UPI) क्या है?

पैसे के लेने-देने को आसान और सरल बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI)  द्वारा देश में सभी खुदरा भुगतानों के लिए UPI प्रणाली विकसित की गई है, और इसे 11 अप्रैल 2016 को मुंबई में लॉन्च किया गया था। 

यह एक ऐसी प्रणाली है, जो एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) में कई बैंक खातों को एक साथ चलाने की शक्ति प्रदान करती है, जिसमें कई बैंकिंग सुविधाओं, निर्बाध फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान जैसे कई तरह के सुविधाएं मौजूद होती है।

शुरुआत में 10 प्रमुख बैंक जैसे की – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कनाडा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी और सिटी बैंक ने अपने मोबाइल ऐप के साथ इस सुविधा को जोड़ा। साथ ही इसके अलावा 29 अन्य बैंक भी इस UPI प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए तैयार हो गए हैं।

UPI की विशेषताएं क्या-क्या है?

UPI सेवा की कई सारी विशेषता होती है, जिनमे से कुछ है –

  • प्रेषक और प्राप्तकर्ता यानि की sender और receiver दोनों को ही लेन-देन के लिए UPI प्लेटफॉर्म को खुद को रजिस्टर करना होगा।
  • UPI प्रणाली के माध्यम से लेनदेन की सीमा 2 लाख तक की होती है। 
  • सभी UPI सक्षम बैंक अपने App को इस सिस्टम के साथ जुड़ने की अनुमति देंगे। ताकि कोई भी इसकी मदद से सभी भुगतान और लेनदेन कर सके।
  • यह सेवा 24×7 उपलब्ध रहती है।
  • इसमें लेन-देन की राशि के आधार पर शुल्क लागू किया जा सकता है।
  • इस सिस्टम के इस्तेमाल से किसी को अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड पास रखने जी कोई आवश्यकता नहीं होती है, जो कभी-कभी सुरक्षा समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
  • इसके तहत हुआ लेन-देन को ग्राहक के बैंक खाता विवरण में IMPS बैंक हस्तांतरण के रूप में दिखाया जाता है।
  • इस सिस्टम में व्यापारी किसी के खाता संख्या को ट्रैक नहीं कर पाएंगे। 
  • UPI सिस्टम में किसी भी तरह के वॉलेट का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता है।

National Unified USSD Platform (NUUP) क्या होता है?

New banking system में नेशनल यूनिफाइड यूएसएसडी प्लेटफॉर्म (NUUP) NPCI की एक असंरचित पूरक सेवा डेटा (USSD) आधारित मोबाइल बैंकिंग सेवा है, जो सभी बैंकों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को एक साथ लाती है। NUUP में ग्राहक अपने मोबाइल फोन से केवल *99# दबाकर बैंकिंग सेवा प्राप्त कर सकते हैं। और यह सेवा सभी GSM मोबाइल हैंडसेट पर काम करती है।

USSD सिस्टम से भुगतान की सीमा क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, USSD भुगतान सिस्टम का उपयोग कम से कम 1 रुपये और अधिक से अधिक 5000 रुपये तक के पैसे भेजने के लिए किया जा सकता है।

Prepaid payment instruments क्या होते है?

Prepaid payment instruments भुगतान का साधन होते हैं, जो की उनमे मौजूद मूल्य के विरुद्ध फण्ड ट्रान्सफर सहित वस्तुओं और सेवाओं की खरीद तक की सुविधा प्रदान करते हैं। और इन उपकरणों पर मौजूद मूल्य किसी धारक द्वारा नकद, या बैंक खाते में डेबिट करके, या क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान किए गए मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रीपेड उपकरण स्मार्ट कार्ड, चुंबकीय पट्टी वाले कार्ड, इंटरनेट खाते, इंटरनेट वॉलेट, मोबाइल खाते, मोबाइल वॉलेट, पेपर वाउचर, और ऐसे किसी भी उपकरण के रूप में जारी किए जा सकते हैं, जिनका उपयोग ग्राहक द्वारा प्राप्त प्रीपेड राशि को दर्शाने के लिए किया जा सकता है। 

देश में जारी किए जा सकने वाले प्रीपेड भुगतान instruments को तीन श्रेणियों में रखा गया है, जो की हैं –

  1. Closed system payment instrument
  2. Semi-closed system payment instrument  
  3. Open system payment instrument

बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और अन्य व्यक्तियों को निम्नलिखित शर्तों के आधार पे प्रीपेड गिफ्ट instruments जारी करने की अनुमति होती है, जो की है –

  • प्रीपेड गिफ्ट उपकरणों की अधिकतम वैधता तीन वर्ष होनी चाहिए। 
  • ऐसे प्रत्येक भुगतान उपकरणों का अधिकतम मूल्य 50 हज़ार से अधिक नहीं होना चाहिए। 
  • इन भुगतान उपकरणों की मदद से नकद पैसे निकालने की अनुमति नहीं होगी।
  • ऐसे उपकरणों के खरीदार का पूर्ण KYC बनाए रखा जाना चाहिए। 
  • जारीकर्ता उस व्यक्ति के सारे details को बनाए रखेगा, जिसे ऐसे उपकरण जारी किए गए हैं, और जब भी इनकी मांग हो, इन्हें उपलब्ध कराया जाये। 
  • साथ ही ग्राहक को जारी किए जा सकने वाले ऐसे भुगतान उपकरणों की संख्या, लेन-देन की सीमा आदि तय करने में संस्थाएं अपने बोर्ड द्वारा तैयार किये गए जोखिम निरोधक प्रणाली का इस्तेमाल कर सकती है। 

Core banking system किसे कहा जाता है?

New banking system में Core बैंकिंग एक प्रकार की बैंकिंग होती है, जिसमें बैंक की किसी शाखा में खाता खोलने वाला एक व्यक्ति ना केवल उस शाखा का ग्राहक बन जाता है, बल्कि वह उस बैंक की सभी शाखाओं का ग्राहक बन जाता है, और इस कारण वे कहीं भी और कहीं भी अपने बैंकिंग लेनदेन कर सकता है। इस प्रकार, वह व्यक्ति उस बैंक की किसी भी शाखा में नकद जमा और उसे निकाल सकता है।

Core बैंकिंग एक सामान्य शब्द है, जिसका उपयोग नेटवर्क बैंक शाखाओं के समूह द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है। Core बैंकिंग मूल रूप से पैसा जमा करना और उसे उधार देना है। सामान्य Core बैंकिंग कार्यों में जमा राशि, ऋण, बंधक, शुल्क और भुगतान जैसी सेवाए शामिल होंगे। और बैंक इन सेवाओं को एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग और शाखाओं जैसे कई चैनलों के माध्यम से उपलब्ध कराता है।

Core banking के elements क्या-क्या है?

कोर बैंकिंग के कई सारे तत्व मौजूद है, जैसे की –

  • नया खाता खोलना।
  • नकद जमा और निकासी का प्रसंस्करण।
  • ऋण बनाना और सेवा देना।
  • ब्याज की गणना करना।
  • प्रसंस्करण भुगतान और चेक।
  • सभी बैंक लेनदेन के लिए एक रिकॉर्ड बनाए रखना।
  • ग्राहक संबंध प्रबंधन (CRM) गतिविधियां।
  • ग्राहक खातों का प्रबंधन करना।
  •  न्यूनतम शेषराशि, ब्याज दर, अनुमत आहरणों की संख्या आदि के लिए मानदंड को तय करना।
  • ब्याज दरों को स्थिर करना।   आदि।

National automated clearing house (NACH) क्या होता है?

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने बैंकों, वित्तीय संस्थानों, कॉरपोरेट्स और सरकारी विभागों के लिए राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (NACH) नामक एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सेवा लागू की है। और इसने 1 मई 2016 से इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS) की जगह ले ली है। और NACH भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ECS के समान ही एक फंड क्लियरिंग प्लेटफॉर्म है।

NACH की विशेषताएं क्या है?

NACH की कई सारी विशेषताएं मौजूद है, जैसे की –

  • NACH में डेबिट और क्रेडिट दोनों ही प्रकार मौजूद होते हैं, और इसका उद्देश्य इंटरबैंक, उच्च मात्रा, डेबिट/क्रेडिट लेनदेन की सुविधा प्रदान करना होता है, जो कि थोक और बार-बार होने वाले transactions होते हैं।
  • NACH का प्राथमिक उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक फाइलों के आधार पर कम मूल्य और उच्च मात्रा के लेनदेन को संभालना होता है।
  • यह वास्तव में एक ऐसे सिस्टम को लागू कर रहा है, जो लेनदेन को बैच मोड के बजाय रीयल-टाइम मोड में करने की अनुमति देता है। 
  • आज NACH प्लेटफॉर्म देश भर में 85 हज़ार से भी अधिक बैंक शाखाओं को कवर करता है। 

FAQ (Frequently Asked Questions)

इंद्रधनुष योजना को किस समिति द्वारा बनाया गया था?

इंद्रधनुष योजना को “पीजे नायक” समिति के सिफ़ारिश पे बनाया गया था।

बैंक बोर्ड ब्यूरो के पहले अध्यक्ष/चेयरमैन कौन थे?

बैंक बोर्ड ब्यूरो के पहले अध्यक्ष/चेयरमैन “विनोद राय” थे।

इंद्रधनुष मिशन का उद्देश्य किसके कामकाज में सुधार करना है?

इंद्रधनुष मिशन का उद्देश्य पब्लिक सेक्टर बैंक (PSBs) के कामकाज में सुधार करना है।

RBI उधारकर्ता की किस एक नई श्रेणी के साथ सामने आया है?

भारतीय रिज़र्व बैंक “Non-cooperative borrowers” की एक नई श्रेणी के साथ सामने आया है।

इन्द्रधनुष मिशन में bad loans को किसके तहत संदर्भित किया जाता है?

इन्द्रधनुष मिशन में bad loans को “De-stressing PSBs” के तहत संदर्भित किया जाता है।

भारत का पहला Payment बैंक कौन सा था?

भारत का सबसे पहला पेमेंट बैंक “Airtel payment bank limited” था।

भारत का पहला Payment बैंक कब और कहा खोला गया था?

भारत का सबसे पहला पेमेंट बैंक “Airtel payment bank limited” 23 नवंबर, साल 2016 को राजेस्थान में खोला गया था।

Payment बैंक के लिए अपने पास कितनी न्यूनतम पूंजी रखना अनिवार्य है?

Payment बैंक को अपने पास न्यूनतम 100 करोड़ की पूंजी रखना अनिवार्य होता है।

NBFCs का अर्थ क्या होता है?

NBFCs का अर्थ “Non-bank financial institution” होता है।

भारत का सबसे पहला small finance बैंक कहा खोला गया था?

भारत का सबसे पहला small finance बैंक “capital local area bank” जालंधर, पंजाब में खोला गया था।

NPCI का मतलब क्या होता है?

NPCI का आर्थ “National payment corporation of India” होता है।

MUDRA bank का अर्थ क्या होता है?

MUDRA bank का अर्थ “Micro unit development and refinance agency” होता है।

SIDBI का अर्थ क्या होता है?

SIDBI का अर्थ “Small industries development bank of India” होता है।

UPI का अर्थ क्या होता है?

UPI का अर्थ “Unified payment interface” होता है।

UPI के माध्यम से लेन-देन की सीमा कितनी होती है?

UPI के माध्यम से लेन-देन की सीमा 2 लाख तक की होती है।

NACH का अर्थ क्या होता है?

NACH का अर्थ “National automated clearing house” होता है।

ECS का अर्थ क्या होता है?

ECS का अर्थ “Electronic Clearing System” होता है।

Fino pay tech किस प्रकार का बैंक है?

यह एक प्रकार का payment bank है।

NACH को किसके द्वारा लागु किया गया थ?

NACH को “National payment corporation of India” (NPCI) द्वारा लांच किया गया था।

मुद्रा योजना में अधिकतम राशि क्या है?

मुद्रा योजना में अधिकतम राशि 10 लाख होती है।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।  

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3 Comments

  1. of course like your web site but you have to check the spelling on several of your posts. A number of them are rife with spelling problems and I find it very troublesome to tell the truth nevertheless I will surely come back again.

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