Why Do We Need a Parliament विषय की जानकारी, कहानी | Why Do We Need a Parliament Summary in hindi
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एनसीईआरटी कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक 2023-24 के अनुसार, अध्याय 3 और 4 को ‘अध्याय 3 – संसद और कानून बनाना’ के रूप में विलय कर दिया गया है।
Table of Contents
Why Do We Need a Parliament Summary in hindi
इस अध्याय में आप सीखेंगे कि संसद किस प्रकार भारत के नागरिकों को निर्णय लेने और सरकार को नियंत्रित करने में भाग लेने में सक्षम बनाती है। इस प्रकार, यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक और संविधान की प्रमुख विशेषता है।
लोगों को निर्णय क्यों लेना चाहिए?
लोकतांत्रिक देश में जनता का निर्णय मायने रखता है क्योंकि –
- एक लोकतांत्रिक सरकार जनता या नागरिकों की सहमति, अनुमोदन और भागीदारी से चलती है।
- लोकतंत्र में लोग नागरिक हैं, और वे किसी भी लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं।
- लोग कुछ उम्मीदवारों को चुनते हैं जो संसद में उनकी सामूहिक आवाज़ का प्रतिनिधित्व करते हैं।
संसद की भूमिका (The Role of the Parliament)
भारतीय संसद लोकतंत्र के सिद्धांतों में भारत के लोगों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। भारतीय व्यवस्था में संसद के पास अपार शक्तियाँ हैं, क्योंकि वह जनता का प्रतिनिधि है।
- संसद के चुनाव उसी तरह से होते हैं जैसे राज्य विधानमंडल के लिए होते हैं।
- लोकसभा का चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष में एक बार होता है।
संसद के कार्य (Functions of Parliament)
भारत में अनेक निर्वाचन क्षेत्र हैं। इनमें से प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र एक व्यक्ति को संसद के लिए चुनता है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार आमतौर पर विभिन्न राजनीतिक दलों से होते हैं। ये उम्मीदवार संसद सदस्य या सांसद बनते हैं। एक बार संसद के लिए चुनाव हो जाने के बाद, संसद को निम्नलिखित कार्य करने की आवश्यकता होती है –
1. राष्ट्रीय सरकार का चयन करने के लिए भारत की संसद में शामिल हैं –
- अध्यक्ष
- राज्य सभा
- लोकसभा
लोकसभा चुनाव के बाद एक सूची तैयार की जाती है, जिसमें बताया जाता है कि किस राजनीतिक दल के कितने सांसद हैं।
लोकसभा में 543 निर्वाचित (प्लस 2 एंग्लो-इंडियन नामांकित) सदस्य हैं।
किसी भी राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए निर्वाचित सांसदों का बहुमत होना आवश्यक है। बहुमत वाली पार्टी के पास कम से कम आधी संख्या यानी 272 सदस्य या उससे अधिक होनी चाहिए।
संसद में विपक्ष का गठन उन सभी राजनीतिक दलों द्वारा किया जाता है जो गठित बहुमत दल/गठबंधन का विरोध करते हैं। इन दलों में से सबसे बड़े दल को विपक्षी दल कहा जाता है।
लोकसभा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कार्यपालिका का चयन करना है। कार्यपालिका व्यक्तियों का एक समूह है जो संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करने के लिए मिलकर काम करते हैं, जिसके लिए हम सरकार शब्द का उपयोग करते हैं।
भारत का प्रधान मंत्री लोकसभा में सत्तारूढ़ दल का नेता होता है। जब दो या दो से अधिक अलग-अलग राजनीतिक दल मिलकर सरकार बनाते हैं तो इसे गठबंधन सरकार के रूप में जाना जाता है।
राज्यसभा मुख्य रूप से संसद में भारत के राज्यों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करती है। लोकसभा द्वारा शुरू किए गए कानूनों की समीक्षा और उनमें बदलाव करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- राज्य सभा भी कानून बनाने की पहल कर सकती है।
- किसी भी विधेयक को कानून बनने के लिए राज्यसभा से पारित होना आवश्यक है।
- राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव विभिन्न राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है।
- इसमें 233 निर्वाचित सदस्य और 12 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य होते हैं।
2. सरकार को नियंत्रित करना, मार्गदर्शन करना और सूचित करना
संसद की शुरुआत प्रश्नकाल से होती है, प्रश्नकाल एक महत्वपूर्ण तंत्र है जिसके माध्यम से सांसद सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सवाल पूछकर सरकार को उसकी कमियों के प्रति सचेत किया जाता है।
सरकार को संसद में अपने प्रतिनिधियों (सांसदों) के माध्यम से लोगों की राय भी पता चलती है। वित्त से जुड़े सभी मामलों में संसद की मंजूरी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है।
3. कानून बनाना
कानून बनाना संसद का एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसके बारे में आप अगले अध्याय में अच्छे से जानेंगे।
संसद में कौन लोग हैं?
संसद में अब विभिन्न पृष्ठभूमियों के अधिक से अधिक लोग हैं। आज के समय दलितों और पिछड़े वर्गों की राजनीतिक भागीदारी में भी वृद्धि हुई है। संसद में कुछ सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसी प्रकार महिलाओं के लिए भी सीटों का आरक्षण है।
FAQ (Frequently Asked Questions)
राज्यसभा के कार्य क्या हैं?
1. विधायी निकाय के रूप में कार्य
2. वाद-विवाद कक्ष
3. संघीय कक्ष
विपक्षी दलों का क्या फायदा है?
विपक्ष की मुख्य भूमिका मौजूदा सरकार पर सवाल उठाना और उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह बनाना है।
भारत के उपराष्ट्रपति के क्या कार्य हैं?
उपराष्ट्रपति का कार्यालय राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक कार्यालय है और वरीयता क्रम में दूसरे स्थान पर है और राष्ट्रपति पद के उत्तराधिकार की पंक्ति में पहले स्थान पर है।
आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।
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