Animation क्या होता है | What is animation in hindi
आज के समय में ऐसी काफी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है जिनकी मदद से हम लोग अपने काफी मनोरंजन के साधन बनाते है | उन सब में एक नाम Animation movies और कार्टून का भी आता है | मगर क्या आपको मालूम है यह तकनीक क्या है और इसे कैसे इस्तेमाल किया जाया है? अगर नही तो आइए जानते है इसके बारे में कुछ ऐसी बाते जो शायद ही आपको मालूम हो|
Table of Contents
Animation क्या है,और इसे कैसे बनाया जाता है?
Animation वह तकनीक है जिसकी मदद से कई सारी तस्वीरों को जो की एक दूसरे से थोड़ी-थोड़ी अलग होती है एक के बाद एक क्रम में लगातार एक सुनिश्चित रफ़्तार पे चलाता जाता है, और इस गति में चलने पर ऐसा भ्रमित होता है की उन तस्वीरों में मौजूद object यानि की वह वस्तु स्वयं ही चल रही है | इन तस्वीरों को जिस गति पर चलाया जाता है उसे frame per second यानि की कितनी तस्वीरों को हर second चलाया जाएगा ये सुनिश्चित करता है |
Animation में इस्तेमाल होने वाली तस्वीरों को अक्सर हाथों से ही बनाया जाता था जैसे की drawings, artworks, इत्यादि | लेकिन आज के समय में ज्यादा तर animation की drawings को computer द्वारा ही बनाया जाता है और इस तकनीक को “Computer generated imagery” या CGI कहा जाता है | Animation का इस्तेमाल ज्यादा तर कार्टून फ़िल्मे बनाने में किया जाता है जिसे animation फिल्म भी कहा जाता है |
Moving character यानि की चलने वाली वस्तु को आमतौर पर “on twos” पर फिल्माया जाता है, जिसका मतलब सिर्फ एक image को दो फ्रेम के लिए दिखाया जाता है, कुल मिलाकर 12 चित्र प्रति सेकंड। 12 फ्रेम प्रति सेकंड गति के लिए अनुमति देता है, लेकिन यह ज्यादा साफ़ नही लगता या धुंदला लग सकता है।इसी कारण फ़िल्मो में, 24 फ्रेम प्रति सेकंड की एक फ्रेम दर का उपयोग किया जाता है ताकि वस्तुओ को एक साफ़ और सुन्दर रूप में चलते हुए दिखाया जा सके।
आज animation खुद में ही एक काफी बड़ी industry बन चुकी है और कई लोग आज इसमें अपना career बनाना चाहते है | इस विषय में भी काफी तरह की पढ़ाई आज के समय में हो रही है | और अगर आपको भी animation में career बनाना है तो, आपको भी इन रास्तों पर आगे बढ़ना होगा |
Animation का इतिहास? (History of animation in hindi)
वैसे देखा जाए तो लोग animation का लुप्त सैकरो सालों से ले रहे है | पहले के ज़माने में लोग कठपुतली का खेल देखा करते थे, या फिर मैजिक लालटेन का मज़ा लिया करता थे और shadow show यानि की परछाईं के खेल भी देखा करते थे | इन्ही सब खेलो को animation का पुराना रूप माना जाता है, और देखा जाए तो इन्ही सब के प्रति आकर्षण और जागरूकता के कारण आज animation के जगत में इतनी तरक्की हुई है |
साल 1833 में “stroboscopic disc” को बनाया गया और इसने modern animation की निव रखी | इसकी मदद से कई तस्वीरों को एक के बाद एक चलाया जाता था, जिससे ये चलती वस्तुओ का एक अनोखा भ्रम पैदा करती थी |
इस तकनीक का इस्तेमाल करके काफी ज्यादा मात्रा में animation को बनाया गया ताकि इसे लोगो के बीच में दिखा कर लोकप्रिय बनाया जा सके | आख़िरकार जब 1895 के दौर में सिनेमा काफी ज्यादा लोकप्रिय हुआ तब इन तकनीकों के इस्तेमाल को भी काफी बढ़ावा मिला और ये पूरी दुनिया में फैल गई |
Animation के प्रकार? (Types of animation in hindi)
Animations के कई अलग-अलग प्रकार होते है जिनमे से कुछ है –
Traditional animation
यह animation के सबसे पुराने रूप में से एक है | इस तकनीक में हर वस्तु को हाथों से transparent कागज़ पर बनाया जाता था | बाद में चलती वस्तुओ का भ्रम पैदा करने के लिए उन सब को एक के बाद एक चलाया जाता जैसा की एक flipbook में किया जाता है मगर एक बड़े स्तर पे |
कलाकार इन तस्वीरों को एक बड़े से टेबल पर रखकर बनाते थे जिसके अंदर एक बड़ी चमकीली light लगी होती थी ताकि वह जब तस्वीरों को एक दूसरे के ऊपर रखे तब उन्हें अपनी नीचे वाली तस्वीर साफ़ दिखाई दे सके | और उसके अनुसार वे आगे की तस्वीरों को बना सके |
2D animation
यह animation तकनीक भी traditional के जैसी है मगर इस तकनीक में Vector images का इस्तेमाल किया जाता है | आम तौर पे इस्तेमाल होने वाली तस्वीरे JPG, BMP, GIF,इत्यादि इन रूपों में होती है, जिन्हें Pixel images कहा जाता है | इन तस्वीरों में सबसे बड़ी खामी ये होती है की जब इन्हें बड़ा या छोटा किया जाता है तब इनकी quality ख़राब हो जाती है | मगर Vector ग्राफ़िक ने इन सब ख़ामियों को दूर कर दिया | इसे बड़ा या छोटा करने पे तस्वीरों की quality पर कोई फर्क नहीं पड़ता |
Vector ग्राफ़िक को बनाने में गणित के फोर्मुलो का उपयोग किया जाता है, और कई सारे बिन्दुओ को एक साथ जोड़कर इन तस्वीरों को बनाया जाता है | बाद में इन्ही बनाई हुई तस्वीरों को एक के बाद एक सुनिश्चित गति पर चलाया जाता है ताकि चलती वस्तुओ का भ्रम तैयार किया जा सके |
3D animation
Computer animation या 3D animation को आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है | 3D animation फिल्मों में, animator चरित्र के शरीर के अंगों को चलाने के लिए एक computer program का उपयोग करता है। वे अपने digital frame को सेट करते हैं जब चरित्र के सभी भाग सही स्थिति में होते हैं। वे प्रत्येक फ्रेम के लिए ऐसा करते हैं, और computer प्रत्येक frame से गति की गणना करता है और तब जाकर किसी चरित्र को चलता हुआ दिखाया जाता है |
साल 1995 में आई फिल्म “Toy Story” हो या फिर हाल ही में आई फिल्म “”Coco” हो, इन सभी के निर्माण में 3D animation ने अहम भूमिका निभाई है | और आज यह तकनीक animation फ़िल्मो के जगत में एक प्रमुख शैली बन गई है।
Motion graphics
Motion ग्राफ़िक्स digital ग्राफ़िक्स के वह टुकड़े है जिन्हें आम तौर पे विज्ञापनों के लिए और फ़िल्मो के शुरुवात में दिखाई जाने वाली title sequence के लिए इस्तेमाल किया जाता है | इन्हें आम तौर पे दर्शक से कुछ संवाद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
Multimedia projects में इन्हें आम तौर पे sound यानि आवाज़ के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है | इस प्रकार के animation को ज्यादा तर business के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जहाँ इनसे विज्ञापन बनाये जाते है |
Stop motion
इस तकनीक में भी लगभग एक filpbook जैसी पारंपरिक शैली का इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि चित्र के बजाय, stop motion के प्रत्येक फ्रेम में भौतिक वस्तुओं को समायोजित किया जाता है। जैसे की clay यानि चिकनी मिट्टी से बनी वस्तु या puppet या कभी-कभी इंसानों का इस्तेमाल भी किया जाता है |
इन वस्तुओ को frame दर frame कैप्चर किया जाता है ताकि इन्हें बाद में एक के बाद एक जोड़कर चलने का भ्रम पैदा किया जा सके |
Animation के जनक कौन है? (Father of animation in hindi)
इतिहास की माने तो कई लोगो को animation का जनक माना जाता है | मगर देखा जाए तो कुछ ही ऐसे लोग है जिन्होंने इस तकनीक को काफी ज्यादा सफल बनाया | तो आइए जानते है उनके बारे में|
अमेरिकी animation के जनक “James Stuart” को माना जाता है | हांलाकि वह एक ब्रिटिश फिल्म निर्माता थे, मगर उन्होंने अमेरिका में ही पहली Animation फिल्म Stop motion तकनीक का इस्तेमाल करके बनायीं थी | सन 1900 में, उन्हें पहली बार animated फिल्म बनाने का श्रेय दिया गया, जिसका नाम “The Enchanted Drawing” था |
इतिहास में देखे तो हमारे सामने एक और व्यक्ति का नाम आएगा जिन्हें animation का जनक माना गया है | इनका नाम था “Emile Cohl” और ये एक French cartoonist थे | उन्होने पहली बार एक पूरी तरह से animation से बनी फिल्म का निर्माण किया था, जिसका नाम “Fantasmagorie” था | इस फिल्म का प्रीमियर पहली बार सन 1908 में पेरिस में किया गया |
भारतीय animation के जनक “Ram Mohan” को माना जाता है | ये एक भारतीय Animator थे, और उन्होने अपने करियर की शुरुवात भारत सरकार के फिल्म division के कार्टून फिल्म यूनिट में बतौर एक cartoonist के रूप में की थी |
Animation इस्तेमाल करने के advantages? (Advantages of animation in hindi)
Animation को इस्तेमाल करने के काफी फायदे होते है, जिनमे से कुछ है –
- Animation की मदद से काफी अच्छे और आकर्षक videos बनाये जा सकते है, जो की देखने में काफी ज्यादा अच्छे लगते है |
- इसका उपयोग पढ़ाई के छेत्र में भी किया जाता है | इसकी मदद से छात्रों को teachers द्वारा किसी विषय को समझाने में काफी ज्यादा मदद मिलती है |
- जब छात्र किसी विषय से सम्मंधित animated वीडियो देखते है तब उन्हें किसी विषय के बारे में ज्यादा अच्छे से समझ में आता है |
- Animation का इस्तेमाल करके जब फ़िल्मे बनायीं जाती है तब उसे देखते समय दर्शकों का अनुभव काफी बेहतरीन हो जाता है |
- Animation की मदद से छोटे बच्चों को कुछ नया सिखाने में भी काफी ज्यादा सहायता मिलती है| जब बच्चे कुछ animation से बनी video देखते है तब उन्हें और ज्यादा जल्दी समझ में आता है |
- इसके इस्तेमाल से किसी कौशल को बढ़ाने में मदद मिलती है | यह व्यावहारिक कौशल विकास और बेहतर ज्ञान प्रतिधारण में मदद करता है।
Animation इस्तेमाल करने के disadvantages? (Disadvantages of animation in hindi)
Animation को इस्तेमाल करने के काफी नुकसान भी होते है, जिनमे से कुछ है –
- किसी animation को बनाने में काफी ज्यादा समय और मेहनत लगती है |
- इस विषय को अच्छे से सिखाने में भी काफी ज्यादा मेहनत लगती है | इसी कारण कई शिक्षा संस्थान इसे अपने course से बाहर ही रखते है |
- जब animation को छात्रों को कुछ समझाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तब अक्सर ऐसा होता है की बैच के कुछ छात्र इसे सही से नही समझ पाते और इस कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
- Animation टेक्नोलॉजी को काफी ज्यादा storage और memory स्पेस की जरुरत पड़ती है| और इसे अच्छे से चलने के लिए हाई स्पीड internet की भी जरुरत पड़ती है | |
Animation के principles? (Principles of animation in hindi)
एक animation को बनाने में कई principles का उपयोग किया जाता है | उनमे से कुछ है –
Squash & Stretch
इस तकनीक का इस्तेमाल करके किसी वस्तु या character में वज़न यानि weight या मात्रा यानि volume के भ्रम को बनाया जाता है | इसका इस्तेमाल करके किसी object को वज़नदार दिखने का प्रयास किया जाता है |
Anticipation
यह तकनीक का इस्तेमाल करके दर्शकों को एक कार्रवाई के लिए तैयार किया जाता है, जो एक character परदे पर प्रदर्शन करने वाला होता है, जैसे कि दौड़ना, कूदना या expression को बदलना इत्यादि | ठीक कुछ प्रदर्शन होने से पहले इस तकनीक का उपयोग करके वैसा माहौल बनाया जाता है, जैसे की कुछ होने वाला हो |
Staging
इस तकनीक का इस्तेमाल करके किसी character के emotion और attitude को कहानी के अनुसार दिखाया जाता है, ताकि वह दर्शकों के साथ एक कनेक्शन बना सके | और ये emotions कहानी के साथ-साथ आगे बढ़ते जाते है |
Appeal
किसी लाइव performance में जिस तरह एक करिश्मा होता है, ठीक उसी तरह एक animation character में Appeal होता है | Appeal का मतलब सिर्फ cute और आकर्षक होना ही नही होता बल्कि एक charm होता है, जिसकी मदद से वह दर्शकों से साथ एक कनेक्शन बना सके | Animation फिल्म के हर character में ये खूबी होनी चाहिए, चाहे वह hero हो या फिर villian हो या कोई comic character हो |
Animation के कुछ softwares के नाम? (Softwares of animation in hindi)
आज के समय में ऐसे काफी सारे softwares बाज़ार में मौजूद है जिनकी मदद से काफी बेहतरीन और अच्छे animations को बनाया जा सकता है | उन्ही में से कुछ softwares है –
- Adobe Photoshop,
- Adobe After Effects,
- AutoDesk Mudbox,
- Autodesk 3ds Max,
- Autodesk Maya, इत्यादि
इन सब software का इस्तेमाल करके एक animator काफी बेहतरीन और आकर्षक animations का निर्माण बड़ी आसानी से कर सकता है| और बनने के बाद इन्हें दर्शकों के सामने पेश किया जा सकता है |
आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस article को अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो।धन्यवाद।
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