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होमियोपैथी में कैसे बनाए अपना कैरियर? | How to make career in homeopathy in hindi

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Homeopathy चिकित्सा का वो वैकल्पिक क्षेत्र है, जहाँ रोगियों को उनके लक्षण के आधार पर अत्यधिक पतला पदार्थ प्रदान किया जाता है, जो की उनके शरीर के प्राकृतिक उपचार शक्ति को बढ़ाकर उन्हें रोंगों से मुक्त करने में सहायता प्रदान करता है। और homeopathy इस अवधारणा पर आधारित है की, हमारा शरीर  अपनी आत्म-उपचार शक्ति के कारण ही स्वयं को पुनर्जीवित करता है।

आज एलोपैथिक और आयुर्वेदिक प्रणालियों के बाद homeopathy ही भारत में तीसरी सबसे लोकप्रिय दवा प्रणाली है। यह विशिष्ट लक्षणों पर आधारित है, और एक डॉक्टर प्रत्येक रोगी के इन्ही लक्षणों का पता लगाकर, उन्हें उनके इलाज के लिए उपयुक्त दवा मुहैया करवाते है। इसीलिए विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग में आने वाला homeopathy छेत्र भी करियर के रूप में नए आधार प्रदान कर सकता हैं।

आज के समय एक कैरियर के रूप में homeopathy का एक विशाल भविष्य है, और इसके एक डॉक्टर के रूप में ना केवल अच्छा पैसा कमाता जा सकता है, बल्कि इससे संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में भी करियर के काफी अवसर भी प्राप्त हो सकते है। एक करियर संभावना के रूप में homeopathy भी एलोपैथी जितनी ही सफल और आर्थिक रूप से भी सम्पूर्णता प्रदान करने वाली हो सकती है। और एक उम्मीदवार डिग्री कोर्स के साथ homeopathy के इस छेत्र में अपना करियर शुरू कर सकते हैं।

आज भारत में, यूजी, पीजी और डिप्लोमा स्तर पे भी कई homeopathy पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। मगर इन पाठ्यक्रमो में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को पहले एक प्रवेश परीक्षा पास करनी की आवश्यकता होगी। और यूजी पाठ्यक्रम के पूरा होने के बाद उम्मीदवार विशेषज्ञता का चयन भी कर सकते हैं, जिसमे वो आगे और पढना चाहे। 

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होम्योपैथी में करियर के लिए शैक्षिक आवश्यकताएँ? (Educational qualification/requirements for career in homeopathy)

होम्योपैथी में नौकरी हासिल करने के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले इसमें किसी कोर्स से शुरुआत करनी चाहिए। चिकित्सा की किसी भी अन्य शाखा की तरह ही homeopathy में भी कई वर्षों तक की कठोर अध्ययन और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

Homeopathy के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम होते हैं। और इनमे उम्मीदवार अपनी पात्रता के अनुसार आवेदन कर सकते है, जो की है –

  1. स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए उम्मीदवार को 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषय रखने होंगे। और इसमें न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करने होंगे। और आरक्षित वर्ग के लिए यह अंक न्यूनतम 45% होने आवश्यक है। 
  1. इसके अलावा भारत में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों में सीट हासिल करने के लिए उम्मीदवारों को पहले अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा, NEET BHMS के लिए बैठने की आवश्यकता होगी। जिसके अंको के अधर पे उन्हें देश भर के होम्योपैथिक कॉलेजों में दाखिला मिलता है। 
  1. एक साल की इंटर्नशिप के साथ BHMS डिग्री प्राप्त, एक इच्छुक उम्मीदवार homeopathy में MD भी कर सकता है। और इसमें उम्मीदवारों की योग्यता के आधार पर उन्हें प्रवेश प्रदान किया जाता है।
  1. इस क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए कई तरह के विशेषज्ञता और डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होते हैं, जिन्हें पूरा करके वे इस छेत्र में आगे बढ़ सकते है।
  1. और भारत के विभिन्न राज्यों में आज कई होम्योपैथी कॉलेज फैले हुए हैं। और ये सभी राज्य के स्वास्थ्य विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त हैं, जहा पढ़कर आप भी इस छेत्र में काफी आगे बढ़ सकते है।

होम्योपैथी में पाठ्यक्रम? (Different courses in homeopathy in hindi)

होम्योपैथी में पाठ्यक्रम स्नातक यानि की bachelor और परास्नातक यानि की masters दोनों ही स्तरों पर पेश किए जाते हैं।और एक उम्मीदवार जिसके पास भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और अंग्रेजी के साथ 10+2 में विज्ञान है, वह स्नातक पाठ्यक्रम में आगे बढ़ा सकता है। और आइये अब हम जानते है homeopathy में उपलब्ध अलग-अलग पाठ्यक्रमों के बारे में, जिनमे से कुछ है –

होम्योपैथी पाठ्यक्रम (homeopathy Courses)

पाठ्यक्रम का नामअवधि (Duration)
Diploma in Electro-Homeopathy3 साल 
Diploma in Homeopathic Medicine and Surgery   4 साल 
Post Graduate Diploma in Homeopathic Medicine and Surgery   2 साल 
Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery (BHMS)    5.5 साल 
MD in Homeopathy 3 साल 
MD(Homeopathic) – Practise of Medicine2-3 साल 
MD(Homeopathic) – Philosophy2-3 साल 
MD(Homeopathic) – Paediatrics2-3 साल 
MD(Homeopathic) – Philosophy & organon2-3 साल 
MD(Homeopathic) – Organon of Medicine2-3 साल 
MD(Homeopathic) – Repertory2-3 साल 
Ph.D. in Homeopathy   3-5 साल

होम्योपैथी में करियर के लिए क्या होनी चाहिए स्किल्स? (Skill Sets for career in homeopathy in hindi)

किसी भी अन्य पेशे की तरह एक होम्योपैथिक डॉक्टरों को भी कुशल और सक्षम होने की आवश्यकता होती है। उन्हें अपना विषय का गहरा ज्ञान और इस क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव होना चाहिए। होम्योपैथिक डॉक्टर की नौकरी के लिए ईमानदारी, आत्मविश्वास और असतत कौशल की आवश्यकता होती है। 

साथ ही दैनिक कार्यों में उन कौशलों को पूर्ण और सम्मानित करके, एक सफल होम्योपैथिक चिकित्सक के रूप में सामने आया जा सकता है। एक सफल होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए कुछ आवश्यक महत्वपूर्ण कौशल की जरुरत होती है, जैसे की –

  • काम को प्राथमिकता देने और दबाव में काम करने की क्षमता होना, साथ ही दैनिक कार्यभार का प्रबंधन करने की क्षमता होना।
  • जटिल विचारों को आसानी से समझाने की क्षमता होना, और वैकल्पिक समाधानों की ताकत/कमजोरियों को पहचानने के लिए अपने तर्क का उपयोग करना।
  • रोगियों के साथ उत्कृष्ट संबंध बनाना और उन्हें तकलीफ से उभरना।
  • प्राकृतिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और होम्योपैथिक उपचार में कुशल होने के बारे में जागरूकता।
  • भावनात्मक जुड़ाव, पहल और दबाव भरे माहौल और चुनौतीपूर्ण/तनावपूर्ण परिस्थितियों में काम करने की क्षमता रखना।
  • उत्सुकता से दूसरों की मदद करने के तरीकों की तलाश करना और अन्य लोगों की भावनाओं के प्रति सहानुभूतिपूर्ण प्रकट करना।
  • मजबूत मौखिक और सुनने का कौशल, एक खुला दिमाग और सीखने की तत्परता रखना।
  • दूसरे क्या संदेश दे रहे हैं, उस पर पूरा ध्यान देना, और अपनी बताई गई बातों को समझने में समय लगाना, साथ ही प्रश्नों को सही तरीके से पूछना और असमय व्यवधान से बचना।
  • और एक बहु-विषयक स्वास्थ्य सेवा दल के भाग के रूप में सभी के साथ मिलके दक्षतापूर्वक कार्य करने की क्षमता।
  • इनके अलावा भी कई महत्वपूर्ण कौशल होने की काफी आवश्यकता होती है,जैसे की समय प्रबंधन कौशल, दवा तैयारी कौशल, इत्यादि 

होम्योपैथी में प्रवेश प्रक्रिया क्या है? (Admission process in homeopathy)

कॉलेजों के लिए उम्मीदवारों का चयन 12वीं की परीक्षा में प्राप्त अंकों और व्यक्तिगत साक्षात्कार के बाद प्रवेश परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के अधर पे किया जाता है। और इन्ही लोकप्रिय होम्योपैथी प्रवेश परीक्षाओं में से कुछ है –

  • NEET – राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा
  • IPU CET – इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
  • BVP CET – भारती विद्यापीठ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
  • KEAM – केरल इंजीनियरिंग, कृषि और चिकित्सा
  • PUCET –  पंजाब यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट,  इत्यादि।

भारत में होम्योपैथी के अच्छे कॉलेज/संस्थान? (Homeopathy colleges/Institutes in india)

आज भारत में कई ऐसे कॉलेज और संस्थान हैं, जो होम्योपैथी पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। और जहाँ पढ़के के उम्मीदवार इस छेत्र में अपना बहतरीन करियर बना सकता है। उनमे से कुछ है –

संस्थान का नामस्थानऔसत वार्षिक शुल्क
Maharashtra University of Health Sciencesनासिक ₹30,000 
Dr. D Y Patil Vidyapeethपुणे ₹1,75,000
Nehru Homeopathic Medical College and Hospitalनई दिल्ली ₹3,500
Jayoti Vidyapeeth Women’s Universityजयपुर ₹1,75,000
Maharajah’s Institute of Medical Sciences (MIMS)आंध्र प्रदेश ₹90,000
Baba Farid University of Health Sciences (BFUHS)पंजाब ₹20,000
Parul Universityवडोदरा₹80,000
Anushree Homeopathic Medical College   जबलपुर ₹50,000
Government Medical College/ Rajindra Hospital (GMCP)   पटियाला ₹1,30,000
RKDF Universityभोपाल ₹1,55,000
Government Medical College and Hospital   चंडीगढ़ ₹1,25,000
Kerala University of Health Sciencesत्रिशूर₹25,000
Vinayaka Missions Universityसेलम ₹3,00,000
Bakson Homeopathic Medical College and Hospitalग्रेटर नोएडा ₹2,85,000
Bharati Vidyapeeth Deemed Universityपुणे ₹1,50,000

होम्योपैथी के पाठ्यक्रम (Homeopathy course curriculum)

यूजी और पीजी स्तर पर उपलब्ध होम्योपैथी पाठ्यक्रम उम्मीदवारों को व्यापक ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। और सभी जरुरी विषयों और उपचारों को इन पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS) और होम्योपैथी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD) के मूल पाठ्यक्रम है – 

बीएचएमएस का पाठ्यक्रम (Curriculum of BHMS)

  • शरीर रचना (Anatomy)
  • शल्य चिकित्सा (Surgery)
  • चिकित्सा का अभ्यास (Practice of Medicine)
  • होम्योपैथिक फार्मेसी (Homeopathic Pharmacy)   
  • सामुदायिक चिकित्सा (Community Medicine)
  • केस टेकिंग एंड रिपर्टरी (Case Taking and Repertory)
  • प्रसूति एवं स्त्री रोग (Obstetrics and Gynaecology)
  • पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी (Pathology and Microbiology)   
  • फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी (Forensic Medicine and Toxicology)
  • बायोकैमिस्ट्री सहित फिजियोलॉजी (Physiology including Biochemistry)   
  • होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका एंड थेरेप्यूटिक्स (Homeopathic Materia Medica and Therapeutics)  
  • चिकित्सा के अंग, होम्योपैथिक दर्शन और मनोविज्ञान के सिद्धांत (Organon of Medicine, Principles of Homeopathic Philosophy and Psychology)  
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होम्योपैथी में एमडी का पाठ्यक्रम (curriculum of MD in Homeopathy)

  • पैथोलॉजी – बीमारी में संरचनात्मक परिवर्तन (Pathology – Structural Alterations in Disease)
  • द मैन इन डिजीज – समग्र अवधारणा (The Man in Disease – Holistic Concept)
  • पैथो- फिजियोलॉजी – बीमारी में कार्यात्मक परिवर्तन (Pathophysiology – Functional Alterations in Disease)   
  • बैक्टीरियोलॉजी और वायरोलॉजी (Bacteriology & Virology)   
  • होम्योपैथिक दर्शन के साथ चिकित्सा का संगठन (Organon of Medicine with Homeopathic Philosophy)
  • असामान्य मनोविज्ञान मनश्चिकित्सा (Abnormal Psychology Psychiatry)
  • चिकित्सा का इतिहास, अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकी सहित वैज्ञानिक पद्धति (History of Medicine, Scientific Methodology including Research Methodology & Statistics)
  • चिकित्सा, सर्जरी और Obs / Gyn . में होम्योपैथी का अभ्यास (The practice of Homeopathy in Medicine, Surgery & Obs/Gyn)
  • नैदानिक जांच (Clinical Investigation)
  • प्रशिक्षण और प्लेसमेंट (Training & Placements)

होम्योपैथी की पढाई में विशेषज्ञता (Specializations in homeopathy)

एक उम्मीदवार homeopathy के पाठ्यक्रमों में विशेषज्ञता का विकल्प भी चुन सकते हैं। और पीजी पाठ्यक्रम में उपलब्ध विशेषज्ञता उम्मीदवार को ज्ञान प्राप्त करने और इस क्षेत्र में करियर के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने में मदद करते है।ऐसी की कुछ विशेषज्ञता है – 

  1. मनोरोग (Psychiatry) – यह होम्योपैथिक दवाओ का उपयोग करके मानसिक, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी विकारों के निदान, उपचार और रोकथाम पर केंद्रित है।
  1. चिकित्सा का अभ्यास (The practice of Medicine) – इसमें चिकित्सा का अभ्यास बीमारी को रोकने, राहत देने या ठीक करने के उद्देश्य से किया जाता है।
  1. रिपर्टरी (Repertory) – रिपर्टरी लक्षणों और उन पदार्थों की एक सूची है, जो प्रत्येक लक्षण के कारण और इलाज के लिए पाए जाते हैं।
  1. होम्योपैथिक दर्शन के साथ चिकित्सा का संगठन (Organon of Medicine with Homeopathic Philosophy) – चिकित्सा का संगठन homeopathy के जनक “डॉ सैमुअल हैनीमैन” द्वारा आविष्कार किए गए होम्योपैथिक चिकित्सा के सिद्धांतों का संचय है। इसमें उनके समय के दौरान प्रचलित उपचार के विभिन्न अन्य तरीकों के महत्वपूर्ण विश्लेषण के साथ-साथ होम्योपैथी के सिद्धांत भी शामिल हैं।
  1. बाल रोग (Paediatrics) – बाल रोग चिकित्सा की वह शाखा है, जिसमें शिशुओं, बच्चों और किशोरों की चिकित्सा देखभाल शामिल है।
  1. होम्योपैथिक फार्मेसी (Homeopathic Pharmacy) – होम्योपैथिक फार्मेसी दवाओं को इकट्ठा करने, संयोजित करने, संयोजन करने, तैयार करने, संरक्षित करने और समरूप बनाने की कला और विज्ञान है।
  1. होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका (Homeopathic Materia Medica) – यह होम्योपैथी की वो विशेषज्ञता है, जो की homeopathy में प्रयुक्त पदार्थों को उनके आवेदन के लिए विस्तृत संकेत के साथ सूचीबद्ध करती है।

होम्योपैथी में क्या होता है जॉब प्रोफाइल? (Job profiles in homeopathy)

आज homeopathy के इस क्षेत्र में भारत और विदेशों में भी रोजगार के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। एक प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक विभिन्न निजी और सरकारी होम्योपैथिक अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारी/डॉक्टर के रूप में रोजगार प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, इसमें पेशेवर अपना अभ्यास भी शुरू कर सकते हैं, या होम्योपैथी दवाओं की दुकान भी स्थापित कर सकते हैं। 

साथ ही आज होम्योपैथिक डॉक्टर होम्योपैथिक तैयारियों में लगे कई उद्योगों में भी काम कर सकते हैं। और ये डॉक्टर एजुकेशन इंडस्ट्री में भी एक अच्छा करियर बना सकते हैं। वे होम्योपैथिक कॉलेजों में प्रोफेसर के रूप में कमा सकते हैं, या शोध के कार्यो में भी हिस्सा ले सकते हैं। और कुछ वर्षों के अनुभव के बाद, होम्योपैथी डिग्री धारक अपनी फार्मेसी भी खोल सकता है। और आइये अब हम जानते है homeopathy में उपलब्ध ऐसे ही कुछ जॉब प्रोफाइल के बारे में, जो की है –

  • होम्योपैथ (Homeopath) – यहाँ उम्मीदवार रोगियों को उनके लक्षणों के आधार उचित दावा निर्धारित करते है, और साथ ही उनके पास प्रबंधकीय, विपणन और प्रशासनिक कर्तव्य भी होते हैं।
  • लेक्चरर/प्रोफेसर (Lecturer/Professor) – एक लेक्चरर की नौकरी की भूमिका विभाग के प्रमुख द्वारा समय-समय पर आवंटित और समीक्षा किए गए क्षेत्रों में नए छात्रों को पढ़ाना होता है।
  • सलाहकार (Consultant) – यहाँ लोगों का काम अपने ग्राहकों को उनके व्यवसाय के क्षेत्र को बढ़ाने या उसे ठीक करने में मदद करने के लिए अपनी राय देना होता है ।
  • जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Public Health Specialist) – वे व्यक्तियों, आबादी और समुदायों के स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में काम करते हैं। साथ ही जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्थानीय पड़ोस, स्कूलों और अस्पतालों को स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका से अवगत कराते हैं।
  • फार्मासिस्ट (Pharmacist) – फार्मासिस्ट prescription और non-prescription दवा दोनों का वितरण और नियंत्रण करते है। साथ ही वे सामान्य स्वास्थ्य सेवा में ग्राहकों को सलाह भी देते हैं।

होमियोपैथी में कितना मिलता है पैसा? (Salary in homeopathy)

एक होम्योपैथिक डॉक्टर की औसत आय उनके वर्षों के अनुभव और कौशल पर आधारित होती है। और उन्हें पेश किया जाने वाला वेतन सरकारी और निजी क्षेत्र में भिन्न होता है। सरकारी अस्पतालों में होम्योपैथिक डॉक्टर का वेतनमान सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है। जबकि, निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में यह संबंधित शासी निकाय द्वारा तय किया जाता है।

वेतन तय करते समय संबंधित डॉक्टर के अनुभव, कौशल, योग्यता पर विचार किया जाता है। जिसमे कार्य क्षेत्र या स्थान भी एक निर्धारक कारक होते है। हालाँकि ज्यादा तर उम्मीदवार सरकारी hospitals में नौकरी की तलाश में रहते है, मगर देखा जाए तो एक होम्योपैथिक डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में ज्यादा कमा सकते हैं। और आइये अब जानते है होम्योपैथी के क्षेत्र में कुछ जॉब प्रोफाइल और उनमे मिलने वाला औसत वेतन, जो की है – 

पद (Designation)वेतन प्रति माह
Junior Homeopathic Doctor25,000 से 30,000
Senior Homeopathic Doctor40,000 से 50,000
Pharmacist20,000 से 25000
Public Health Specialist60,000 से 70,000
Lecturer/Professor45,000 से 50,000
Homeopath30,000 से 35,000

होम्योपैथी कार्यक्षेत्र में क्या है अवसर? (Scope in homeopathy)

पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र में चल रहे शोध की बदौलत होम्योपैथिक दवाओं की दक्षता आज कई गुना बढ़ गई है। और इसी कारण उम्मीदवारों के लिए भी इस पेश में आगे बढ़ने की संभावनाओं में भी वृद्धि हुई है। आज भारत और विदेशों दोनों ही जगह इस क्षेत्र में रोजगार के उज्ज्वल अवसर और विशाल रोजगार हैं क्योंकि आजकल लोग बिना किसी side effect के चिकित्सा को ही ज्यादा महत्व दे रहे हैं।

एक अच्छे तरह से प्रशिक्षित और अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक विभिन्न निजी और सरकारी होम्योपैथिक अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम कर सकता है, या फिर निजी प्रैक्टिस के लिए अपना क्लिनिक भी स्थापित कर सकते है। और इसके अलावा भी उम्मीदवारों के पास चुनने के लिए काफी विकल्प मौजूद है, जो homeopathy के इस छेत्र को करियर के लिहाज से एक व्यापक छेत्र बनाता है।  

होम्योपैथी में रोजगा के क्षेत्र (Employment areas in homeopathy)

आज होम्योपैथिक डॉक्टरों के लिए नौकरी के ढेर सारे अवसर मौजूद हैं। क्युकी होम्योपैथी का कोई side effect नहीं होता है, इसलिए आज बहुत से लोग होम्योपैथी उपचार पर ही भरोसा करते हैं। होम्योपैथी दवाएं वयस्कों और बच्चों पर समान रूप से काम करती हैं। और एलर्जी, क्रोनिक थकान सिंड्रोम, संधिशोथ, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम, खांसी और सर्दी, माइग्रेन, अवसाद और प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम आदि के इलाज में होम्योपैथी का व्यापक उपयोग होता है।

डिग्री प्राप्त करने के बाद होम्योपैथिक डॉक्टर सरकारी और निजी अस्पतालों में काम कर सकते हैं। साथ ही और भी कई ऐसे अन्य क्षेत्र हैं, जो होम्योपैथी में प्रशिक्षित उम्मीदवारों की नियुक्त करते हैं, जैसे कि-

  1. विश्वविद्यालय/महाविद्यालय (University/Colleges)
  1. नैदानिक ​​परीक्षण – फार्मास्युटिकल्स (Clinical Trials – Pharmaceuticals)
  1. होम्योपैथिक दवा कंपनियां (Homeopathic Pharmaceutical Companies)
  1. दवा नियंत्रण संगठन- राज्य और केंद्र सरकार (Drug Control organizations – State and Central Government)
  1. सरकारी (राज्य/केंद्रीय/स्थानीय)/निजी अस्पताल और औषधालय Government (State/Central/Local )/Private hospitals and Dispensaries 
  1. दवा निर्माण इकाइयाँ – सरकारी, निजी, स्वायत्त, सहकारी क्षेत्र (Drug manufacturing units – Government, Private, Autonomous, Cooperative sectors)
  1. होम्योपैथिक विशेषता केंद्र (Homeopathic Speciality Centers)
  1. ईएसआईसी, रेलवे, एनटीपीसी, कोल इंडिया (ESIC, Railways, NTPC, Coal India)
  1. प्रबंधन और प्रशासन – सरकारी और निजी (Management and administration – Government and Private)
  1. राष्ट्रीय आयुष मिशन (National AYUSH Mission)
  1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission)
  1. चिकित्सा पर्यटन (Medical Tourism)
  1. नर्सिंग होम/क्लीनिक/स्वास्थ्य विभाग (Nursing homes/Clinics/Health departments)
  1. स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में तृतीय-पक्ष व्यवस्थापक (Third-Party Administrators in the Health insurance sector)   इत्यादि।

FAQ (Frequently Asked Questions)

Q. होमियोपैथी के जनक कौन है?

A. Homeopathy के जनक जर्मन चिकित्सक “Christian Friedrich Samuel Hahnemann” को मन जाता है, जिन्होंने इस चिकित्सा प्रणाली का इजाद किया था।

Q. क्या होमियोपैथी का इलाज बच्चो के लिए सुरक्षित है?

A. हां, बिलकुल, क्युकी homeopathy के कोई side effects नही होते, इसीलिए इसका इलाज बच्चो और वयस्कों दोनों के लिए ही सुरक्षित है।

Q. क्या होम्योपैथी एक अच्छा करियर विकल्प है?

A. हां बिलकुल, आज एक प्राकृतिक उपचार के रूप में, होम्योपैथिक दवाओं और इलाज की लोकप्रियता में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है जिससे इस क्षेत्र में व्यापक रोजगार भी पैदा हुए है।

Q. एक होम्योपैथिक विशेषज्ञ कैसे बन सकते है?

A. एक होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए उम्मीदवारों को होम्योपैथी में अपना करियर स्नातक की डिग्री के साथ शुरू करना चाहिए, और उसके बाद उन्हें इसमें और विशेषज्ञ बनने के लिए एमडी की डिग्री भी हासिल करनी चाहिए।

Q. होम्योपैथी का मूल सिद्धांत क्या हैं?

A. होम्योपैथी का मूल सिद्धांत यह है कि, एक पदार्थ जो एक निश्चित बीमारी को उत्पन करता है, वो उस बीमारी के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। और इसे इसे “समानता के कानून” के रूप में भी जाना जाता है।

Q. विश्व होम्योपैथी दिवस कब मनाया जाता है?

A. World homeopathy day 10 अप्रैल को मनाया जाता है।

Q. क्या होम्योपैथी का दायरा अच्छा है?

A. हां, होम्योपैथी के क्षेत्र में आने वाले वर्षों में कई तरह के रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

Q. भारत में BHMS डॉक्टर का वेतन कितना होता है?

A. सरकारी क्षेत्र में एक होम्योपैथिक डॉक्टर का वेतन 25,000 से लेकर 35,000 प्रति माह, जबकि निजी क्षेत्र में वेतन लगभग 20,000 प्रति माह होता है। 

Q. होम्योपैथी का अध्ययन करने में कितना समय लगता है?

A. पूरी तरह से एक योग्य पेशेवर होम्योपैथ बनने के लिए 3-4 साल का प्रशिक्षण लगता है।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।


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