Virtual Reality क्या होता है? | What is virtual reality in hindi?
आज हम जो भी चीज़े हमारे आस-पास देखते है, उसे reality कहा जाता है, यानि की वह चीज़े जो सच में हमारे आस-पास मौजूद है | जैसे की पेड़-पौधे, पहाड़, buildings, कोई व्यक्ति या वस्तु, इत्यादि | ये वह सारी चीज़े होती है, जिन्हें हम खुद से देख या मह्सुश कर सकते है | ठीक उसी तरह, अगर हम इन सब चीजों को computer द्वारा बना सके, तो फिर ये अहसास कैसा होगा? आपने बिल्कुल सही समझा, ये एक बहुत ही अद्भुत अनुभव होगा अगर हमे ऐसा कुछ देखने को मिले |
आज के समय में ऐसी कुछ तकनीकों पे काम हो रहा, जिनकी मदद से ऐसा माहौल तैयार किया जाता है, जो की देखने में और मह्सुश करने में बिल्कुल असली लगती है | इस तकनीक को कहा जाता है “Virtual reality (VR)”| तो आइए आज हम जानते है इसके बारे में कुछ ऐसी बाते जो शायद ही आपको मालूम हो |
Table of Contents
Virtual reality क्या है? (What is Virtual reality in hindi)
Virtual reality computer द्वारा तैयार किए गए वातावरण को कहा जाता है, जिसे किसी विशिष्ट वातावरण में किसी व्यक्ति की भौतिक उपस्थिति का अनुकरण करने के लिए design किया जाता है| इसे बिलकुल इस तरह बनाया जाता है, की इससे बनने वाले design और environment असली वातावरण के अनुभव का अहसास करवा सके | Virtual reality का उद्देश्य किसी व्यक्ति को पर्यावरण को अनुभव करने और उसमे हेरफेर करने की अनुमति देना होता है, ठीक उसी तरह जिस तरह वास्तविक दुनिया में एक व्यक्ति कर सकता है |
आज सबसे अच्छे इस्तेमाल में लाने वाले Virtual reality अपने users को सबसे अच्छी और सबसे सटीक, बिल्कुल असली जैसा अनुभव करवाने वाले वातावरण बना कर देने में पूरी तरह सक्षम है | कभी-कभी लोग इस तकनीक को 3-D टेक्नोलॉजी के साथ तुलना कर लेते है, मगर यहाँ सबसे बड़ा अंतर ये है की virtual reality (VR) को इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति खुद इसका हिस्सा होता है| इसी कारण आज के समय में कई सारे बेहतरीन games इस तकनीक का इस्तेमाल करते है, ताकि वे अपने players को वास्तविकता का अहसास करवा सके |
एक virtual reality के वातावरण को life-sized तस्वीरों की मदद से तैयार किया जाता है, ताकि एक user को बिल्कुल असली माहौल में होने का अहसास हो सके | वह system जिसकी मदद से एक virtual reality काम करता है, वह users के motion को ट्रैक करता है, जैसे की आँखों की हरकत या फिर सिर की position, और इन्ही सब हरकत के अनुसार आस-पास के virtual माहौल को बदलता रहता है | इसी कारण एक user को हर वक़्त ऐसा अहसास होता है, जैसे की वह वास्तविक में ही उस माहौल में मौजूद हो |
Virtual reality का इतिहास? (History of Virtual reality in hindi)
साल 1962 में Cinematographer “Morton Heilig” ने एक VR मशीन बनाई जिसका नाम रखा गया “Sensorama”| इस मशीन को इसलिए बनाया गया था, ताकि दर्शकों को एक बेहतरीन और संपूर्ण सिनेमा का अहसास करवाया जा सके | आज इस मशीन को दुनिया का सबसे पहला virtual reality मशीन माना जाता है | इसके बाद Heilig ने Telesphere Mask बनाया, जिसे की पहला VR Head Mounted Display (HMD) माना जाता है |
इसके कुछ समय बाद ही पहला motion ट्रैक करने वाला HMD, Philco corporation द्वारा बनाया गया, जिसे “Head Sight” कहा गया | इसे खास कर military के उपयोग के लिए बनाया गया था | इसकी video स्क्रीन कैमरों से जुड़ी हुई होती थी, और सिर के motion से इसे ट्रिगर किया जाता था | ये military के इस्तेमाल और ट्रेनिंग दोनों में काम आती थी |
साल 1968 में, अमेरिकी scientist “Ivan Sutherland” ने अपने शिष्य “Bob Sproull” के साथ मिलकर पहला virtual reality headset बनाया | ये user को एक 3-D माहौल का अहसास कराती थी | आज इसी design को आधुनिक VR headset में इस्तेमाल होने वाली तकनीकों का शुरुआती रूप माना जाता है |
Virtual reality के features? (Features of Virtual reality in hindi)
Virtual reality के कई essential features होते है, जिनमे से कुछ है –
Interactive
इसका मतलब एक virtual वर्ल्ड को अपने user के motion के साथ हरकत करनी पड़ेगी, जिसकी मदद से user को एक असली जैसे माहौल का अहसास होगा | अगर कोई system अच्छे से user के साथ interact नहीं कर पा रहा है, तब उसे अच्छा virtual reality नही माना जाएगा |
Believable
इसका मतलब अपने user को virtually बनाए गए माहौल पर पूरी तरह यकीन करवाना है | ताकि उन्हें यह बिलकुल भी पता ना चल पाए की ये एक virtual reality है या नहीं |
Explorable
इसका मतलब एक virtual reality माहौल को काफी detail में बना होने चाहिए, ताकि वह ज्यादा realistic लग सके | अगर किसी virtual system को ज्यादा detail में नहीं बनाया गया हो, तब उसे explore करना काफी ज्यादा मुश्किल होता है |
Computer-generated
इसका मतलब है की virtual reality को powerful machines द्वारा बनाया जाना चाहिए, ताकि वह अपने user के motion के साथ अच्छी तरह ताल-मेल बना सके और उन्हें एक बेहतरीन virtual दुनिया का अहसास करवा सके |
Immersive
एक virtual reality वातावरण को ज्यादा believable और interactive बनाने के लिए उसे user के दोनों body और mind को immerse करना होगा | अगर कोई चीज़ ज्यादा आकर्षक नहीं होगी, तब ये हमारे मन को ज्यादा आकर्षित नहीं कर सकेगी, और इसी कारण एक user reality और virtual reality में फर्क साफ़ महसूस कर पाएगा | इसलिए एक virtually तैयार किया गया माहौल जितना ज्यादा immersive होगा,उतनी ही ज्यादा ये real प्रतीत होगा |
Virtual reality के प्रकार? (Types of Virtual reality in hindi)
Virtual reality के कई अलग-अलग प्रकार होते है, जिनमे से कुछ है –
Fully-immersive
इस प्रकार के virtual reality में एक user को पूरी तरह एक virtual माहौल का अनुभव करवाया जाता है | एक complete virtual reality के experience के लिए कुछ चीजों का होता अति आवश्यक है, जैसे की एक detail में बनाया गया computer मॉडल या simulation | इसके अलावा एक powerful computer जो user के motion को detect कर सके, ताकि user के आस-पास के माहौल को लगातार real-time में computer द्वारा बदला जा सके, जिसके कारण user को एक संपूर्ण virtual माहौल का अहसास होता रहे |
और तीसरा hardware जिसकी मदद से user उस virtually बनाए गए माहौल के साथ interact कर सके | उदाहरण के लिए अगर हम head-mounted display (HMD) का इस्तेमाल करे, तो ये हमे अपनी दो screen, sensors और stereo sound की मदद से एक संपूर्ण virtual दुनिया का अहसास कराती है |
Non-immersive
यह virtual reality का वह प्रकार है जो की fully immersive नही होती, मगर काफी हद तक उसके करीब होती है | इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, क्युकि काफी जगहों पर fully immersive virtual reality की जरुरत नही होती | उदाहरण के लिए एक flight simulator जिसमे बड़े screen लगे हुए होते है, और साथ ही headphones और surrounding sounds की मदद से virtual माहौल तैयार किया जाता है | यहाँ इस माहौल में चीजों को control करने के लिए joystick जैसे devices का इस्तेमाल किया जाता है |
Web-based
ये इस तरह की virtual reality होती जिसे web यानि world wide wave पे बनाया जा सकता है | शुरुआती 1980 और 1990 के दशकों में virtual reality काफी ज्यादा लोकप्रियता बतौर रहा था, और इसमें काफी ज्यादा तेजी से development भी हो रहा था | मगर world wide web के आने पर इसकी लोकप्रियता थोड़ी कम हो गई | हालाकी computer scientists ने web पर virtual reality बनाने का तरीका ढूंढ लिया था, मगर ये उस वक़्त ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हो पाया |
Augmented reality
यह एक virtual reality का प्रकार है, जो हमारे real world के experience को virtual world के जानकारियों के साथ जोड़ती है, जिसे हम collectively Web में create करते हैं| उदाहरण के लिए अगर हम अपने smart phone को किसी निर्जीव वस्तु या स्थान जैसे की कोई landmark या building के सामने रखते है, तब ये अपने screen पर इन्हें virtually सजीव दिखाने लगती है | ये सब बेहतरीन computing power की मदद से किया जाता है, जो की हमारे mobile devices में होती है |
Virtual reality का इस्तेमाल किन-किन छेत्रों में होता हैं? (Application of Virtual reality in hindi)
आज के समय में virtual reality का इस्तेमाल कई छेत्रों में किया जाता है, जैसे की –
Medicine
आजकल हमारी मेडिकल science ने काफी ज्यादा तरक्की कर ली है, और इसकी मदद से आज काफी अलग-अलग तरह की medicines को बनाया जाता है, जिसके इस्तेमाल से काफी तरह की बीमारियों को जड़ से खत्म करने में काफी ज्यादा मदद मिलती है | आज medicine के छेत्र में virtual reality का काफी ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है | इसकी मदद से काफी तरह के experiments किए जाते है, जिनकी मदद से नए-नए तरह के drugs को बनाया जाता है | यहाँ virtual माहौल बनाकर उन में इन सारी नई बनाई गई drugs को test किया जाता है, ताकि भविष्य में इनका इस्तेमाल करके नई बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सके |
Education
शिक्षा के छेत्र में भी आज virtual reality का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है | इनकी मदद से teachers छात्रों को नई-नई चीज़े बड़े आसानी से समझा सकते है | Virtual reality का इस्तेमाल करके एक काफी interactive माहौल तैयार किया जाता है, ताकि छात्रों को किसी विषय के बारे में अच्छे से और interesting तरीके से समझाया जा सके | आज कई स्थानों पर smart class के ज़रिये virtual reality का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि पढने-पढ़ाने के माहौल को काफी interactive और मजेदार बनाया जा सके |
Scientific research
आज कई तरह की scientistific experiments में virtually बनाए गए simulators का इस्तेमाल किया जाता है | इनकी मदद से नई-नई बनायीं हुई चीजों को virtually बनाए गए वातावरण में test किया जाता है, ताकि उन चीजों में असली में इस्तेमाल के समय आने वाली परेशानियों को दूर किया जा सके, और उन्हें पूरी तरह सक्षम बनाया जा सके |
Games&Entertainment
आज के समय में काफी तरह की games का निर्माण इस virtual reality तकनीक का इस्तेमाल करके किया जाता है | जैसे की कई तरह के simulators बनाए जाते है, जिनका इस्तेमाल करके एक user उस माहौल का पूरा मज़ा ले सके | उदाहरण के लिए जैसे की flight simulators या कार simulators, जिनका इस्तेमाल करके एक user बिल्कुल असली में plane उड़ाने या कार चलाने का अनुभव ले सकता है | यहाँ virtual reality की मदद से माहौल को काफी ज्यादा enternaiting और रोमांचक बनाया जाता है | आज कई high end games का निर्माण इस तकनीक की मदद से किया जा रहा है |
Virtual reality में इस्तेमाल होने वाले सामान? (Equipments used in Virtual reality in hindi)
एक virtual reality के माहौल को बनाने के लिए काफी तरह के equipments का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमे से कुछ है –
Head mounted display
ये device एक हेलमेट की तरह होती है, जिसे एक user अपने सिर पे लगाते है | इसे पहनने पर यह user को एक 3-D virtual माहौल का अहसास कराती है, जो की user के motion यानि की सिर और आँखों की moment के साथ दिखने वाले माहौल को बदलती रहती है | इसी कारण इसे इस्तेमाल करने वाले को एक अद्भुत virtual वातावरण का अहसास होता है |
इसमें दो छोटी screens,प्रत्येक आँख के लिए एक, blackout blindfold जो की बाहरी lights को block करती है, ताकि user को real world से कोई distractions ना हो, और अच्छी आवाज़ के लिए stereo headphones भी लगे हुए होते है | इसमें लगे हुए sensors हर वक़्त user की हरकत को ट्रैक करते रहते है, ताकि उन्हें एक अच्छा virtual माहौल प्रदान कर सके |
Data gloves
जैसे की हम जानते है की virtual reality असली जैसे दिखने वाले माहौल को तैयार करता है | ठीक उसी तरह अगर एक user इन computer द्वारा बनाए गए माहौल की चीजों को छूना चाहे या उसे महसूस करना चाहे, तो ये करने में उनकी मदद Data gloves करते है | इन datagloves में sensors लगे हुए होते हैं जिन्हें की gloves के बाहरी side में लगाया जाता है, ताकि ये user के motion को अच्छी तरह detect कर सके, और virtually बनाए गए किसी चीज़ को स्पर्श करने पर उन्हें बिल्कुल असली जैसा अहसास हो |
यहाँ fiber-optic cables का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें की ऊँगली के लम्बाई के हिसाब से फैलाया जाता है | प्रत्येक cable में छोटे-छोटे छेद होते हैं, और जैसे-जैसे user अपनी उंगलियों को आगे-पीछे करते हैं, वैसे वैसे ज्यादा और कम light इन छेदों से होकर बाहर निकलती है | इन्ही lights को sensors द्वारा measure करके, असली जैसे अहसास को तैयार किया जाता है |
Wands
ये एक simple stick जैसा device होता है, जो की एक Data glove की तुलना में काफी ज्यादा सरल होता है | इस stick को virtually बनाए गए माहौल के साथ interact करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | इसमें built-in position सेंसर और motion सेंसर लगे हुए होते है | इसमें कंप्यूटर माउस जैसे button और scroll-wheel भी लगे हुए होते है, जो की virtual वातावरण के साथ interaction में काफी ज्यादा मदद प्रदान करते है |
Virtual reality में इस्तेमाल करने के फ़ायदे? (Advantage of using Virtual reality in hindi)
Virtual reality को इस्तेमाल करने के काफी सारे फायदे होते है, उनमें से कुछ है –
- इसे काफी सारे fields में इस्तेमाल किया जाता है | जैसे की education, military, इत्यादि | यहाँ इनकी मदद से दुसरो को ट्रेनिंग दी जाती है | इसकी सहायता से ऐसा माहौल तैयार किया जाता है, जो की देखने में बिल्कुल असली जैसा लगता है, और इसी कारण इसकी मदद से ट्रेनिंग लेने वालो को बिल्कुल असली माहौल का अहसास होता है, और वे अपनी training बहुत अच्छे से पूरा करते है |
- Avaition और Architecture के field में भी इसकी मदद से फाइनल product को analyse किया जाता है | यानि की किसी प्रोजेक्ट के असली रूप में पूरा होने पर वह कैसा लगेगा, उसकी एक नकल बनायीं जाती है, ताकि उसमे मौजूद ख़ामियों को दूर किया जा सके |
- Virtual reality को games में असली जैसा माहौल तैयार करने के लिए काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है | इसके इस्तेमाल से players को एक बिल्कुल अद्भुत माहौल में game को खेलने का मज़ा मिलता है, और उन्हें ऐसा लगता है, जैसे की वह खुद असली में उस game के अंदर समा गए है |
- इसकी मदद से बिल्कुल असली जैसा माहौल बनाया जाता है, और इसकी मदद से disable लोगो को काफी सहायता मिलती है, और वे इसकी मदद से असली दुनिया को explore कर सकते है |
- Virtual reality की सहायता से communication को भी अच्छा बनाया जा सकता है | ताकि लोग एक दुशरे से अच्छी तरह communicate कर सके, और उनके बीच के relationship और भी ज्यादा मजबूत बने |
- इसे scientists द्वारा भी अपने experiments को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और वे अपने experiments को एक बिल्कुल असली माहौल में test कर सकते है | इत्यादि |
Virtual reality में इस्तेमाल करने के नुकसान? (Disadvantage of using Virtual reality in hindi)
Virtual reality को इस्तेमाल करने के काफी नुकसान भी होते है | उनमें से कुछ है –
- इसे इस्तेमाल करने वाले कई बार इसके आदी हो जाते है | उन्हें इसकी addiction हो जाती है और वे इससे बाहर ही नहीं आना चाहते |
- Virtual reality का इस्तेमाल हद से ज्यादा करने पर किसी को असली और virtual माहौल में फर्क करने में परेशानी होने लगती है, और इस कारण उन्हें मानसिक तकलीफ़ का भी सामना करना पड़ सकता है |
- ये तकनीक काफी ज्यादा महंगी होती है | एक virtual reality माहौल को तैयार करने में काफी ज्यादा पैसे लगते है |
- भले ही Virtual reality की मदद से बिल्कुल असली जैसा माहौल तैयार करने की कोशिश की जाती है, मगर फिर भी कुछ ना कुछ difference इन सब में होता ही है | इसी लिए virtual training के साथ असली ट्रेनिंग का माहौल देना भी काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है |
- काफी जगहों पर इस्तेमाल होने के बावज़ूद, Virtual reality को काफी स्थानों पे experimental रूप से ही इस्तेमाल किया जाता है, और इसे पूरी तरह नही अपनाया जाता है| इत्यादि |
Virtual reality में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर? (Softwares used in Virtual reality in hindi)
इस तकनीक में आज काफी सारे softwares का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमे से कुछ है –
PriorVR
ये एक motion को capture करने वाला system होता है | इसकी मदद से एक user के motion यानि शरीर की हरकतों को capture किया जाता है, ताकि उसको एक काफी बेहतरीन virtual माहौल का अनुभव करवाया जा सके, जो की बिल्कुल असली जैसा लगे | यहाँ किसी keyboard या mouse की जगह सीधे user के motion का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि virtually बनाए गए माहौल को लगातार बदला जा सके |
Unity
यह software किसी C.A.D यानि computer added design या फिर BIM मॉडल को virtual reality में बदलने का काम करती है | इसे किसी प्रोग्रामिंग language की मदद से तैयार किया जाता है | आज इसके इस्तेमाल से कई तरह की games का निर्माण किया जाता है |
Unreal
यह काफी सारे tools का एक suite होता है, जिसका इस्तेमाल developers द्वारा नए-नए games और virtual reality को बनाने में किया जाता है |
Edgewise
इसका इस्तेमाल 3D पॉइंट क्लाउड को 3D मॉडल में बदलने के लिए किया जाता है | ये models तैयार करने में काफी ज्यादा efficient होता है, ताकि इसके मदद बेहतरीन से बेहतरीन virtual वातावरण को तैयार किया जा सके |
आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस article को अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।
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