दुनिया का सबसे महेंगा आम? | Most expensive, rare mango in hindi
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अगर देखा जाए तो, आज दुनिया में अमीर लोगों की काफी भरमार है, जिनके पास दौलत और शोहरत की कोई कमी नहीं होती। साथ ही यह लोग अपने शौक पूरे करने के लिए अपने पैसों को भी खुले आम खर्च भी करते है। कई लोग अपना शौक पूरा करने के लिए महेंगी गाड़िया लेते है, तो कई लोगों का शौक महेंगी घड़ियों का होता है। मगर जो भी हो, यह लोग अपने शौक के लिए पैसे खर्च करने से कभी भी पीछे नही हटते।
मगर कई अमीर लोग ऐसे भी होते है, जो काफी साधारण वस्तुओं के लिए भी अच्छी खासी रकम खर्च कर देते है। जैसे कोई आम, जी हां आपने बिलकुल सही सुना, आज कई लोग एक तरह के आम के लिए भी अच्छी खासी रकम खर्च करने को तैयार रहते है।
आज दुनिया में एक तरह का आम बिकता है, जिनकी कीमत हजारों डॉलर होती है । इससे यह तो साबित होता है की यह कोई साधारण आम नहीं, जिसे हम खरीद कर अपने फ्रिज में रखे और भूल जाए।
अब सवाल उठता है की यह कौन सा आम है, जो इतना ज्यादा महंगा बिकता है? और किन कारणों से लोग इस इतने महेंगे आम को खरीदते है? तो आइए आज हम जानते है इस अनोखे आम के बारे में कुछ ऐसी रोचक बातें, जिनके बारे में शायद ही आपको मालूम हो।
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क्या है यह दुनिया का सबसे दुर्लभ आम? (Most rare mango in earth)
दुनिया के अधिकांश आम का उत्पादित भारत में होता हैं, जो की वैश्विक व्यापार का 46% हिस्सा है। हालांकि, दुनिया में सबसे महंगे प्रकार के आमों पर काफी असहमति बनी रहती है । क्योंकि प्रत्येक देश अपने स्वयं के आम के प्रकारों को अमूल्य और उच्चतम गुणवत्ता वाला मानते है, और उन्हें ही बढ़ावा देना चाहते हैं, ताकि उनके व्यापार को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके।
हालांकि, सबसे सम्मानित स्रोतों द्वारा जापान के “मियाजाकी आम” को दुनिया के सबसे महंगे आम के रूप में उद्धृत किया जाता हैं । इस आम को जापानी में “Taiyo no Tamago” या “egg of the sun” यानी की सूरज का अंडा भी कहा जाता है, और इस आम की एक जोड़ी लगभग $3600 डॉलर में बिकती है।
यह दुर्लभ आम कैसे पहुंचा इतनी दूर?
आम जिसे फलों का राजा भी कहा जाता है, दक्षिण एशिया का मूल निवासी है। इसी कारण इसे भारत और पाकिस्तान का राष्ट्रीय फल और बांग्लादेश का राष्ट्रीय वृक्ष माना जाता है। तो यह कैसे संभव है कि सबसे महंगी विविधता वाला यह आम यहां के जगह हजार मील दूर जापान पहुंच गया, जहां साल 1980 के मध्य तक आमों की कोई पैदावार ही नही की जाती थी? इसका सीधा जवाब है वहां का मौसम।
वास्तव में, मियाज़ाकी आम विशेष रूप से केवल जापान के मियाज़ाकी प्रान्त में उगाए जाते हैं । इसलिए इस rare mango का नाम देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित “क्यूशू द्वीप” के नाम पर रखा गया है । इस स्थान की जलवायु भारत के कुछ हिस्सों के काफी समान है। जापान के इस भाग में भारी वर्षा के साथ एक उष्णकटिबंधीय जलवायु मौजूद है, जो इस rare mango की पैदावार के लिए एक बेहतरीन परिस्थिति तैयार करती है।
क्यूशू द्वीप पर किसानों द्वारा महंगे आला फल उगाने का इतिहास रहा है । वे लोग पहले “satsuma mandarin” संतरे उगाने के लिए जाने जाते थे, और अभी भी वहां अन्य स्थानीय व्यंजनों की खेती की जाती हैं, जो दुनिया के सिर्फ इसी हिस्से में अधिक पाए जाते हैं।
लेकिन जब देश के अन्य किसानों ने इन्हें टक्कर देने के लिए संतरों की खेती करना शुरू कर दिया, तब इस क्षेत्र के किसानों ने केवल आमों पर ध्यान दिया । पूरे देश में संतरों की खेती होने के कारण बाजारों में संतरों की बाढ़ आ गयी, परिणामस्वरूप इनकी कीमतों में भारी गिरावट हो गई।
इतने महेंगे होने का क्या है कारण? (Why rare mango is so expensive)
इसका एक जवाब उन्हें पेश करने के अंदाज़ में है। “Ruby red miyazaki” आमों को हमेशा जोड़ियो में बेचा जाता है, जो एक सुन्दर गद्दीदार डिब्बे में पैक किए हुआ रहते है। ऐसा इन्हें किसी भी तरह की खराबी से बचाने के लिए किया जाता है, ताकि गलती से गिर जाने पर यह ख़राब ना हो सके। यह rare mango गहरे लाल रंग के होते है, और इसे प्राप्त करने के लिए इन आमों को बहुत ही अनोखे तरीके से और समय लगाकर उगाया जाता है।
हर छोटे आम को एक अलग नेट में रखा जाता है, और उन्हें एक ग्रीन हाउस के छत पर से लटका कर रखा जाता है। जिन बीजों से लाल मियाज़ाकि आम बनते है, वह किसी साधारण लाल आमों के बीज जैसे ही होते है। फर्क इनके खेती के तरीकों में होते है, जो इन्हें उगाने वाले किसान इन्हें प्रदान करते है। जिस कारण यह आम इतने ज्यादा खास और महेंगे होते है।
क्या है दुर्लभ आम को उगाने का तरीका? (Rare mango cultivation process)
इस rare mango के प्रत्येक बीज के चारों ओर लगाए गए जाल आम को लगभग पूरी तरह से गोल आकार देने में काफी ज्यादा मदद करते है । साथ ही हर आम के नीचे रौशनी को reflect यानी की प्रतिबिंबित करने वाला एक पत्ता रखा जाता है, ताकि हर आम को समान रूप से सूरज की रोशनी मिल सके। इस प्रकार मियाज़ाकी आमों को उनके गहरे लाल रंग मिलते हैं।
यदि कोई अन्य छोटा फल पौधे से बाहर निकलने लगता है, तो किसान यह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें काट कर हटा देते हैं कि सभी पोषक तत्व सिर्फ आम के फल को ही मिले। इस rare mango की कटाई खुद करने के बजाय, किसान अपना समय लगाकर इंतजार करते है, जब तक कि ना आम पूरी तरह से पक जाए और पौधे से टूट कर जाल में खुद ही ना गिर जाए। इस प्रकार उन्हें एक उत्तम गुणवत्ता का आम प्राप्त होता है।
साथ ही तैयार होने के बाद इन आमों को quality control से भी गुजरना पड़ता है । इस टेस्ट में यह सुनिश्चित किया जाता है की, इस आम में sugar की मात्रा 15% से ज्यादा ना हो, और वज़न कम से कम 350 ग्राम हो, जो की किसी साधारण आम से काफी ज्यादा होता है। इन्ही कारणों से शायद इसे खाना हमारे लिए ज्यादा सेहतमंद ना हो । मगर अपने खाने के शौक के सामने इन सारी बातों का कोई मोल नही।
कैसा होता है स्वाद? (Most rare mango taste)
जो लोग अपना काफी पैसा खर्च करके इस आम को खाते है, उनका कहना है की यह काफी लाजवाब होता है। इस rare mango का स्वाद किसी कैंडी के तरह होता है, जिसमें नारियल और अनानास की हलकी महक भी शामिल होती है। बिल्कुल किसी अच्छे कॉकटेल ड्रिंक की तरह, जिसे खाकर आप तृप्त हो जाओ।
दुर्लभ आम क्यों नहीं बिकते हर जगह?
हालाँकि सभी miyazaki आम इतने महेंगे नही बिकते। आम तौर पर इनकी जोड़ी लगभग $50 डॉलर में बिकती है । साथ ही इनमे चीनी की ज्यादा मात्रा और इतना वज़नदार होने के कारण यह ज्यादातर दुकानों पर बिकते ही नही। इन्हें ज्यादातर जापान के अलग-अलग departmental stores में एक गिफ्ट item की तरह बेचा जाता है, जिस कारण यह इतने महेंगे हो जाते है।
मगर जो भी हो, इनके लोकप्रिय होने और ऊँचे दामों पर बिकने से इनकी खेती करने वाले किसानों को काफी उत्साह मिलता है, और उन्हें इस मेहनत के काम को आगे करते रहने की काफी प्रेरणा भी मिलती है।
उपहार के रूप में फल? (Rare mango as gift)
शायद आपको यह जानकर काफी अजीब लग रहा हो, की जापान में इस rare mango को उपहार के रूप में दिया जाता है। मगर जापान में उपहार के रूप में फलों को देने का पुराना इतिहास रहा है। 19वी सदी से ही जापान में boutique fruit markets का चलन रहा है, जहां से लोग अपने प्रियजनों को उपहार में देने के लिए अलग-अलग किस्म के फलों को खरीदते है।
आज जापान में बड़े-बजे समारोह और यहां तक की व्यावसायिक अवसरों पर भी फलों को उपहार में दिया जाता है। और ऐसा माना जाता है की इन्हें देने से लोगों के बीच मान-सम्मान काफी ज्यादा बढ़ता है, और वे एक दूसरे की काफी इज्जत करने लगते है।
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