Indus Valley Civilization details in hindi

सिंधु घाटी सभ्यता की जानकारी | Indus Valley Civilization explanation, details in hindi

पोस्ट को share करें-

Indus Valley Civilization की कहानी हिंदी में, Indus Valley Civilization ias notes in hindi, Indus Valley Civilization की पूरी जानकारी, सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में निबंध, Indus Valley Civilization पर essay, सिंधु घाटी सभ्यता के notes Indus Valley Civilization essay in hindi, Indus Valley Civilization hindi notes download. 

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) दक्षिण एशिया की पहली बड़ी सभ्यता थी, जो आज के भारत और पाकिस्तान (लगभग 12 लाख वर्ग किमी) में भूमि के एक विशाल क्षेत्र में फैली हुई थी।

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) का समय काल 2700 – बीसी से 1900 – बीसी यानी की 800 वर्षों के लिए अनुमानित है। लेकिन शुरुआती सिंधु घाटी सभ्यता ईसा पूर्व 2700 से भी पहले अस्तित्व में थी।

सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताएं (Features of Indus Valley Civilization)

  • यह ईसा पूर्व 2700 BC से 1900 BC तक यानी 800 साल तक मौजूद थी।
  • यह सिंधु नदी की घाटियों पर बनी हुई थी।
  • इसे हड़प्पा सभ्यता के रूप में भी जाना जाता है।
  • माना जाता है की यही से शहरी जीवन की शुरुआत हुई थी।
  • हड़प्पा स्थलों की खोज – दयाराम साहनी (1921) – मोंटगोमरी जिला, पंजाब, पाकिस्तान द्वारा की गई।
  • मोहनजोदड़ो की खोज – “आर डी बनर्जी” द्वारा – लरकाना जिला, सिंध, पाकिस्तान में की गयी थी।
  • इस शहर को Citadel (पश्चिम) और Lower Town (पूर्व) में विभाजित किया गया था।
  • यहाँ लाल मिट्टी के बर्तनों को काले रंग से चित्रित किया गया है।
  • पत्थर के बाट, मुहरें, विशेष मनके, तांबे के औजार, पत्थर के लंबे फलक आदि यहाँ मौजूद थे।
  • साथ ही यहाँ तांबा, कांस्य, चांदी, और सोना भी मौजूद था।
  • यहाँ कृत्रिम रूप से उत्पादित – Faience यानि की ceramic के बर्तन और कई तरह के सजावटी सामग्री भी मिले थे।
  • यहाँ के लोग हस्तकला के विशेषज्ञ माने जाते थे।
  • यहाँ कच्चे माल का आयात भी हुआ करता था।
  • साथ ही यहाँ खेती के लिए हल का प्रयोग भी किया जाता था।
  • यहाँ शवों को लकड़ी के ताबूतों में दफनाया गया था, लेकिन बाद के चरणों में ‘एच समरूपता संस्कृति’ यानि की (H symmetry culture) विकसित हुई, जहां शवों को चित्रित दफन कलशों में दफनाया गया था।
  • लेकिन यहाँ गन्ने की खेती नहीं होती थी, और घोड़े, साथ ही लोहे का भी प्रयोग यहाँ नहीं होता था।

सिंधु घाटी (Indus Valley Civilization) के स्थल और उनकी विशेषताएँ

हड़प्पा (HARAPPA)

  • यह पत्थरों से बने मुहरें की तरह था।
  • और यर्ह रावी नदी के तट पर बसा हुआ था।

मोहनजोदड़ो (MOHENJODARO)

  • ग्रेट बाथ, ग्रेट ग्रैनरी, डांसिंग गर्ल, दाढ़ी वाले मर्द, कॉटन, असेंबली हॉल, यहाँ यह सब मौजूद थे।
  • इस शब्द का अर्थ है “मृतकों का पहाड़”।
  • यह सिंधु नदी के तट पर मौजूद था।
  • माना जाता है कि यह जगह बाढ़ या आक्रमण से नष्ट हो गया था।

चन्हूदड़ो (Chanhudaro)

  • यह सिंधु नदी का किनारा था। 
  • इसे गोपाल मजूमदार और Mackey द्वारा साल 1931 में खोजा गया था। 
  • यहाँ पूर्व-हड़प्पा संस्कृति – झंगर संस्कृति और झूकर संस्कृति में लोग मजूद थे। 

कालीबंगा (KALIBANGAN)

  • यह राजस्थान में घग्घर नदी के तट पर मौजूद था, और इसे ए. घोष द्वारा साल 1953 में खोजा गया था। 
  • यहाँ ऊँट की हड्डियाँ मिली थी।
  • साथ ही यहाँ घोड़े के अवशेष भी मिले थे (भले ही सिंधु घाटी के लोग घोड़ों का इस्तेमाल नहीं करते थे)।
  • इसे सिंधु साम्राज्य की तीसरी राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।

लोथल (LOTHAL)

  • यह गुजरात में भोगवा नदी के पास मौजूद था, और इसे एस.आर. राव द्वारा साल 1957 में खोजा गया था।
  • यह साबरमती की सहायक नदी के पास था।
  • यहाँ गोदाम भी मौजूद थे।
  • इसे सबसे पुराने डॉकयार्ड और सबसे पुराना बंदरगाह भी माना जाता है।
  • साथ ही यहाँ के घरों में सामने का प्रवेश द्वार हुआ करते थे।

रोपड़ (ROPAR)

  • यह पंजाब, सतलज नदी के तट पर मौजूद था। 
  • और इसे वाई डी शर्मा द्वारा साल 1955 में खोजा गया था।
  • यहाँ कुत्ते को इंसानों के साथ दफनाया गया था।

बनावली (BANAWALI)

  • यह हरयाणा में मौजूद था।
  • और यह खोई हुई सरस्वती नदी के तट पर था।
  • यहाँ जौ (Barley) की खेती होती थी।

धोलावीरा (DHOLAVIRA)

  • यह राखीगढ़ी की खोज तक, भारत में खोजी गयी सबसे बड़ी साइट थी।
  • यह खादिर बेत, कच्छ, गुजरात के रण में स्थित है। 
  • इसे जेपी जोशी/रवींद्र सिंह द्वारा साल 1990 में खोजा गया था। 
  • यहाँ समारोहों के लिए काफी बड़े और खुले क्षेत्र मौजूद थे।

सिंधु घाटी के लोगों का धर्म (Religion of Indus Valley Civilization People)

  • यहाँ लोग पशुपति महादेव (प्रोटो शिव) को मानते थे।
  • साथ ही यहाँ माता देवी की भी पूजा की जाती थी।
  • इसके अलावा यहाँ के लोग प्रकृति और पशु की भी पूजा किया करते थे।
  • इनमे गेंडा, कबूतर, पीपल का पेड़, आग, आदि शामिल थे।
  • यहाँ के लोग ताबीज भी पहना करते थे।
  • यहाँ मूर्ति पूजा (जो की आर्यों की विशेषता नहीं थी) काफी प्रचलित थी।
  • हालाँकि यहाँ के लोगों ने मंदिर नहीं बनाए।
  • और तो और यहाँ कोई जाति व्यवस्था भी मौजूद नहीं थी।

सिंधु घाटी का समाज और संस्कृति (Indus Valley Civilization Culture)

  • यहाँ बाट और माप (weights and measures) की व्यवस्थित विधि (16 और इसके गुणक) मौजूद थी।
  • यहाँ पुरुषों और महिलाओं को समान दर्जा मिलता था।
  • यहाँ आर्थिक असमानता, और समतावादी समाज मौजूद नहीं था।
  • यहाँ कपड़े  की कताई और बुनाई हुआ करती थी।
  • यहाँ किसी के मरने के बाद 3 प्रकार की संस्कृति का पालन किया जाता था – दफन, दाह संस्कार और श्मशान, हालांकि की दफनाना इनमे से आम था।
  • अधिकांश लोग प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड्स (Proto-Australoids) और मेडिटेरेनियन (द्रविड़ियन), Mediterranean (Dravidians) थे, हालांकि मोंगोलोइड्स, नॉर्डिक्स (Mongoloids, Nordics) आदि भी शहर की संस्कृति में मौजूद थे।

सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारण (Reasons for Decline of Indus Valley Civilization)

हालांकि इसके विभिन्न सिद्धांत हैं, लेकिन इसका सटीक कारण अभी भी अज्ञात है।

IIT खड़गपुर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, एक कमजोर मानसून सिंधु घाटी सभ्यता के पतन का कारण हो सकता है।

Fariservis की Theory के अनुसार पर्यावरणीय परिवर्तन, और शहर के जीवन को बनाए रखने के लिए सिंधु घाटी के शासकों (केंद्रीय प्रशासन) की शक्ति के नुकसान के साथ मिलने से इसका पतन हो सकता है ।

जनसंख्या को बनाए रखने के लिए संसाधन की कमी हुई होगी, और फिर लोग दक्षिण भारत की ओर चले गए।

डॉ Gwen Robbins Schug के एक अन्य सिद्धांत में कहा गया है कि सिंधु घाटी सभ्यता के अंत में पारस्परिक हिंसा, संक्रामक रोगों और जलवायु परिवर्तन ने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी।

FAQ (Frequently Asked Questions)

Indus Valley Civilization के बारे में कुछ तथ्य क्या हैं?

1. सिन्धु घाटी की सभ्यता मिस्र की प्राचीन सभ्यता से भी बड़ी थी।

2. दुनिया के कुछ पहले दंत चिकित्सक इस सिंधु घाटी से आए थे।

3. अपने चरम पर, दुनिया की कुल आबादी का 10% सिंधु घाटी की प्राचीन सभ्यता में रहती थी।

4. यहाँ शौचालय की सीटें ईंट से बनी थीं।  आदि।

सिंधु घाटी के बारे में क्या अनोखा है?

उनके क्षेत्र में कोई ममी, कोई सम्राट और कोई हिंसक युद्ध या खूनी लड़ाई के संकेत नहीं मिले। उल्लेखनीय है कि इन सबका अभाव ही सिंधु घाटी सभ्यता को इतना रोमांचक और अनूठा बनाता है।

क्या सिन्धुवासी धन का प्रयोग करते थे?

सिन्धु घाटी के व्यापारी मुद्रा का प्रयोग नहीं करते थे, इसलिए वे संभवतः वस्तुओं का आदान-प्रदान करते थे। वे खनिजों की एक टोकरी के लिए दो बोरी गेहूं की अदला-बदली कर सकते हैं। और सिंधु घाटी में व्यापार का बहुत महत्व था।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।  

Also read –

Class 10 CBSE NCERT Notes in hindi

Class 9 CBSE NCERT Notes in hindi


पोस्ट को share करें-

Similar Posts

One Comment

  1. Wow, superb weblog structure! How lengthy have you been blogging for?
    you make running a blog glance easy. The entire look of your site is magnificent, let alone the content!
    You can see similar here ecommerce

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *