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भारत के नए सोशल मीडिया नियम? | New social media laws and regulations of India in hindi

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भारत सरकार द्वारा हाल ही में कुछ ऐसे नए नियम लाए गए है, जो की इस देश में social media और इंटरनेट के इस्तेमाल को एक नया रूप प्रदान करेंगे | इन सभी नियमों के लागु होने के बाद, इंटरनेट पर गलत चीजों को फ़ैलाने वालों की खैर नही होगी | साथ ही यह नए नियम सभी उपयोगकर्ताओं के इन social media platforms को इस्तेमाल करने के अनुभव को हमेशा के लिए बदल देगी।

क्या है नए नियम?

आइए अब हम जानते है की भारत सरकार द्वारा किन नए नियमों का प्रावधान लाया गया है, जो की अब सभी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को माननी पड़ेंगी, जो इस देश में अपना कारोबार चलाते है –

● अब इन सभी बड़ी social media कंपनियों को भारत के कानून और संविधान का पालन करना होगा, और उसके मुताबिक अपना काम करना होगा।इसके कारण अब कोई भी social media कंपनी अपना कोई नियम जबरदस्ती लोगों पर नही थोप पाएंगी।

● अब इन social media platforms पर लोगों की शिकायतों को सुनने और उनका जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए अलग system बनाना अनिवार्य होगा, ताकि किसी की भी शिकायत को अनसुना का किया जा सके।

● शिकायतों के निपटारे के लिए इन social media कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति भी करनी पड़ेगी, और तो और इन सभी अधिकारियों की सारी जानकारी social media कंपनियों को अब सरकार को भी देनी पड़ेंगी।

● किसी शिकायत के मिलने पर, जिम्मेदारी इन्ही अधिकारियों की होगी की उस पर 24 घंटे के अंदर सुनवाई हो जाए और लगभग 15 दिनों के अंदर किसी शिकायत का समाधान खोजकर उसका निपटारा कर दिया जाए।

● अब अगर कोई social media पर गलत खबर फैला रहा है, या आपको धमकी दे रहा है, या किसी पोस्ट से आपको आपत्ति है, कोई आपके खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल कर रहा है, तो आप अब उस कंपनी के शिकायत अधिकारी को इसकी सूचना दे सकेंगे।

● अब सभी social media कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा की, उनके यूजर की जानकारी, तस्वीरों और वीडियो का कोई गलत इस्तेमाल ना हो सके। किसी की गलत जानकारी या तस्वीरों को फ़ैलाने पर उसे अब 24 घंटे के अंदर platform से हटाना होगा, और फ़ैलाने वाले अकाउंट को तुरंत बंद या block करना होगा।

● इसके अलावा सरकार ने social media platform और टेक्नोलॉजी कंपनियों को दो श्रेणियों में बाट दिया है। पहली में बड़ी-बड़ी कंपनिया जिनमे users की संख्या काफी ज्यादा है, और दूसरी में छोटी कंपनिया जिनमे users की संख्या कम है।

● पहली श्रेणी में जिन पांच बड़ी कंपनियों को रखा गया है, वो है WhatsApp, Youtube, Facebook, Instagram और Twitter । इन सभी को इस्तेमाल करने वालों की संख्या आज करोड़ो में है।

● शिकायतों को सुनने के लिए एक अच्छा तंत्र बनाया जाएगा, और चीफ compliance ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी। इनका काम यह सुनिश्चित करना होगा की, लोगों के ऊपर मौजूदा कानून के तहत की कदम उठाए जाए। और इन्हें भारत में रहकर ही अपना काम करना पड़ेगा।

● इनके अलावा Nodal ऑफिसर की भी नियुक्ति होगी, जिन्हें रोजाना 24 घंटे भारत सरकार के अलग-अलग जांच एजेंसी और मंत्रालयों के साथ संपर्क में रहना पड़ेगा। साथ ही Grievance ऑफिसर की भी नियुक्ति होगी, जो सरकार और शिकायत करने वाले लोगों के प्रति जवाबदेह होंगे।

क्या अभी नहीं है सख्त नियम?

मौजूदा समय में यह सभी social media कंपनिया खुद यह तय करती है की, क्या सही है और क्या गलत। मगर नए कानून के चलने अब उन्हें सभी शिकायतों पर गंभीरता के काम करना परेगा और अपने platforms पर किसी भी गलत काम को रोकने के पुख्ता इंतजाम करने पड़ेंगे। अब इन सभी चीजों के प्रति यह सभी कंपनिया कोई बहाना नही बना पाएंगी। इन सब के अलावा अब fake न्यूज़, fake अकाउंट और हिंसा को बढ़ावा देने वाले messages को रोकने के लिए भी कड़े नियम बनाए गए है, जैसे की –

● अब टेक्नोलॉजी और social media कंपनियों को यह बताना होगा की, किसी fake न्यूज़ या हिंसक messages को पोस्ट करने वाला पहला व्यक्ति कौन था, ताकि उनके खिलाफ आगे चलकर सख्त कदम उठाए जा सके।

● अभी के समय में कोई fake न्यूज़ या हिंसा को बढ़ावा देने वाले messages को काफी ज्यादा forward और share किया जाता है, जिस कारण उसे पहली बार पोस्ट करने वाले का पता लगाना काफी ज्यादा मुश्किल होता हैं।

● किसी पोस्ट के माद्यम से राष्ट्रिय एकता और अखंडता को तोड़ने का प्रयास करने वालों के खिलाफ सक्त करवाई की जाएगी, जिसमे 5 साल या उससे अधिक जेल का प्रावधान भी शामिल है।

● अब टेक्नोलॉजी और social media कंपनियों को अपने users से जुड़े जानकारियों को verify करना होगा, ताकि कोई fake अकाउंट ना बना सके।

● अब इन social media कंपनियों को किसी का पोस्ट delete करने या अकाउंट को suspend करने की ठोस वजह बतानी होगी। फलस्वरूप अब इन कामों को कंपनिया बिना किसी वजह के नही कर पाएंगी।

● अब अगर सरकार या अदालत किसी जानकारी को भारत विरोधी या गैर क़ानूनी मानती है, तो ऐसी जानकारी को कंपनियों द्वारा तुरंत हटाना होगा।

डिजिटल मीडिया पर क्या होगा असर?

सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी कंपनियों के अलावा भी सरकार ने अब digital media कंपनियों के लिए भी काफी सारे नियम बनाए है। जैसे की –

● अब झूठी खबरे को अपने मीडिया platform पे चलाने पर माफ़ी मंगनी होगी, साथ ही उसका स्पष्टीकरण भी देना पड़ेगा।

● अब OTT platforms को भी नियमों के दायरे में ही काम करना होगा। फिल्मों के censor board के तरह ही अब इनको भी अपने लिए एक regulation body बनानी होगी, जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के retired जज करेंगे।

● फिल्मों के तरह ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग platforms पर भी उम्र के हिसाब से certification की व्यवस्था होगी, और इसके लिए उन्हें पांच categories में बांटा जाएगा।

● यह categories होगी (U) यानि universal, (UA 7+), (UA 13+), (UA 16+), Adult (A) | अभी तक ऑनलाइन रिलीज़ होने वाली फिल्मों के लिए या webseries के लिए ऐसा कोई भी नियम मौजूद नही था।

● जिन फिल्मों को 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे नही देख सकते, उनमे अब parental लॉक लगाना होगा, और उनके parents को यह जानकारी देनी पड़ेगी की यह फिल्मे बच्चो के देखने लायक नही है।

● अब digital websites और portal को भी “Press council of india” और “Cable network act ” का पालन करना होगा।

सरकार द्वारा अभी यह कहा गया है की, इन सभी नियमों को तीन महीनों के बाद लागु कर दिया जाएगा। यानि इन सभी कंपनियों के पास अभी तीन महीनों का वक़्त है, ताकि वह इन नए नियमों के अनुसार अपने system को दुरुस्त कर पाए। साथ ही अपने users को एक बहतरीन और साफ़-सुतरा platform प्रदान कर सके। तो चलिए अब हम जानते है की आम लोगों पर इन नियमों का क्या असर होगा –

● अब कोई अपना fake अकाउंट नही बना पाएगा।

● अब कही भी अपना अकाउंट बनाने पर उसको verify करना अनिवार्य होगा।

● अब आपत्तिजनक posts को share करने पर सजा हो जाएगी।

● अब न्यूज़ वेबसाइट और पोर्टल पर किसी गलत जानकारी को फ़ैलाने पर भी कारवाई की जाएगी।

● अब OTT platforms पर आप अपनी उम्र के हिसाब से ही फिल्मे देख पाएंगे।

FAQ (Frequently asked questions)

आइए अब हम जानते कुछ ऐसे सवाल और उनके जवाब, जो अक्सर लोगों द्वारा इस नए नियमों के विषय पर पूछे जाते है –

Q. क्या fake न्यूज़ फ़ैलाने वालों की जानकारी सरकार को देने से लोगों के निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा?

A. नहीं, सरकार का कहना है की वह सिर्फ उनकी जानकारी मांग रही है जो गलत चीज़े पोस्ट करेंगे। और उनकी जानकारी लेने पर किसी के निजता के अधिकार का उल्लंघन नही होगा।

Q. क्या अब सरकार का सोशल मीडिया पर दखल बढ़ जाएगा?

A. बिलकुल नही, इन नियमों को सरकार द्वारा fake न्यूज़ और आपत्तिजनक चीजों को रोकने के लिए बनाया गया है, ना की किसी platform पर काबू पाने के लिए।

Q. क्या अब राजनीतिक पार्टियों के सोशल मीडिया भी इन सभी नियमों के दायरे में आएंगे?

A. हां, अब यह सभी इसके दायरे में आएंगे, क्युकी नियम सबके लिए बराबर है।

Q. क्या बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनिया इन नियमों को मानने से इंकार भी कर सकते है?

A. नहीं, कितनी भी बड़ी कंपनी क्यों ना हो, अगर उन्हें इस देश में काम करना है तो उन्हें इन सभी नियमों का पालन तो करना ही होगा।

Q. इन नियमों का उल्लंघन होने पर क्या होगा?

A. नियमों के उल्लंघन पर भारत सरकार के IT Act 2000 के तहत कारवाई होगी।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस article को अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।


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