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योग में अपना करियर कैसे बनाये? | How to make career in yoga in hindi

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अगर देखा जाये, तो yoga विज्ञान का इतिहास भारत में 5वीं और 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व का है। और यह असाधारण अभ्यास कला वर्तमान समय की समस्याओं जैसे कि स्थायी जीवन, मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक भलाई, और बहुत कुछ का समाधान करने में सक्षम है।

जैसा कि भारत के आयुष मंत्रालय ने उद्धृत किया है, “योग अब वैश्विक स्वास्थ्य का प्रतीक बन गया है, और कई देशों ने इसे अपने स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली में एकीकृत करना शुरू कर दिया है”। और ऐसा इसलिए है क्योंकि यह सभी संभव तरीकों में से यह सबसे पहले हमारे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य में योगदान देता है । और यही कारण है की, वर्तमान समय में इस प्रथा की मांग काफी बढ़ रही है।

हालांकि, अगर इसे प्रशिक्षित मार्गदर्शन में सही तरीके से नहीं किया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। और इसी कारण, इस अभ्यास को केवल प्रशिक्षित पेशेवरों द्वारा ही सिखाया जाना चाहिए, ना कि केवल अभ्यासियों/ध्यानकर्ताओं द्वारा। इसलिए, जैसे-जैसे लोग योग के प्रति अधिक जागरूकता प्राप्त कर रहे हैं, प्रतिबद्ध शिक्षकों की मांग भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है।

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योग में करियर? (Career in yoga)

Yoga को करियर के रूप में अपनाने के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से इसमें certification का होना जरूरी है। इसके अलावा, छात्रों को एक शिक्षक के रूप में दुनिया में इस कला को प्रदान करने से पहले,इस विज्ञान का अनुभव करने के लिए गहन प्रशिक्षण से भी गुजरना पड़ता है। योग प्रशिक्षण कार्यक्रम विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे शॉर्ट टर्म टीटीसी, योग में पीजी डिप्लोमा, शास्त्रीय हठ योग टीटीसी आदि में पेश किए जाते हैं।

और विभिन्न योग स्कूल इसे जनता तक पहुंचाने के अनूठे तरीके भी बताते हैं। और वे छात्रों को एक निश्चित समय के लिए प्रतिबद्ध वातावरण में प्रशिक्षित भी करते हैं। तो आइए, अब हम जानते इस विज्ञान और इसमें career से जुड़े कई और पहलुओ के बारे में, जो सायद ही आपको मालूम हो । 

भारत में योग की पृष्ठभूमि (Background/History of Yoga in India)

योग शब्द बना है “युज” से, जिसका अर्थ होता है मिलन। “जीवन अस्तित्व की वास्तविक प्रकृति का विज्ञान- योग”, भारत के हृदय में निर्धारित है। और इसकी उत्पत्ति 5वीं शताब्दी से ही मानी जाती है। योग को आमतौर पर आसन और प्राणायाम के रूप में देखा जाता है। इसीलिए इसे आमतौर पर लचीलेपन के एक पर्याय के रूप में भी देखा जाता है । 

लेकिन देखा जाये तो, आसन अपने आप में केवल लचीला होने से काफी परे है। और यहाँ बताये तरीके तो योग के सिर्फ 2 तत्व ही हैं। यह विज्ञान मानव अस्तित्व के उच्च आयाम का दोहन करने के बारे में है। और इसी कारण, yoga को सही अर्थों में प्रसारित करने के लिए अधिक शिक्षकों को बढ़ावा देने की काफी आवश्यकता है।

योग के नियामक/महत्वपूर्ण प्रत्यायन निकाय (Regulatory/ Important Accreditation Bodies of Yoga)

भारत में yoga के regulation के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा कई संस्थाओ की स्थापना की गयी है, जो की है –

आयुष – आयुष मंत्रालय एक छत्र निकाय है, जो की प्राचीन भारतीय जीवन विज्ञान को बढ़ावा देता है। यह आयुर्वेद yoga और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसे इकाईयों के लिए स्थापित और खड़ा है। ये प्रणालियां निश्चित चिकित्सा दर्शन पर आधारित हैं, और बीमारियों को रोकने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर स्थापित अवधारणाओं के साथ स्वस्थ जीवन का भी प्रतिनिधित्व करती हैं।

आयुष भारत में विभिन्न yoga कॉलेजों और मान्यता निकायों को भी नियंत्रित करता है। साथ ही यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि, यह एक ऐसी जीवन शैली का नेतृत्व करता है जो हमारे जीवन में एक एक स्वस्थ अवस्था स्थापित करने में पूरी तरह से सक्षम है। मगर, दुर्भाग्य से, कई कारकों के परिणामस्वरूप पुरानी बीमारी के बढ़ने के कारण, लोगों के पास एलोपैथी उपचार विधियों का सहारा लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। 

हालांकि, जीवन को सही ढंग से जीने पर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।और इसलिए लोग अब आयुष की ओर काफी आकर्षित हो रहे हैं, ताकि उन्हें भी एक स्वस्थ जीवन मिल सके।

योग प्रमाणन बोर्ड (YCB) – इस नियामक निकाय का गठन वर्ष 2018 में समग्र स्वास्थ्य और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए और साथ ही योग को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। यह yoga को करियर कौशल के रूप में भी बढ़ावा देता है। साथ ही यह निकाय मानक और मानदंड निर्धारित करता है, दक्षताओं का आकलन करता है, और विभिन्न स्तरों के लिए योग पेशेवरों को प्रमाणित करता है।

योग गठबंधन – इस निकाय का उद्देश्य दुनिया भर में yoga अभ्यासों में निरंतरता को बढ़ावा देना है। साथ ही यह निकाय पूरे विश्व में yoga का एक सामान्य आधार मूल्यांकन करने के लिए न्यूनतम मानक और मानदंड भी निर्धारित करता है। और यह RYT अर्थात पंजीकृत योग शिक्षकों का रिकॉर्ड भी रखते हैं। RYT के प्रकार RYT 2000 और RYT 500 हैं, जो एक शिक्षक के प्रशिक्षण के घंटों की संख्या को दर्शाता है। और किसी भी पंजीकृत स्कूल से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, छात्र yoga गठबंधन के तहत प्रमाणन प्राप्त करने के लिए अंतिम परीक्षा देने के योग्य हो जाते हैं।

योग में पाठ्यक्रमों के प्रकार (Types of Courses in yoga)

योग विभिन्न पाठ्यक्रमों के रूप में पढ़ाया जाता है। इनमे short term सर्टिफिकेशन से लेकर मास्टर और डिप्लोमा डिग्री तक शामिल है। और इसी कारण उम्मीदवारों के पास अपने कौशल को और बहतरीन बनाने के लिए कई विकल्प होते हैं। योग में पाठ्यक्रमों के कुछ प्रकार है –

Certificate Course in Yoga Science (योग में सर्टिफिकेट कोर्स)

यह एक short term सर्टिफिकेशन कोर्स हैं, जो घंटे के हिसाब से करवाए जाते हैं। जिसमे 200 घंटे, 300 घंटे और 500 घंटे के पाठ्यक्रम शामिल होते हैं। यह एक अंशकालिक यानि की part time (Teacher Training Courses) TTC कार्यक्रम हैं। और इनमे छात्रों को विज्ञान के शिक्षण पहलुओं के साथ-साथ योग का विज्ञान पढ़ाया जाता है। और इनमे सर्टिफिकेट प्रमाणन भारत के एक मान्यता प्राप्त निकाय के माध्यम से दिया जाता है।

Diploma in Yoga Science (योग में डिप्लोमा) 

योग में डिप्लोमा, योग शिक्षकों को तैयार करने के लिए एक अल्पावधि पाठ्यक्रम हैं। और इसमें दाखिले के लिए किसी व्यक्ति को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करनी होगी। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को योग विज्ञान और पतंजलि योग सूत्र, चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ्य, इत्यादि सिखाया जाता है।

Post Graduate Diploma in Yoga Science (योग विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा)

यह एक-दो वर्षीय कार्यक्रम होता है। और इसमें दाखिले के लिए, न्यूनतम स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। यह योग में एक उस्ताद बनने की तरह है, जिसमे छात्रों को इस विज्ञान का गहन ज्ञान सीखने को मिलता है।

B.Sc in Yoga Science (योग में बीएससी)

यह योग में एक 3 साल का स्नातक पाठ्यक्रम है, जिसमें छात्रों को योग के विज्ञान के बारे में विस्तार से बताया जाता है। इसमें छात्र शरीर रचना विज्ञान और शरीर और मन पर योग के प्रभाव के बारे में सीखते हैं। साथ ही वे योग विज्ञान, हठ योग, योग के तत्वों और भी बहुत कुछ के बारे में काफी विस्तार में सीखते हैं। और योग में बीएससी कोर्स करने के लिए, छात्रों को पहले कक्षा 12 वीं की परीक्षाएं पूरी करनी होंगी।

M.Sc in Yoga Science (योग में एमएससी)

यह योग में एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम है। और योग में एमएससी करने के लिए, छात्रों के पास पहले इसमें स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। और इसमें छात्र विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों जैसे की Anatomy और Physiology, वेद, उपनिषद, फिजियोलॉजी और स्वास्थ्य, योग थेरेपी और अधिक प्राचीन पाठ जैसे भगवद गीता, योग सूत्र इत्यादि के बारे में विस्तार से सीखते हैं।

B.A. in Yoga Science (योग में बीए)

यह कोर्स भी योग के लिए कला स्नातक है। और योग में बीए करने के लिए स्कूली शिक्षा पूरी करनी जरुरी है। Academic रूप से इस course में yoga का एक विस्तृत पहलू सीखने को मिलता है। और छात्रों को इसमें जीवन शैली के लिए आयुर्वेद की मूल बातें और अन्य प्राचीन विज्ञान के बारे में भी जानने को मिलता है।

M.A. in Yoga Science (योग में एमए)

योग में बीए पूरा करने पर, छात्र इस विषय में और ज्यादा गहन शोध के लिए योग में एमए भी कर सकते हैं। जिसमे उन्हें yoga के बारे में और भी ज्यादा गहराई से जानने को मिलेगा।

BEd in Yoga Science (योग में बीएड)

कॉलेजों में और विश्वविद्यालयों में योग को अकादमिक विषयों के रूप में पढ़ाने के इच्छुक लोग योग में बीएड कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। और yoga में बी.एड करने के लिए छात्र का 12वीं पास होना जरूरी है।

Teacher Training Course in Yoga Science (योग में शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम) 

शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पेशेवर रूप से योग सिखने वाले छात्रों को तैयार करने के लिए एक विशिष्ट कार्यक्रम हैं। Yoga एक बहुत गहरा विज्ञान है, और हर कोई व्यक्ति इसे सिखाने के योग्य नहीं होता है। अनुभवात्मक, अकादमिक और व्यावहारिक रूप से इसका उचित ज्ञान दूसरों को सिखाने से पहले शिक्षको को इसमें महारत होनी चाहिए। 

एक टीटीसी (TTC) कोर्स शामिल है, जो की 3 महीने का कोर्स होता है; हालाँकि यह 6 महीने से लेकर 1 साल तक का भी हो सकता है। और इसमें शामिल व्यक्तियों को एक प्रतिबद्ध वातावरण में ठीक उस तरह से तैयार किया जाता है, जैसा की उन्हें योग सिखाते वक़्त होना चाहिए।

योग पेशेवर बनने की योग्यता? (Eligibility to become a Yoga Professional) 

योग को पेशेवर रूप से आगे बढ़ाने के लिए, छात्रों को कुछ बुनियादी पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। योग पाठ्यक्रमों में प्रत्येक पाठ्यक्रम को अलग तरह से डिजाइन किया गया है, इसलिए यह पूरी तरह से हर एक स्कूल में भिन्न होता है, लेकिन कुछ सामान्य दिशानिर्देश होते हैं, जो लगभग सभी के लिए समान हैं। वो है – 

  • योग में पाठ्यक्रमों के लिए पात्र होने के लिए छात्रों को कक्षा 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
  • साथ ही इसमें विशेषज्ञता के लिए, और इसे आगे बढ़ाने में सक्षम होने के लिए न्यूनतम graduation की डिग्री होनी चाहिए।
  • योग करने के लिए व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
  • और एक योग शिक्षक बनने के योग्य होने के लिए इच्छुक छात्र की आयु न्यूनतम 15 से 17 वर्ष होनी चाहिए।
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भारत में योग में करियर के लिए प्रमुख स्कूल कौन से है? (Prominent Schools for career in yoga in India)

आइये अब जानते है भारत में मौजूद महत्वपूर्ण yoga विद्यालयों के बारे में, जो की है –

स्कूलों का नाम (Name of school)स्थान (Place)
Bihar School of Yoga मुंगेर, बिहार 
Patanjali International Yoga Foundationऋषिकेश, उत्तराखंड
Isha Hatha Yoga Schoolकोयंबटूर, तमिलनाडु 
Morarji Desai National Institute of Yogaनई दिल्ली
Sri Sri School of Yogaउदयपुरा, कर्नाटक
Yoga Institute सांताक्रूज, मुंबई
Dev Sanskriti Vishwavidyalayaहरिद्वार, उत्तराखंड
Maharshi Dayanand Universityरोहतक, हरियाणा
Rajarshi Tandon Universityइलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
Kaivalyadhamलोनावाला, महाराष्ट्र
Vivekananda Kendra Kanyakumariतमिलनाडु 
Shri Lal Bahadur Shastri National Sanskrit Universityनई दिल्ली

योग में करियर के अवसर और जॉब प्रोफाइल? (Career Opportunities/Job profiles in yoga)

योग में अपना career बनाने पर हमे कई तरह के job profiles में काम करने का मौका मिल सकता है, जिनमे से कुछ है – 

योग प्रशिक्षक (yoga instructor) – पेशेवरों को एक योग प्रशिक्षक के रूप में कार्य करने का अवसर मिलता है। वे या तो स्वास्थ्य केंद्रों में काम कर सकते हैं या फिर व्यक्तिगत स्वतंत्र परियोजनाएं शुरू कर सकते हैं या अपना स्वयं का योग स्टूडियो भी खोल सकते हैं । और यहां तक कि youtube जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी इसके बारे में बात कर सकते हैं, और अपना ज्ञान बाट सकते है। और तो और वे जिम, अस्पतालों और कई अन्य fitness स्थानों में भी प्रशिक्षक के रूप में भी काम कर सकते हैं।

योग चिकित्सक (yoga practitioner) – इन पेशेवरों को उपचारों के माध्यम से विश्राम और कायाकल्प उद्देश्यों के लिए काफी आवश्यक माना जाता है। विभिन्न योग उपचारों और मालिश से कुछ मांसपेशियों की रुकावटों को आसानी से मुक्त किया जा सकता है। हमारे शरीर में कुछ बिंदु ऐसे होते हैं, जो किसी व्यक्ति को एक निश्चित तरीके से दबाए जाने पर लंबे समय तक आराम प्रदान कर सकते हैं। और ऐसा करने में एक योग चिकित्सक हमारी काफी मदद कर सकते है।

हठ योग शिक्षक (hatha yoga teacher) – आज के आधुनिक समय में योग ने हर किसी के दिल में एक विशेष स्थान ले लिया है, लेकिन शास्त्रीय हठ योग अपने वास्तविक अर्थों में अभी काफी अधिक लोकप्रिय है। योग का अभ्यास अक्सर व्यायाम के रूप में किया जाता है जैसे कि stretching, जो की आसन के रूप में परचलित कुछ तत्वों में से एक है। 

अब शास्त्रीय हठ योग में, छात्रों को खिंचाव वाले हिस्से से आगे जाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, और वे पूरे ब्रह्मांड के बारे में जागरूकता के तत्व के साथ हर मुद्रा की ज्यामिति को भी समझते हैं। इसी तरह, उन्हें अन्य सभी पहलुओं को मात्र आंदोलनों से आगे बढ़ने और शांति के रहस्य को प्राप्त करने के लिए सिखाया जाता है।

योग शिक्षक (yoga teacher) – प्रशिक्षित स्नातक विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों में योग के शैक्षणिक शिक्षण का विकल्प चुन सकते हैं । आजकल हर स्कूल में एक व्यक्तिगत योग कक्षा होती है, जो छात्रों को शुरुवाती कक्षाओ से ही प्रशिक्षित करती है। ये शिक्षक राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप के लिए भी छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं। 

योग शोधकर्ता (yoga researcher) – योग एक विशाल महासागर जैसा होता है, जो मानव अस्तित्व में एक चिंगारी को प्रज्वलित कर सकता है। इस विज्ञान के प्रत्येक तत्व को अपने आप में गहन शोध की आवश्यकता है, और इसके हर एक हिस्से में एक बड़ी गहराई है। उदाहरण के लिए, एयूएम की ध्वनि को लें। इसके शांत प्रभाव के कारण योगी और शुरुआती लोग इसका व्यापक रूप से जाप करते आए हैं। हालाँकि, इस ध्वनि का गहराई से अध्ययन किया जाना चाहिए, क्योंकि यह शरीर पर केवल उपचार प्रभाव पैदा करने से और कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। 

वास्तव में, योगियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से ए/यू/एम का अध्ययन किया जाता है, क्योंकि प्रत्येक ध्वनि की एक निश्चित आवृत्ति होती है, जिसे निर्देशित तरीके से जप करना होता है। और यह सिर्फ एक साधारण उदाहरण था, ऐसे yoga में कई और तत्व होते जिनका गहराई से अध्यन करना काफी आवश्यक होता हैं, जो योग शोधकर्ता द्वारा किये जाते है।

ऑनलाइन योग शिक्षा और ब्लॉगिंग (Online Yoga Education & Blogging) – वर्तमान समय का यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। यद्यपि योग अभ्यास शारीरिक अभ्यास सत्रों में अधिमानतः प्रदान किया जाता है, लेकिन कभी-कभी अप्रत्याशित परिस्थितियों जैसे कि COVID 19 महामारी के समय के कारण, ऑनलाइन योग सत्र भी काफी उभर रहे हैं। इसके अलावा, पेशेवर इसे सीधे तौर पर नहीं सिखाते हैं, लेकिन लोगों को योग, योगिक आहार, सरल क्रिया और बहुत कुछ के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं। शिक्षित पेशेवर ब्लॉग और लेख भी लिखते हैं।

साथ ही इसकी मदद से वे अपनी इस प्रतिभा को अलग-अलग जगहों तक आसानी से पंहुचा भी सकते है । मगर एक जरुरी बात यह भी है की, इस कौशल के लिए व्यक्ति को ब्लॉग लेखन का बुनियादी ज्ञान और सोशल मीडिया का ज्ञान भी होना चाहिए। 

योग में करियर स्कोप क्या है? (Career Scope in Yoga)

आज के समय में इस क्षेत्र का दायरा लगातार बढ़ रहा है। यह न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, 50% से अधिक अमेरिकी योग का अभ्यास करते हैं और इसके सकारात्मक परिणामों से संतुष्ट भी हैं; और तो और अमेरिका में हर दस में से नौ लोग अन्य रूपों में भी योग का अभ्यास करते हैं। भारत में, योग जीवन शैली पहले से कहीं अधिक जागरूकता और स्वीकृति प्राप्त कर रही है। कोरोना महामारी के बाद लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए yoga को और भी ज्यादा बढ़ावा मिला है।

Yoga में शक्तिशाली प्राणायाम और क्रियाएँ हैं, जो की लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकती हैं, ताकि उनके शरीर की आंतरिक सुरक्षा हो सके। इस प्रकार इस विषय का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है और आने वाले समय में इसके और भी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। Yoga जीवन का एक तरीका है, जो मानव के मौलिक स्तर पर परिवर्तन ला सकता है, और जो कि इस समय की एक काफी  महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

योग शिक्षक कितना कमाते है? (Yoga teachers/Professional salary)

Yoga के field में अलग-अलग कामों से जुड़े लोगों का बेतन अलग-अलग हो सकता है, जैसे की –

  • एक योग प्रशिक्षक का शुरुआती वेतन 30,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक होता है, जो की व्यक्ति की विशेषज्ञता पर निर्भर करता है।
  • एक योगा therapist का शुरुआती वेतन लगभग 45,000 रुपये या उससे अधिक हो सकता है।
  • साथ ही किसी हठ योग शिक्षकों का शुरुआती वेतन 30,000 रुपये से 60,000 रुपये तक हो सकता है। इसके अलावा कई लोग जगह-जगह वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। 
  • और हठ योग कक्षाओं के प्रति सत्र की पेशकश कार्यक्रम के आधार पर होती है, जो की 1500 रुपये से 5000 रुपये तक भी हो सकती है।
  • एक योग शिक्षक का शुरुआती वेतन 35,000 रुपये या उससे अधिक भी हो सकता है।
  •  शोधकर्ताओं का वेतन 50,000 रुपये से भी अधिक है।
  • और ऑनलाइन yoga और blogging से एक योग शिक्षक 25,000 रुपये तक का  शुरुआती बेतन कमा सकते है।

FAQ (Frequently Asked Questions)

Q. वर्तमान समय में योग का क्या दायरा है?

A. आज के समय में शारीरिक और मानसिक बीमारियां काफी व्याप्त हैं। और वे पहले की किसी भी पीढ़ी से भी बदतर हैं। नतीजतन, योग की अत्यधिक मांग देखी जा रही है क्योंकि यह अभ्यास जीवन पर भारी पड़ने पुरानी बीमारियों को भी रोकने में सक्षम है। इस प्रकार, इस विषय का दायरा हमेशा बढ़ता रहेगा क्योंकि यह जीवन का एक तरीका बनता जा रहा है।

Q. भारत में योग के प्रमुख स्कूल कौन से हैं?

A. भारत में कई yoga के कई विद्यालय हैं, जैसे की ईशा हठ योग विद्यालय, मोरारजी देसाई, श्री योग विद्यालय, ऋषिकेश, योग संस्थान,देव संस्कृति विश्वविद्यालय, श्री श्री योग विद्यालय, ऋषिकेश, इत्यादि।

Q. योग में बीए या बीएससी करने के लिए क्या आवश्यक शर्तें होती हैं?

A. योग में बीए/बीएससी करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास करनी होगी। इसके अलावा, विद्यार्थीयों को शारीरिक और मानसिक रूप से भी फिट होना चाहिए।

Q. योग TTC कार्यक्रम क्या होता है?

A. टीटीसी एक 3 महीने का कोर्स हो सकता है, और जो की 6 महीने से लेकर 1 साल का भी हो सकता है। और इसमें व्यक्तियों को एक प्रतिबद्ध वातावरण में तैयार किया जाता है ताकि विद्यार्थी इसे आगे किसी को भी सिखाने में पूरी तरह से सक्षम हो सके।

Q. योग में करियर की क्या संभावनाएं होती हैं?

A. इस yoga के अभ्यास को पूर्णकालिक या अंशकालिक नौकरी के रूप में भी प्रेषित किया जा सकता है। और इसमें विभिन्न कैरियर संभावनाएं होती है, जैसे की हठ योग शिक्षक, योग प्रशिक्षक, योग चिकित्सक, योग सलाहकार, इत्यादि।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।


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