Nationalist movement in indo-china

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साथ ही हमारे इन महत्वपूर्ण और point-to-point notes की मदद से आप भी खुदको इतना सक्षम बना पाओगे, की आप इस chapter “the nationalist movement in indo-china” से आने वाली किसी भी तरह के प्रश्न को खुद से ही आसानी से बनाकर अपने परीक्षा में अच्छे से अच्छे नंबर हासिल कर लोगे।

तो आइये अब हम शुरु करते है “the nationalist movement in indo-china” पे आधारित यह एक तरह का summary या crash course, जो इस topic पर आपके ज्ञान को बढ़ाने के करेगा आपकी पूरी मदद।

Table of Contents

Nationalist movement in indo-china का मतलब क्या है?

Nationalist movement यानि की राष्ट्रवादी आंदोलन का मकसद होता है किसी देश को आजाद करवाना और उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना। तो यहाँ बात हो रही है “indo-china” की जिसमे की तीन देश आते है – vietnam, cambodia, और laos, जहा के लोगो ने यह आन्दोलन किया। तो इस अध्याय में हम मुख्य रूप से “Vietnam” की कहानी जानेंगे, की कैसे उन्हें स्वतंत्रता मिली।  

क्या थी कहानी पुराने समय से? 

वियतनाम चीनी साम्राज्य ने अंदर आता था, इसीलिए जब वियतनाम को आज़ादी मिली तो विएतनामी संस्कृति पर चीन का काफी प्रभाव था। जैसे की –

  • वियतनाम को आज़ादी मिलने के बाद भी वो चीनी सरकार के रूप और तौर-तरीको का ही पालन करते थे। 
  • चीनी भाषा अब शिक्षित वियतनामी लोगो की भाषा बन चुकी थी।
  • “Confucianism” जो की एक चीनी धर्म था, उसका वियतनाम में काफी ज्यादा महत्त्व था। 

वियतनाम में फ्रांसीसी सैनिक?

वियतनाम में आजादी के बाद सब सही चल रहा था, मगर साल 1858 में वहा फ्रांसीसी सैनिक पहुच गए और 1880 के दशक के मध्य तक वहा के उत्तरी क्षेत्र पर अपनी अच्छी खासी पकड़ बना लेती है। 

फ्रांस ने वियतनाम में कब्ज़ा कैसे किया?

साल 1887 में फ्रांस और चीन की लड़ाई हुई, और फिर french ने “Tonkin” और “Anaam” नाम जगहों पर कब्ज़ा कर लिया। और तब french indo-china तैयार हो गया। फिर फ्रांस अपनी ताकत और ज्यादा बढ़ाने लगी, और विएतनामी संस्कृति को बदलने की कोशिश करने लगी। 

तब फ्रांस के बढ़ते प्रभाव को देखकर वहा के एक मसहुर अंधे कवि “”Ngyuyen Dinh Chicu” ने बोला की “मैं देशद्रोहियों का चेहरा देखने के बजाय शाश्वत अंधकार का सामना करना पसंद करूंगा”। फ्रांस का मानना था की कालोनियों का होना काफी जरुरी है। और कॉलोनी उन देशो को कहा जाता था जिनपर दूसरे देशो का राज हो, यानि की तब वियतनाम एक french कॉलोनी बन चुकी थी।

French को कॉलोनी का होना जरुरी क्यों लगता था?

  • कॉलोनी इसलिए जरुरी मानी जाती थी, ताकि उनसे प्राकृतिक संसाधन और बाकि जरुरी सामानों की आपूर्ति करी जा सके। यानि की french वियतनाम की प्राकृतिक संसाधनों को फ्रांस में उपलब्ध करवाना चाहते थे।
  • यूरोपीय देश colonies को एक मार्केट की तरह इस्तेमाल करती थी, जहा वे अपना तैयार माल बेचकर अच्छे पैसे कमा सके। 
  • फ्रांस का मानना था की, उन्नत यूरोपीय देशो का मिशन है की वो पिछड़े देशो में उन्नत सभ्यता के लाभ पहुचाये।  

वियतनाम में फ्रांस द्वारा की गयी विकास परियोजनाएं? 

वियतनाम में कृषि को बढ़ाने के लिए, फ्रांस ने “Mekong Delta” में नहरें और जल निकासी भूमि बनाई, ताकि वहा सिंचाई अच्छी हो जाये और वहा का कृषि पैदावार बढ़ जाये। इस कारण वहा चावल का पैदावार इतना ज्यादा बढ़ गया की, वियतनाम साल 1931 तक तीसरा सबसे बड़ा exporter यानि की निर्यातक बन चूका था। 

साथ ही वहा रास्ते और रेलवे लाइन बनाई गयी, ताकि अच्छे व्यापार के लिए सामानों का परिवहन अच्छे से किया जा सके, और सेना को भी एक जगह से दूसरी जगह पहुचने में आसानी हो। इसमें से दो रेलवे लाइन थी “Transindo-china” लाइन जो की  उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम और साथ ही चीन को साथ में जोडती थी, और एक दूसरी लाइन जो की Combodia की राजधानी “Phnom Penh” से होते हुए “Vietnam” और “Siam” को जोड़ती थी। और Siam थाईलैंड का पुराना नाम है।

French का कहना था की वो वियतनाम में आधुनिक शिक्षा को ला रहे है। साथ ही फ्रांस ने काफी भूमि सुधार किये ताकि कृषि उत्पादन बढ़े और वहा गरीबी को कम किया जा सके। और तो और French ने वहा पर बंदरगाहों का निर्माण भी किया, ताकि व्यापार को बढाया जा सके, और सामानों को बाहर देशो में भेजा जा सके।

कॉलोनी के हालात?

तब एक “Paul Bernard” नाम के प्रभावशाली लेखक और नीति निर्माता थे, जिनका मानना था की कॉलोनियो की अर्थव्यवस्था को विकसित किया जाना चाहिए, क्युकी कॉलोनियो को प्राप्त करना का मकसद मुनाफ़ा कमाना ही था। और अगर इनकी अर्थव्यवस्था को विकसित किया जायेगा और लोगो के जीवन स्तर को बहतर बनाया जायेगा, तभी वो ज्यादा चीज़े खरीद पाएंगे। इससे वहा का मार्केट बढेगा और french business को काफी मनाफा होगा।

साथ ही उन्होंने यह भी बताया की तीन चीज़े वियतनाम के अच्छे अर्थव्यवस्था के लिए रुकावट बन रही है, जो की थे –

  • पहली थी वहा की उच्च जनसंख्या स्तर।
  • दूसरी थी, वहा की कम कृषि उत्पादकता।
  • और तीसरी, की वहां के किसान काफी ज्यादा कर्ज में दुबे हुए थे। 

तब वियतनाम की अर्थव्यवस्था दो चीजों पर टिकी हुई थी, एक था चावल का उत्पादन और दूसरा रबर की खेती। इसीलिए फ्रांस ने वियतनाम में industrialisation यानि की औद्योगीकरण लाने की कोशिश करी। हालाँकि french का मकसद सिर्फ अर्थव्यवस्था को सुधारना नही था, बल्कि colonization से वो वियतनाम को civilised यानि की सभ्य भी बनाना चाहते थे।

जैसा की फ्रांस का यह मानना था की, उन्नत यूरोपीय देशो का मिशन है की वो पिछड़े देशो में उन्नत सभ्यता के लाभ पहुचाये। और इसका सबसे अच्छा तरीका था लोगो में अच्छी शिक्षा को पहुचाना। मगर तब french ने सामने एक दुविधा आ गयी –

  • उनके सामने समस्या थी की वियतनाम के लोगों को कितना पढाना है, क्युकी अगर वो ज्यादा पढ़-लिख लिए तो वो colonization पर ही सवाल उठाने लगेंगे।
  • जो फ्रांस के नागरिक वियतनाम में रह रहे थे, जिन्हें “colons” भी खा जाता था, उनको यह डर था की, उनकी नौकरिया पढ़े-लिखे विएतनामी लोग ना ले जाए। जैसे की शिक्षक, पुलिस, दुकानदार, आदि जैसी नौकरिया। और इसीलिए वो चाहते थे की विएतनामी लोगो को पूरी french education का दी जाये।
  • साथ ही वे इस दुविधा में फसे हुए थी की, स्कूल में किस भाषा का इस्तेमाल किया जाये french या फिर vietnamese भाषा।

क्या था भाषा की दुविधा का हल?

इस समस्या पर अलग-अलग सुझाव आए, कुछ नीति निर्माताओं का कहना था की french भाषा को ही स्कूलों में निर्देश देने का माध्यम बनाया जाए। इससे वियतनाम के लोग फ्रांसीसी संस्कृति और सभ्यता के बारे में जान पाएंगे और पढ़े-लिखे विएतनामी लोग फ्रांसीसी भावनाओं और आदर्शों का सम्मान करेंगे, और साथ ही french के लिए काम भी करेंगे।

वही बाकियों का मानना था की, स्कूलों में french भाषा को निर्देश का माध्यम नही बनाया चाहिए। उन्होंने यह सुझाव दिया की छोटी कक्षाओ में विएतनामी और बड़ी कक्षाओ में french पढाई जाए, और जो french सिख ले, और साथ ही फ्रांसीसी संस्कृति को अपनाले उन्हें इनाम में फ्रांस की नागरिकता दी जाए।  

फ्रेंच शिक्षा प्रणाली की कमियां?

हालाँकि फ्रांसीसी शिक्षा प्रणाली में कई सारी कमिया भी थी, जैसे की – 

  • वियतनाम में शिक्षा सिर्फ अमीर लोगो तक ही सीमित थी, और वहा के गरीब लोगों को अभी भी अच्छी शिक्षा नही मिल पा रही थी।
  • फ्रांसीसी सरकार एक नीति का पालन करती थी, जो की था, जान बुझकर छात्रों को fail करना, और इस कारण से सिर्फ लगभग एक तिहाई बच्चे ही पास हो पाते थे। इस नीति का पालन इसीलिए किया जाता था, ताकि वियतनाम के लोग अच्छी नौकरियों के लिए योग्य ना बन पाए।
  • स्कूलों की किताबे फ्रांसीसी नियमो को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करती थी, और इनकी काफी प्रशंसा करती थी। और साथ ही विएतनामी संस्कृति की बुराई करती थी। बच्चो को यह बताया जाता था की, वियतनाम के लोग काफी पिछरे हुए है, और उनकी उन्नति के लिए फ्रांसीसी शासन जरुरी है।

बात Tonkin free स्कूल की?

  • इस स्कूल को साल 1907 में शुरु किया गया था, जो पश्चिमी शैली की शिक्षा प्रदान करती थी। यहाँ विज्ञान, फ्रेंच और स्वच्छता के बारे में पढाया जाता था।
  • यहाँ आधुनिक बनने के लिए सिर्फ विज्ञान और पश्चिमी विचारों को नही पढाया जाता, बल्कि यहाँ छात्रों को आधुनिक कैसा दिखना है, वो भी बताया जाता था।
  • यहाँ छात्रों को पश्चिमी शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था, जैसे की छोटे बाल रखना, पश्चिमी कपड़ो को पहनना, आदि।

इन्ही सब कारणों से वियतनाम के लोगो ने यह जल्द ही समझ लिया की, इनसब से वो ना सिर्फ अपने क्षेत्र से हाथ धो रहे रहे है, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और रीति-रिवाज से भी दूर किया जा रहा है। जिस कारण धीरे-धीरे लोगो ने फ्रांसीसी शासन के खिलाफ लड़ाई शुरु कर दी। और तब स्कूलों में फ्रांसीसी शिक्षा का विरोध भी शुरु हो गया। 

कैसा था स्कूलों में विरोध?

  • यहाँ शिक्षक और छात्र पाठ्यक्रम का पूरी तरह से पालन नही किया करते थे। वो सिस्टम का कभी खुले आम विरोध करते थे, तो कभी खामोशी से।
  • जैसे की समाज के निचले वर्ग में विएतनामी शिक्षक बढ़े, तो वो किताबो में दिए गए जानकारियों को फेर-बदल करने पढ़ाने लगे। और साथ ही किताबो में जो लिखा था, वे उनकी बुराई भी किया करते थे।
  • साल 1926 में जब “Saigon Native Girls School” में एक छात्र को निकाल दिया गया था, तो वहा बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। 
  • वहा के छात्र फ्रांसीसी सरकार की उस नीति जिससे वियतनाम के लोगो को अच्छी नौकरियां नही मिल पाए, उसका जमकर विरोध किया।
  • वहा के छात्रों ने अपने राजनीतिक दल बनाना शुरु कर दिया, जैसे की “party of young annan” जो की जो की राष्ट्रवादी पत्रिकाएं निकाला करती थी।   

Saigon Native Girls School में हुआ विरोध?

इस स्कूल में साल 1926 में एक बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। एक विएतनामी लड़की जो एक french लड़की की सीट पर बैठी हुई थी, उससे वो सीट छोड़कर पीछे वाली सीट पर जाने के लिए कहा गया, ताकि सामने वाली सीट पर एक लोकल french लड़की बैठ सके।

तब उस लड़की ने सीट छोड़ने से मना कर दिया, जो तो वहा का principle जो खुद एक फ्रांस का नागरिक था, उसने उस लड़की को स्कूल से निकाल दिया। यह देखकर कई छात्र काफी घुस्सा हो गए, और उन्होंने वहा विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। जिस कारण उन्हें भी स्कूल से निकाल दिया गया। और इसी कारण से वहा अब और भी ज्यादा विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया।

जब सरकार को लगा की स्थिति उनके नियंत्रण से बाहर जा रही है, तब उन्हें मजबूरन उस लड़की और बाकि सभी निकाले गए छात्राओ को वापस स्कूल में लेना पड़ा।

स्वास्थ्य और सफ़ाई से विरोध?

French ने “hanoi” नामक जहग को फिर से बनाना शुरु किया, और उसे एक आधुनिक शहर बना दिया। हनोई शहर दो हिस्सों में बटी हुई थी, एक फ्रांसीसी सरकार द्वारा बनाया गया आधुनिक हिस्सा जहा पे अच्छी-अच्छी और ऊँची-ऊँची इमारतों को कुशल इंजीनियरिंग की मदद से तैयार किया गया था। 

शहर का यह हिस्सा काफी ज्यादा साफ़ और सुंदर था, वहा पे चौड़ी-चौड़ी सड़के थी, साथ ही वहा एक अच्छा जल निकाशी का सिस्टम भी तैयार किया गया था। वही शहर का दूसरा हिस्सा वहा का पुराना मूल भाग था, जहा पर कोई भी अच्छी सुविधा मौजूद नही थी।

मगर साल 1903 में हनोई शहर के नए हिस्से में “plague” फैलने लगी, जो की चूहों से फैलने वाली एक बीमारी है। Frence ने अपने लिए जो जल निकाशी का सिस्टम बनाया था, उनसे सबसे ज्यादा फायदा चूहों को ही हुआ। क्युकी जो जल निकाशी का सिस्टम वो चूहों के लिए एक बहतरीन और सुरक्षित रहने की और प्रजनन करने की जगह बन चुकी थी।  

साथ ही वहा की यह नालियां चूहों के लिए एक परिवहन प्रणाली की तरह भी काम आने लगी, जहा से वो पुरे शहर में अच्छे से फैल गए और नालियों के पाइप के रास्ते वो फ़्रांसिसी लोगो के घरों में भी घुसने लगे। इसी कारण साल 1902 में “Rat hunt” यानि की चूहों को पकड़ने का अभियान शुरु किया गया। फ्रांसिसी लोग विएतनामी मजदूरों को काम पर रखने लगे और उन्हें हर चूहे को पकड़ने के लिए पैसे देने लगे।  

तब चूहों को हजारो की संख्या में पकड़ा जाने लगा, मगर इसमें भी विएतनामी लोगो का फ़्रांसिसी लोगो के खिलाफ घुस्सा साफ़ देखा जा सकता था। जैसे की –

  • जो लोग नालियों में घुसकर चूहों को पकड़ने का काम करते थे, वो सब साथ आ गए और ज्यादा पैसा कमाने लगे। उनलोगों ने अपना एक निर्धारित रकम तय कर लिया, जिससे कम में कोई भी यह काम करने को तैयार नही होते थे।
  • उनलोगों को पैसे तब मिलते थे, जब वो चूहों की पूछ को सबूत के तौर पे पेश करते थे, जिससे यह पता चले की उन्होंने चूहों को मारा है। मगर विएतनामी मजदूरों ने यहाँ पर एक चाल चली, वो चूहों को पकड़ते थे, और बस उनकी पूछ काटकर उन्हें छोड़ देते थे। जिससे इस प्रक्रिया को दोबारा से किया जा सके।   
  • कुछ लोगो ने तो चूहे पालने भी शुरु कर दिए थे, जिससे ज्यादा पैसे कमाए जा सके। 

मगर इन लोगों की यह हरकत फ़्रांसिसी लोगो को मालूम चल गयी, जिस कारण उन्होंने कुछ समय बाद यह काम करवाना बंद ही कर दिया। तो इससे साफ़ दिखाई पड़ता है की, लोग अपने रोज-मर्रा के जीवन में भी फ़्रांसिसी साशन के खिलाफ लड़ रहे थे। 

धर्म और उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन?

वियतनाम में धर्म “Buddhism”, “Confucianism” और स्थानीय प्रथाओ का मिलाजुला रूप था। फिर फ्रांस वहा “ईसाई धर्म” को लाई, और इससे वहा के लोग घुस्सा हो गए, फ्रांस वहा के धार्मिक विश्वास और परंपरा को नष्ट कर रही थी, और जिस कारण वियतनाम के लोगों में फ्रांस के खिलाफ विरोधी भावना जागने लगी।

फिर वहा फ़्रांसिसी साशन और ईसाई धर्म के खिलाफ एक आन्दोलन शुरु हुआ जिसका नाम “”Scholars Revolt” जो की साल 1868 में शुरु हुई थी। और इस आन्दोलन का नेतृत्व वहा की शाही अदालत के अधिकारीयों ने किया। यह आन्दोलन “Ngu An” और “HaTieh” नामक प्रांतों में हुआ। और वहां हजारो कैथोलिक लोगों को मार दिया गया।

ऐसा ही एक आन्दोलन “Hoa Hao” था, जो की साल 1939 में मेकोंग डेल्टा में शुरु हुआ था।  इस आन्दोलन की शुरुवात “Huynh Phu So” नामक एक व्यक्ति ने किया था। यह जादू – चमत्कार करते थे, और साथ ही गरीबो की मदद भी किया करते थे। यह बालिका बधुओ की खरीद-बिक्री, जुए , और साथ ही शराब और अफ़ीम की बिक्री का विरोध करते थे। 

इस आन्दोलन को दबाने के लिए फ्रांस ने इन्हें पागल घोषित कर दिया, और वो उसे “mad bonze” कहने लगे। और फिर उन्हें पागल खाने में दाल दिया गया। मगर यहाँ जो डॉक्टर इनका इलाज करने आए थे, वो इनके ही समर्थक बन गए, और यह घोषित कर दिया की इनकी दिमागी हालत बिलकुल ठीक है। इसके बाद में फ़्रांसिसी अधिकारीयों ने उन्हें “Laos” भेज दिया और उनके समर्थको को concentration camps में, जहा फ़्रांसिसी अधिकारी उनको मारते-पिटते थे।  

क्या आधुनिक बनने के लिए पश्चिमी संस्कृति जो अपनाना था जरुरी?

सवाल यह था की, क्या वियतनाम के लोगो को आधुनिक बनने के लिए पश्चिमी संस्कृति को अपनाना चाहिए या नही। तो इसपर कई अलग-अलग जवाब आए।

कुछ लोगो का कहना था की, उन्हें विएतनामी परंपराओं को मजबूत बनाने के लिए पश्चिमी संस्कृति का विरोध करना परेगा। वही दूसरी तरह कुछ लोगो का कहना था उन्हें अपने यहाँ से फ़्रांसिसी साशन को हटाना चाहिए मगर एक आधुनिक सभ्यता बनने के लिए पश्चिमी संस्कृति को अपनाना चाहिए।  

तो इन अलग-अलग विचारधाराओ के साथ दो नेता उभरे, उसमे एक थे “Phan Boi Chau” जो की पश्चिमी संस्कृति को अपनाने के विरोध में थे, और दूसरे “Pha Chu Trinh” जो की इसके समर्थन में थे। इनदोनो की विचारधाराए एक दूसरे से अलग थी, जैसे की –

  • Phan Boi Chau “monarchy” यानि की राजशाही व्यवस्था का समर्थन करता था, वही Pha Chu Trinh राजशाही व्यवस्था को ख़त्म करना चाहता था।
  • Phan Boi Chau “monarchy” के खिलाफ विरोध नही करना चाहता था, वही Pha Chu Trinh इसके खिलाफ विद्रोह करने की योजना बना रहा था।
  • Phan Boi Chau “monarchy” की मदद से फ़्रांसिसी साशन का विरोध करना चाहता था, वही Pha Chu Trinh राजशाही व्यवस्था या कोर्ट की मदद नही चाहते थे।
  • Phan Boi Chau विएतनामी संस्कृति का समर्थन करता थे, और पश्चिमी संस्कृति का विरोध करते थे, वही Pha Chu Trinh स्वतंत्रता और समानता जैसे मुद्दों का समर्थन करते थे।
  • Phan Boi Chau एक संवैधानिक emperor की स्थापना करना चाहता था, वही Pha Chu Trinh एक लोकतांत्रिक गणतंत्र चाहता था। 

हालाँकि इनदोनो में यह समानता थी की, यह दोनों ही फ़्रांसिसी साशन का विरोध करते थे, और वियतनाम को आजाद बनाना चाहते थे। 

Phan Boi Chau के किए काम?
  • इन्होने साल 1903 में एक revolutionary society बनाई, और उसका मुखिया वहा के राजकुमार को बनाया। 
  • साथ ही उन्होंने एक किताब “The history of loss of vietnam” भी लिखी थी।

दूसरे देशो के साथ संबंध?

विएतनामी राष्ट्रिवादियो के जापान और चीन के साथ काफी अच्छे संबंध थे। ये दो देश उन लोगों को अपने यहाँ शरण देते थे, जो फ़्रांसिसी पुलिस से भाग रहे थे। इस कारण से एक “go east” आंदोलन शुरु हुआ, और 1907 और 1908 के दौरान कुछ लगभग 300 विएतनामी छात्र आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए जापान गए।

विएतनामी राष्ट्रवादी जापान की मदद  चाहते थे, क्युकी जापान ने तब खुद को आधुनिक बनाया था, और पश्चिमी उपनिवेशवाद का विरोध किया था। सिर्फ यही नही, बल्कि जब साल 1907 में जापान की लड़ाई रूस से हुई थी, तो उसमे जापान जीता भी था, और इस कारण उनकी सेना पर भी भरोसा किया जा सकता था।  

विएतनामी राष्ट्रिवादियो ने टोक्यो में “revolutionary society” की एक ब्रांच खोल ली, मगर 1908 के बाद जापान की आंतरिक मंत्रालय ने उन्हें वहा से भगाना शुरु कर दिया। तब Phan Boi Chau समेत कई लोगो को छिपने के लिए चीन और थाईलैंड जाना पड़ा। 

विएतनामी चीन से भी काफी प्रेरित हुए थे। जब साल 1911 में चीन ने एक लम्बे समय से चले आ रहे सम्राट के शासन को ख़त्म कर खुद को एक गणतंत्र बनाया। इन्ही सब विकास से प्रेरित हो कर वियतनाम के छात्रों ने “Association for the restoration of vietnam” नामक एक संगठन बनाया। अब विएतनामी लोग संवैधानिक राजतंत्र के जगह एक प्रजातांत्रिक गणतंत्र बनना चाहते थे। और फिर वियतनाम का उपनिवेश विरोधी आंदोलन एक नए नेतृत्व के साथ उभरा, जिनका नाम “Ho Chi Minh” था।  

Ho Chi Minh की अगुवाई में आन्दोलन?

इन्होने पहला बड़ा काम सारे राष्ट्रवादी समूहों को एक साथ लाने का किया, और फिर इन्होने विएतनामी communist पार्टी बनाई। जिसका बाद में नाम बदलकर “indo-china communist” पार्टी रखा गया, और यह सब फ़रवरी साल 1930 में किया गया था। फिर साल 1940 में जापान ने वियतनाम पर कब्ज़ा के लिया, जिस कारण अब विएतनामी फ्रांस और जापान दोनों से ही लड़ रहे थे। 

तब एक और समूह “The league for the independence of vietnam” का गठन किया गया, जो की “Viet Minh” के नाम से काफी प्रशिद्ध हुआ। इस समूह ने जापान के साथ लड़ाई की, और फिर सितम्बर साल 1945 में “Hanoi” पर दोबारा कब्ज़ा कर लिया। और इससे “The democratic republic of vietnam” की स्थापना हुई, जिसका अध्यक्ष “Ho Chi Minh” को बनाया गया।   

हालाँकि फ्रांस तब अपनी ताकत को दबारा हासिल करने के लिए “Bao Dai” नामक एक सम्राट की मदद लेने लगा, जो था तो विएतनामी मगर फ्रांस के इशारो पर सभी काम किया करता था। जिसके बाद फ्रांस और विएतनामी आठ सालो तक लड़ते रहे। फिर आख़िरकार फ्रांस को साल 1954 में हार का मु देखना पड़ा।

तब जनरल “हेनरी नवारे” जो की फ्रांस का सुप्रीम कमांडर था, का कहना थी की इस लड़ाई में फ़्रांसिसी सेना की जीत होगी, मगर 7 मई, 1954 के दिन “Viet Minh” ने expeditionary force के 16 हज़ार से ज्यादा सैनिको को बंधी बना लिया। तब फ्रांस की हार के बाद Geneva में शांति वार्ता हुआ।  

तब यह तय हुआ की, अब वियतनाम को दो टुकडो में बाटा जायेगा, उत्तर वियतनाम और दक्षिण वियतनाम। उत्तर वियतनाम तब Ho Chi Minh और communist पार्टी के हाथो में आ गयी, और दक्षिण वियतनाम “Bao Dai” को मिल गया। मगर जल्दी ही “Ngo Dinh Diem” नामक एक आदमी ने Bao Dai को हराकर अवैध रूप से वहा का राजा बन गया। 

Ngo Dinh Diem की सरकार?

  • Ngo Dinh Diem ने तब एक दमनकारी और सत्तावादी सरकार बनाई, और जो भी उनके विरोध में जाता था, उन्हें वो communist बोलकर जेल में दाल देते थे, और बाद में उन्हें जान में मार दिया जाता था।  
  • उन्होंने एक फ़्रांसिसी कानून “Ordinance 10” को धारण करा। इसके कानून के तहत ईसाई धर्म को बढ़ावा दिया जाता था, और Buddhism को ग़ैरक़ानूनी कर दिया गया।  
  • मगर Ngo Dinh Diem के तानाशाही साशन का विरोध करने के लिए एक समूह “National liberation front (NLF)” का गठन हुआ, और यह समूह Ho Chi Minh सरकार के समर्थन के साथ देश को साथ जोड़ने के लिए लड़ रहे थे।   

वियतनाम में अमेरिका का प्रवेश?

मगर वियतनाम में communist लोगों को ताकत मिल रही थी, और यह देख कर अमेरिका इस लड़ाई के बिच में आ गयी और अपने सैनिकों को वियतनाम में भेज दिया। मगर इस लड़ाई में अमेरिका का आना, वियतनाम और अमेरिका दोनों को ही भारी पड़ा। साल 1965 से लेकर 1972 तक लगभग 34 लाख अमेरिकी लोगों ने वियतनाम में काम करा, जिसमे 7484 औरते भी थी। 

तब अमेरिका के पास उन्नत तकनीक और अच्छी चिकित्सा की आपूर्ति थी, मगर बाबजूद इसके भी वहां उनके काफी लोगो की मौत हुई। तब वहां अमेरिका के लगभग 47 हज़ार लोग मारे गए, और 3 लाख से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। अमेरिका ने इस युद्ध में रसायनिक शस्त्र का इस्तेमाल किया, जैसे की “agent orange” और “phosphorus bomb”, और इससे वहा के गाँव-जंगल सब तबाह हो गए। साथ ही वहा के आम नागरिक भी काफी बड़ी संख्या में मारे गए।

अमेरिका पर विएतनामी युद्ध के नतीजे?

  • इस युद्ध के कारण वहा के कई सारे लोग अपनी सरकार की आलोचना करने लगे, क्युकी वो एक ऐसे युद्ध में शामिल हुए जो की indefensible यानि की असमर्थनीय था।
  • इस युद्ध में युवाओ को जबरदस्ती धकेला गया, जिस कारण वहा के लोगो में सरकार के प्रति एक घुस्से वाली भावना पैदा हुई।
  • जिन-जिन को वियतनाम में युद्ध लड़ने के लिए भेजा गया था, वो ज्यादातर अल्पसंख्यक और मजदूर वर्ग के बच्चे थे, जो उस समय वहा चल रहे नागरिक अधिकारों के आंदोलन का एक मुद्दा बन गया।

युद्ध में अमेरिकी फिल्म और मीडिया का असर?

हॉलीवुड ने इस युद्ध के समर्थन में कई सारी फिल्मे बनाई, जैसे की “John Wayne” द्वारा निर्देशित “Green Berets” फिल्म। लेकिन एक-दो फिल्मे इस युद्ध की आलोचना करने के लिए भी बनाई गयी थी, जैसे की Francis Ford Coppola द्वारा बनाई गयी “apocalypse now” फिल्म। 

क्या थी Ho Chi Minh trail?

  • इस trail यानि की रास्ते का इस्तेमाल उत्तर से दक्षिण वियतनाम में सैनिको और युद्ध के सामानों को लाने-लेजाने के लिए किया जाता था। 
  • साल 1967 के बाद, हर महीने लगभग 20 हज़ार विएतनामी सैनिक दक्षिण वियतनाम आते थे, क्युकी युद्ध दक्षिण वियतनाम में ही चल रहा था। और उत्तर वियतनाम में Ho Chi Minh की सरकार थी। 
  • इस पुरे रस्ते के बिच-बिच में सहायता केंद्र और अस्पताल बनाये गए थे। यहाँ कुछ हिस्सों में सामान को ट्रकों द्वारा ले जाया जाता था, मगर ज्यादातर इलाको में इसे महिला कुली द्वारा लेकर जाया जाता था।
  • यह लगभग पूरी trail वियतनाम के बाहर उसके पडोसी देशो Laos और Cambodia में मौजूद थी, और इस trail की branches यानि की शाखाएं दक्षिण वियतनाम में थी।
  • अमेरिका की सेना इस रास्ते को तबाह करने के लिए इस रास्ते पर ऊपर से बम गिराया करती थी, ताकि वियतनाम की supply को तोड़ा जा सके। मगर विएतनामी लोग जल्दी से इस रास्ते को दोबारा तैयार के लेते थे।

कहानी Ho Chi Minh की?

  • यह विएतनामी स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नेता था। इन्होने सारे राष्ट्रवादी समूहों को एक साथ लाया था, और “Indo-china communist” पार्टी का गठन किया था।
  • दक्षिण वियतनाम का लीडर बनने के बाद उन्हीने वहा समाजवादी नीतियां लाई। 
  • फिर उन्होंने एक “Vietminh” नाम की सेना बनाई, जो की विदेशी ताकतों के साथ लड़ती थी।
  • इन्होने communist लोगों का नेतृत्व किया जो कई सालों तक वियतनाम की आजादी के लिए लड़ते रहे। 
  • साथ ही इन्होने अपने आदमियों को अमेरिकी सैनिको के साथ लड़ने के लिए तैयार किया।     

विएतनामी लड़ाई में महिला योद्धा?

  • वहा की कई सारी महिलाए सेना में भर्ती हुई, और बहादुरी के साथ अमेरिकी सेना के लड़ी।
  • वे सभी काफी समर्पित कार्यकर्ता थी, और मैदानों में अपने कंधो पर भरी राइफल टांगकर काम किया करती थी।
  • वो घायलों को नर्सिंग सेवा देती थी, और साथ ही भूमिगत कमरों और सुरंगें को तैयार करने में भी अपना पूरा योगदान देती थी।
  • उन्होंने छह हवाई पट्टी बनाने में मदद करी, और हजारो बमों को नष्ट किया।
  • साथ ही महिलाएं Ho Chi Minh trail पर सामान को एक जहग से दूसरी जगह लेकर जाने के लिए कुलियों का काम भी किया करती थी। और इस trail पर काम करने वाले 75% कर्मी औरते ही थी।

अमेरिका की विफलता?

यह बात तो साफ़ थी की अमेरिका इस युद्ध में अपना उद्देश्य हासिल करने में विफल हो गया था। इस युद्ध में कई अमेरिकी सैनिको की जान गयी, और साथ ही इनमे अनगिनत विएतनामी लोगो की भी मौत हुई। साथ ही इस युद्ध को “First television war” भी कहा गया था, क्युकी यह ऐसा पहला युद्ध था, जिसमे रोज टीवी पर युद्ध के दृश्यों को दिखाया जाता था।

इनसब के कारण तब अमेरिकी सरकार पर कई सारे सवाल उठाये जाने लगे, जिस कारण उन्हें वियतनाम के साथ शांति वार्ता करनी पड़ी। फिर जनवरी साल 1974 में पेरिस में इनदोनो देशो ने शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किया, और इसके बाद अमेरिका से उनका युद्ध ख़त्म हो गया।

हालाँकि National liberation front (NLF) और साइगॉन के बिच लड़ाई जारी रही। फिर 30 अप्रैल साल 1975 के दिन NLF ने साइगॉन में मौजूद राष्ट्रपति के महल में कब्ज़ा के लिया और फिर उत्तर और दक्षिण वियतनाम में एकता कायम करके वियतनाम का गठन किया। 

FAQ (Frequently Asked Questions)

फ्रांसीसी सैनिक वियतनाम कब पहुचे थे?

फ्रांसीसी सैनिक साल 1858 में वियतनाम आए थे।

Indo-china में कौन-कौन से देश शामिल था?

इनमे तीन देश vietnam, cambodia, और laos शामिल थे।

वियतनाम में पहले किस धर्म का ज्यादा महत्व था?

Confucianism” जो की एक चीनी धर्म था, उसका वियतनाम में काफी ज्यादा महत्त्व था।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।  

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