Resources विषय की जानकारी, कहानी | Resources Summary in hindi
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क्या आप एक आठवी कक्षा के छात्र हो, और आपको NCERT के Geography ख़िताब के chapter “Resources” के बारे में सरल भाषा में सारी महत्वपूर्ण जानकारिय प्राप्त करनी है? अगर हा, तो आज आप बिलकुल ही सही जगह पर पहुचे है।
आज हम यहाँ उन सारे महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में जानने वाले जिनका ताल्लुक सीधे 8वी कक्षा के भूगोल के chapter “Resources” से है, और इन सारी बातों और जानकारियों को प्राप्त कर आप भी हजारो और छात्रों की तरह इस chapter में महारत हासिल कर पाओगे।
साथ ही हमारे इन महत्वपूर्ण और point-to-point notes की मदद से आप भी खुदको इतना सक्षम बना पाओगे, की आप इस chapter “Resources” से आने वाली किसी भी तरह के प्रश्न को खुद से ही आसानी से बनाकर अपने परीक्षा में अच्छे से अच्छे नंबर हासिल कर लोगे।
तो आइये अब हम शुरु करते है “Resources” पे आधारित यह एक तरह का summary या crash course, जो इस topic पर आपके ज्ञान को बढ़ाने के करेगा आपकी पूरी मदद।
Table of Contents
Resources Summary in hindi
पानी, बिजली, रिक्शा, सब्जी और पाठ्यपुस्तक में कुछ न कुछ समानता है। वे सभी आपके द्वारा उपयोग किए गए हैं, इसलिए उनकी उपयोगिता है। उपयोगिता या प्रयोज्यता ही किसी वस्तु या पदार्थ को संसाधन बनाती है।
जानना चाहते हैं कि चीजें संसाधन कैसे बनती हैं? वस्तुएँ तभी संसाधन बनती हैं जब उनका मूल्य होता है। मूल्य का अर्थ है worth, कुछ संसाधनों का आर्थिक मूल्य होता है, कुछ का नहीं। साथ ही कुछ समय के साथ मूल्यवान हो सकते हैं।
संसाधन (Resources)
कोई भी चीज़ जिसका उपयोग किसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जा सकता है या जिसका मूल्य है उसे संसाधन कहा जा सकता है। पानी, बिजली, रिक्शा, सब्जी और पाठ्यपुस्तक सभी की उपयोगिता है, और इसलिए इन्हें संसाधन माना जाता है।
सभी संसाधनों का मूल्य होता है। कुछ संसाधनों का आर्थिक मूल्य होता है, कुछ का नहीं। कुछ केवल समय के साथ ही मूल्यवान बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि आपकी दादी-नानी के घरेलू नुस्खों का वर्तमान में व्यावसायिक मूल्य न हो, लेकिन यदि उनका पेटेंट कराया जाए और बेचा जाए, तो वे आर्थिक रूप से भी मूल्यवान हो सकते हैं। इस बीच, पदार्थों को संसाधनों में बदलने वाले दो कारकों में समय और टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
संसाधनों के प्रकार (Types of Resources in hindi)
संसाधन 3 प्रकार के होते हैं- प्राकृतिक, मानव निर्मित और मानव।
प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources) – ये प्रकृति से प्राप्त होते हैं और बिना अधिक संशोधन के उपयोग किये जाते हैं। उदाहरणों में वह हवा, जिसमें हम सांस लेते हैं, हमारी नदियों और झीलों का पानी, मिट्टी, खनिज पदार्थ इत्यादि शामिल हैं। प्राकृतिक संसाधनों को नवीकरणीय (renewable) और गैर-नवीकरणीय (non-renewable) संसाधनों में भी वर्गीकृत किया जा सकता है।
नवीकरणीय संसाधनों को नवीनीकृत किया जा सकता है और बहुत जल्दी पुनः पुनः प्राप्त किया जा सकता है। सौर और पवन ऊर्जा नवीकरणीय संसाधन हैं जो असीमित हैं और मानवीय गतिविधियों से प्रभावित नहीं होंगे। इस बीच, गैर-नवीकरणीय संसाधनों का भंडार सीमित है और एक बार समाप्त हो जाने पर उन्हें फिर से भरने में हजारों साल लग सकते हैं। कुछ उदाहरण कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस हैं। भूभाग, जलवायु और ऊंचाई जैसे भौतिक कारक प्राकृतिक संसाधनों के वितरण को प्रभावित करते हैं।
मानव निर्मित संसाधन (Human Made Resources) – कई बार प्राकृतिक पदार्थ अपना मूल स्वरूप बदल जाने के बाद ही संसाधन बनते हैं। लोग इमारतों, पुलों, सड़कों, मशीनरी और वाहनों जैसे मानव निर्मित संसाधनों के निर्माण के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं। दूसरा उदाहरण टेक्नोलॉजी है।
मानव संसाधन (Human Resource) – इसका तात्पर्य लोगों की संख्या (मात्रा) और क्षमताओं (मानसिक और शारीरिक) से है। इसीलिए मनुष्य एक विशेष संसाधन है। लोग मानव संसाधन हैं। लोगों के कौशल की गुणवत्ता में सुधार करना ताकि वे अधिक संसाधन बनाने में सक्षम हो सकें, मानव संसाधन विकास के रूप में जाना जाता है।
संसाधनों का संरक्षण (Conserving Resources)
एक ऐसी स्थिति की कल्पना करें जहां पृथ्वी पर सारा पानी सूख गया हो और सभी पेड़ कट गए हों। वहां न तो छाया है और न ही खाने-पीने के लिए कुछ। यदि हम सावधान नहीं रहे तो नवीकरणीय (renewable) संसाधन भी बहुत दुर्लभ हो सकते हैं और गैर-नवीकरणीय (non-renewable) संसाधन निश्चित रूप से समाप्त हो सकते हैं। संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीनीकृत होने के लिए समय देना संसाधन संरक्षण कहलाता है।
संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना ताकि वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ भावी पीढ़ियों का भी ख्याल रखा जा सके, सतत विकास (sustainable development) कहलाता है। संसाधनों के संरक्षण के तरीके हैं। प्रत्येक व्यक्ति उपभोग को कम करके, पुनर्चक्रण और चीजों का पुन: उपयोग करके योगदान दे सकता है।
हमारे ग्रह और लोगों का भविष्य प्रकृति द्वारा प्रदान की जाने वाली जीवन समर्थन प्रणाली को बनाए रखने और संरक्षित करने की हमारी क्षमता पर निर्भर है। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि –
- नवीकरणीय (renewable) संसाधनों के सभी उपयोग टिकाऊ हैं।
- पृथ्वी पर जीवन की विविधता संरक्षित है।
- प्राकृतिक पर्यावरण प्रणाली को होने वाली क्षति कम हो।
FAQ (Frequently Asked Questions)
संसाधन (Resources) के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
संसाधन (Resources) विभिन्न प्रकार के हैं –
1. प्राकृतिक संसाधन
2. श्रम संसाधन
3. पूंजी संसाधन
4. उद्यमिता
उपयोगिता क्या है?
उपयोगिता से तात्पर्य उस आनंद या संतुष्टि (या दूर हुई असुविधा) की डिग्री से है, जो किसी व्यक्ति को किसी आर्थिक कार्य से प्राप्त होती है।
संसाधनों का संरक्षण करना क्यों आवश्यक है?
इसके कई फायदे हैं जैसे –
1. वायु/मिट्टी प्रदूषण में कमी
2. भूमि/हरियाली का संरक्षण
3. वर्षा जल संचयन
आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।
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