कैसे बने एक corporate lawyer

Corporate lawyer कैसे बने? | How to be a corporate lawyer in hindi

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आज एक छात्र, corporate law में विशेषज्ञता के साथ अपनी कानून की डिग्री पूरी करने के बाद, एक corporate lawyer के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं। और एक corporate lawyer का काम यह सुनिश्चित करना होता है, की एक व्यावसायिक संगठन या कंपनी के सभी वाणिज्यिक लेनदेन सही तरीको और क़ानूनी दायरे में रहकर हो।  

साथ ही एक corporate lawyer का कर्तव्य कानून की अदालत में अपने संगठन का प्रतिनिधित्व करना है, और वे जिस कंपनी के लिए काम कर रहे हैं, उसके पक्ष में सभी कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों को लागू करना होता हैं। और इसके अलावा, एक corporate lawyer का दायित्व कंपनी के सामने आने वाले सभी विवादों के खिलाफ कानूनी समाधान प्रदान करना भी होता हैं।

एक corporate lawyer बनने के लिए, उम्मीदवारों को कानून में स्नातक की पढ़ाई करनी होगी और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) में अपना नाम भी दर्ज कराना होगा। और BCI में पंजीकरण के बाद, आवेदक भारत में कॉर्पोरेट वकीलों के रूप में अभ्यास करने के योग्य हो जाते हैं। 

Table of Contents

कॉर्पोरेट वकील कैसे बनें? (How to become corporate lawyer in hindi)

Corporate lawyer बनने के लिए कानून में स्नातक की डिग्री होना जरूरी है। कानून की डिग्री पूरी करने के बाद, उम्मीदवार बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) में नामांकन के योग्य हो जाते हैं। और BCI का एक सदस्य भारत में कानून का अभ्यास करने के लिए पात्र होता है। 

BCI में नामांकन प्राप्त करने के लिए, उम्मीदवारों को बार काउंसिल परीक्षा के लिए आवेदन करना होता है। यह परीक्षा पूरे भारत में साल में दो बार आयोजित की जाती है। और इसके कुछ चरणों को पूरा कर, एक उम्मीदवार इस छेत्र में अपने कदम बढ़ा सकता है, जो की है –

पहला चरण : न्यूनतम पात्रता मानदंड को पूरा करना 

  • एलएलबी (LLB) कार्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड के अनुसार, उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से न्यूनतम 45% अंकों के साथ 12वी कक्षा की परीक्षा पास करनी होगी। 
  • उसके बाद, उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पांच साल के एलएलबी कार्यक्रम, बीए एलएलबी, या बीबीए एलएलबी, या बी.कॉम एलएलबी के लिए आवेदन कर सकते हैं। 
  • और एक तीन साल के एलएलबी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए, उम्मीदवारों को न्यूनतम 55% अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातक पूरा करना होगा।

दूसरा चरण : एलएलबी प्रवेश परीक्षा को पास करना 

  • भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एलएलबी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए, आवेदकों को पहले भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित सामान्य कानून प्रवेश परीक्षा या राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होगा। 
  • विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित इन प्रवेश परीक्षाओं को पास करने वाले उम्मीदवार ही पांच साल या तीन साल के एलएलबी कार्यक्रम में प्रवेश पाने के पात्र होंगे।

तीसरा चरण : कानून में स्नातक/ग्रेजुएशन पूरा करना 

  • BCI पंजीकरण के पात्र बनने के लिए उम्मीदवारों को बिना किसी बैक पेपर के कानून में स्नातक कार्यक्रम के सभी सेमेस्टर को पास करना होगा। 
  • पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए एलएलबी की डिग्री जरूरी है। और जिन छात्रों की डिग्री विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान नहीं की गयी है, वे BCI पंजीकरण के लिए अपनी provisional डिग्री भी प्रदान कर सकते हैं।

चौथा चरण : अपना Attendance certificate प्रदान करना 

  • आज ऐसे कई कॉलेज है, जो distance education के माध्यम से LLB पाठ्यक्रम की डिग्री प्रदान करते हैं।
  • मगर छात्रों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उन्हें BCI में पंजीकरण के समय कॉलेज द्वारा जारी की गयी न्यूनतम 75% उपस्थिति का attendance certificate प्रदान करना होगा। 
  • Distance education वाले शिक्षा महाविद्यालय ज्यादातर ऐसे प्रमाण पत्र प्रदान नहीं करते हैं। 
  • और प्रमाण पत्र के बिना छात्र बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के सदस्य बनने के पात्र नही होते।

पांचवा चरण : बीसीआई पंजीकरण के लिए आवेदन करना 

  • छात्र अपना एलएलबी (LLB) कोर्स पूरा करने के बाद BCI पंजीकरण के लिए आवेदन करने के पात्र होते है। 
  • उन्हें सबसे पहले, बीसीआई पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए राज्य बार काउंसिल पंजीकृत कार्यालय में इसके आवेदन शुल्क को डिमांड ड्राफ्ट (DD) द्वारा जमा करना होगा।
  • और फिर इसके बाद उम्मीदवारों को उपलब्ध पंजीकरण फॉर्म को ऑफलाइन मोड में भरना होगा।

छठा चरण : दस्तावेज़ सत्यापन/ Document verification

  • पंजीकरण के लिए आवेदन करने के बाद, सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों और दस्तावेजों को BCI के अधिकारियों द्वारा सत्यापित यानि की verify किया जाएगा। 
  • सत्यापन दौर के लिए, आवेदकों को BCI कार्यालय में दस्तावेजों के दो सेट और अपने मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। 
  • इन दस्तावेजों में कक्षा 10वीं की मार्कशीट, 10वीं का पासिंग सर्टिफिकेट, कक्षा 12वीं की मार्कशीट, 12वीं का पासिंग सर्टिफिकेट, ग्रेजुएशन की मार्कशीट, डिग्री, और सभी सेमेस्टर की एलएलबी (LLB) की मार्कशीट और provisional डिग्री शामिल होंगे।

सातवा चरण : बीसीआई की परीक्षा

  • पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के बाद, बीसीआई द्वारा एक परीक्षा आयोजित की जाएगी।
  • और इस परीक्षा को पास करने वाले आवेदकों को अंतिम नामांकन प्रदान किया जाएगा।

आठवा चरण : अभ्यास का प्रमाण पत्र जारी होना 

  • पात्र उम्मीदवारों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) नामांकन कार्ड के साथ अभ्यास प्रमाण पत्र और नामांकन संख्या भी जारी की जाती है। 
  • और Corporate lawyer बीसीआई द्वारा अभ्यास का प्रमाण पत्र जारी होने के बाद अपना अभ्यास शुरू कर सकते हैं।

कॉर्पोरेट कानून में करियर के लिए आवश्यक कौशल? (Skills required for corporate law)

कॉर्पोरेट कानून में कोर्स करने के लिए एक उम्मीदवार में कुछ कौशलों का होना आवश्यक होता है, जैसे की – 

शोध कौशलबातचीत का कौशल
तनाव प्रबंधन क्षमताप्रासंगिक कानूनी ज्ञान
समय प्रबंधी कौशलगोपनीयता बनाए रखने की क्षमता
अच्छी दूरदर्शिताधैर्यवान होना 
संगठित रहना एक टीम में काम करने की क्षमता
अच्छा विश्लेषण करने की क्षमतासंख्यात्मक क्षमता
हमेशा सकारात्मक रहना लोगों के साथ बातचीत का कौशल 

कॉर्पोरेट लॉ के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा( Corporate law common entrance exams)

कॉर्पोरेट लॉ के courses में दाखिले के लिए आज भारत में कई तरह के entrance exams लिए जाते है, जिनमे से कुछ है – 

परीक्षाओं की सूचीपरिक्षाए लेने वाली संस्थान 
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU)
ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट (AILET)नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
TS PGLCET उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
BHU UET (Law) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
MH CET 2021 (Law) स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल, महाराष्ट्र
BVP CET (LAW)भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय, पुणे 
Kerala LLB Entrance Exam (KLEE)प्रवेश परीक्षा आयुक्त (CEE)
CULEE (क्राइस्ट यूनिवर्सिटी लॉ एंट्रेंस एग्जाम)क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
DUET 2021 (Law)दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)

कॉर्पोरेट कानून के अलग-अलग पाठ्यक्रम (Courses for corporate law)

आज भारत में कई ऐसे कॉलेज है, जो कॉर्पोरेट कानून के अलग-अलग पाठ्यक्रम पेश करते है, जिन्हें पूरा कर एक उम्मीदवार corporate lawyer बनने की ओर अपने कदम बढ़ा सकता है। वैसे ही पाठ्यक्रमों की सूची नीचे दी गई है।

डिप्लोमा पाठ्यक्रम (Diploma courses in corporate law) 

कोर्स अवधि 
Post Graduate Diploma in Corporate Law2 साल 
Post Graduate Diploma in Business and Corporate Law2 साल 

यूजी पाठ्यक्रम (UG courses in corporate law) 

कोर्स अवधि 
Bachelor of Arts, Bachelor of Laws 5 साल 
Bachelor of Legislative Law3 साल 
Bachelor of Business Administration, Bachelor of Laws 5 साल 

पीजी पाठ्यक्रम (PG courses in corporate law) 

कोर्स अवधि 
LLM in Corporate Law2 साल 
LLM in Corporate and Commercial Law2 साल 
LLM in Corporate and Securities Laws2 साल 
LLM in Corporate and Business Law2 साल 

कॉर्पोरेट कानून के लिए कॉलेज (Colleges for corporate law)

आज देश में कई कॉलेज है, जो एक अच्छा corporate lawyer बनने के लिए उम्मीदवारों को अच्छे पाठ्यक्रमों की पेशकश करते है, जिनमे से कुछ नामी कॉलेज है – 

कॉलेज का नाम स्थान 
Amity विश्वविद्यालयजयपुर, राजस्थान 
I C F A I विश्वविद्यालयदेहरादून, उत्तराखंड 
ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालयजयपुर, राजस्थान 
NMIMS Kirit P. Mehta स्कूल ऑफ लॉमुंबई, महाराष्ट्र 
कानून के स्कूल, अंसल विश्वविद्यालय हरियाणा
GITAM स्कूल ऑफ लॉविशाखापत्तनम,आंध्र प्रदेश
कलिंग विश्वविद्यालयरायपुर, छत्तीसगढ
बनारस हिंदू विश्वविद्यालयवाराणसी, उत्तर प्रदेश
हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीरायपुर, छत्तीसगढ

कॉर्पोरेट लॉ में अलग-अलग जॉब प्रोफाइल (Job profiles in corporate law)

लॉ कोर्स करने वाले और corporate lawyer बनने वाले उम्मीदवार इस छेत्र के कई अलग-अलग job profiles में अपना career बना सकते है, जैसे की –

कानूनी अधिकारी (Legal Executives) 

कानूनी अधिकारी कई कानूनी मामलों पर अपने नियोक्ताओं को सलाह देने के लिए जिम्मेदार होते हैं। साथ ही वे कानूनी मामलों में अन्य फर्मों के सामने अपने फार्म का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। इसके अलावा, इन अधिकारियों के पास कानूनी संगठनों के प्रशासन को चलाने का भी अधिकार होता है और यह सभी कानूनी समस्याओं जैसे कि हलफनामे के लिए जानकारी एकत्र करना, रिट जारी करना, विलेखों की जांच करना, कानूनी दस्तावेजों का मसौदा तैयार करना आदि को संभालने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

कानूनी सलाहकार (Legal Advisors)

कानूनी सलाहकार का काम अपने  ग्राहकों को कानूनी और संवैधानिक अधिकारों के मामलो में सलाह देना होता है। इसके अलावा, वे एक विशिष्ट स्थिति के लिए प्रासंगिक कानूनों की जांच के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। साथ ही यह अपने ग्राहकों को पुराने मामलो में जीत के लिए भी अपनी सहल देते है, ताकि पुराने सभी मालमो को अच्छे से निपटाया जा सके।

वकील (Lawyer)

एक वकील ट्रायल कोर्ट में क्लाइंट्स और पार्टियों का प्रतिनिधित्व करता है। एक वकील को चश्मदीदों से जिरह करने और फिर केस में कानून के तथ्यों और कारणों की जांच करने और सूचीबद्ध करने की आवश्यकता होती है। और इस जॉब प्रोफाइल के उम्मीदवारों को अधिवक्ताओं यानि की advocates के नाम में भी जाना जाता है।

सॉलिसिटर्स (Solicitors)

सॉलिसिटर मूल रूप से कानूनी सलाहकार होते हैं, जो किसी कॉर्पोरेट लॉ फर्मों के लिए काम करते हैं। और उनका काम ग्राहकों को कानूनी मामलों पर सलाह देना और अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करना होता है।

नोटरी पब्लिक (Notary Public)

देश के सभी राज्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा नोटरी नियुक्त किए जाते हैं। और कोई भी व्यक्ति जो कम से कम दस वर्षों से एक वकील के रूप में अभ्यास कर रहा है, नोटरी पद के लिए आवेदन करने के योग्य हो जाता है। 

नोटरी अधिनियम 1952 के अनुसार, नोटरी का कार्य किसी दस्तावेज़ के अनुवाद को एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करना, उनका सत्यापित करना, हलफनामे और अन्य कानूनी साधनों में सत्यापन को प्रमाणित और सत्यापित करना, साथ ही किसी व्यक्ति से हलफनामा लेना, आदि होता । 

इनके अलावा वे किसी व्यक्ति को शपथ दिलाने, किसी भी मामले के लिए मध्यस्थ, सुलहकर्ता या मध्यस्थ के रूप में कार्य करने, अदालत द्वारा निर्देशित किसी भी आपराधिक या नागरिक मुकदमे में साक्ष्य दर्ज करने जैसे काम भी करते है।

कॉर्पोरेट लॉ में भर्ती करने वाली शीर्ष कानून कंपनियां

अपना लॉ कोर्स पूरा करने के बाद, उम्मीदवार कई कंपनियों या कॉरपोरेट लॉ फर्मों में एक corporate lawyer के रूप में काम कर सकते हैं। तो आइए अब हम जानते कॉर्पोरेट कानून स्नातकों को काम पर रखने वाली शीर्ष कानून कंपनियों के बारे में, जिनमे से कुछ है –

Anand and AnandD S K Legal
AZB & PartnersSagar Associates
Vaish AssociatesKhaitan & Co.
Phoenix LegalDesai & Diwanji
S & R AssociatesTrilegal India
Talwar Thakore & AssociatesLuthra & Luthra Law Offices
J Sagar AssociatesEconomic Laws Practice

कॉरपोरेट वकीलों का वेतन (Corporate lawyer salary) 

बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI) से प्रैक्टिस का सर्टिफिकेट मिलने के बाद Corporate lawyer की आमदनी भी अच्छी हो जाती है। बशर्ते, उन्हें अपनी इंटर्नशिप के दौरान कॉर्पोरेट कानूनों के बारे में अच्छी जानकारी हो गयी हो। 

इस प्रकार, एक वकील का कौशल और अनुभव उनकी आय को भी परिभाषित करता है। एक नए Corporate lawyer का वेतन पैकेज लगभग 4 लाख से लेकर 8 लाख प्रति वर्ष तक हो सकता है। जो की उनके कौशल और उन्हें नौकरी पर रखने वाले फर्म या कंपनी पर भी निर्भर करता है।

इसके अलावा Corporate lawyer को दिए जाने वाले काम की प्रकृति के आधार पर, और उनके उच्चतम स्तर पर, उनका वेतन पैकेज 30 लाख प्रति वर्ष या उससे अधिक तक हो सकता है।

कॉर्पोरेट वकील के रूप में करियर के लाभ (Advantages of Corporate lawyer jobs)

किसी उम्मीदवार को एक corporate lawyer के रूप में करियर बनाने के कई लाभ मिल सकते है, जैसे की –

  1. एक corporate lawyer एक फर्म के सर्वोच्च पुरस्कृत कर्मचारियों में से एक होता है।
  1. कॉर्पोरेट कानून का अध्ययन दृढ़ संकल्प और उपयुक्त समय बचत के साथ-साथ दूसरी नौकरियों की तुलना अधिक नौकरी की सुरक्षा प्राप्त करने में भी मदद करता है।
  1. यह एक ऐसा पेशा है, जिसमें अगर एक वकील को अपनी मौजूदा नौकरी से इस्तीफा देने की इच्छा होने पर कहीं और व्यवसाय खोजने के लिए उचित अवधि मिलती है।
  1. एक corporate lawyer की भूमिका अंतहीन रूप से गतिशील होती है, जो अलग-अलग क्षमताओं वाले विभिन्न कॉर्पोरेट मुद्दों को संभालती है।
  1. साथ ही एक corporate lawyer के पेशेवरों को हमेशा उच्च सम्मान दिया जाता है।    इत्यादि। 

कॉर्पोरेट वकील के रूप में करियर के नुकसान (Disadvantages of Corporate lawyer jobs)

किसी उम्मीदवार को एक corporate lawyer के रूप में करियर बनाने के कई नुकसान भी हो सकते है, जैसे की –

  1. एक संभावित कठिन कार्यक्रम के साथ एक Corporate lawyer का काम काफी कठिन हो सकता है।
  1. उन्हें हमेशा संबंधित कानूनों से खुदको अपडेट रखना पड़ता है।
  1. Corporate lawyer किसी फर्म को सटीक तरीके से कार्य करने की सलाह देते हैं, लेकिन उनके पास निर्णय लेने की कोई शक्ति नहीं होती है।    इत्यादि।

FAQ (Frequently Asked Questions) 

Q. कॉर्पोरेट वकील वास्तव में क्या काम करते है?

A. कॉर्पोरेट वकील कंपनियों के बिच लेनदेन की संरचना करते हैं, दस्तावेजों का मसौदा तैयार करते हैं, सौदों पर बातचीत करते हैं, बैठकों में भाग लेते हैं, आदि। इन सब के अलावा corporate lawyer कॉर्पोरेट अधिकारियों, निदेशकों और अंदरूनी सूत्रों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों पर भी अपनी सलाह प्रदान करते हैं।

Q. एक कॉर्पोरेट वकील बनने के लिए क्या पढ़ना चाहिए?

A. एक corporate lawyer बनने के लिए, किसी को अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा यानि की 12वी कक्षा पूरी करने के बाद, या तो पांच वर्षीय बैचलर ऑफ लॉ (B.A. LL. B) डिग्री कोर्स करनी होती है, या फिर किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद, तीन साल का (B.A. LL. B) डिग्री प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। 

Q. एक कॉर्पोरेट वकील बनने में कितने साल लगते हैं?

A. एक corporate lawyer बनने में लगभग पांच से छह साल तक का समय लगता है। 

Q. क्या कॉरपोरेट लॉ एक अच्छा करियर है?

A. एक Corporate lawyer के रूप में काम करना एक बहुत ही फायदेमंद और लाभदायक करियर पथ हो सकता है। और जैसे-जैसे आपना अनुभव और कौशल विकशित होगा, वैसे आप इस छेत्र में और भी ज्यादा तरक्की कर पाएंगे।

Q. क्या कॉरपोरेट वकील कोर्ट जाते हैं?

A. अधिकांश Corporate lawyer अदालत में मुकदमेबाजी या बहस में शामिल नहीं होते हैं। इन वकीलों का अधिकांश समय बातचीत, कानूनी विश्लेषण, अनुबंध प्रारूपण, सलाह देने और कंपनी के लिए दस्तावेज तैयार करने में व्यतीत होता है।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।

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