How When and Where summary in hindi

How, When and Where विषय की जानकारी, कहानी | How, When and Where Summary in hindi

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क्या आप एक आठवी कक्षा के छात्र हो, और आपको NCERT के History ख़िताब के chapter “How, When and Where” के बारे में सरल भाषा में सारी महत्वपूर्ण जानकारिय प्राप्त करनी है? अगर हा, तो आज आप बिलकुल ही सही जगह पर पहुचे है। 

आज हम यहाँ उन सारे महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में जानने वाले जिनका ताल्लुक सीधे 8वी कक्षा के इतिहास के chapter “How, When and Where” से है, और इन सारी बातों और जानकारियों को प्राप्त कर आप भी हजारो और छात्रों की तरह इस chapter में महारत हासिल कर पाओगे।

साथ ही हमारे इन महत्वपूर्ण और point-to-point notes की मदद से आप भी खुदको इतना सक्षम बना पाओगे, की आप इस chapter “How, When and Where” से आने वाली किसी भी तरह के प्रश्न को खुद से ही आसानी से बनाकर अपने परीक्षा में अच्छे से अच्छे नंबर हासिल कर लोगे।

तो आइये अब हम शुरु करते है “How, When and Where” पे आधारित यह एक तरह का summary या crash course, जो इस topic पर आपके ज्ञान को बढ़ाने के करेगा आपकी पूरी मदद।

How, When and Where Summary in hindi

इतिहास यह पता लगाने के बारे में है कि अतीत में चीजें कैसी थीं और चीजें कैसे बदल गई हैं। पहले इतिहास तारीखों का पर्याय था। सीबीएसई कक्षा 8 के इतिहास के अध्याय 1 – (How, When and Where) कैसे, कब और कहाँ के नोट्स में तारीखों के बारे में सब कुछ है, और जब इतिहास का अध्ययन करने की बात आती है तो तारीखें कितनी महत्वपूर्ण हैं, यह बात सभी समझते है। इसी क्रम में यह चैप्टर छात्रों को पहले के इतिहास के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी देता है।

तारीखें कितनी महत्वपूर्ण हैं? (How Important are Dates?)

इतिहासकार तारीखों से मोहित थे। इतिहास समय के साथ होने वाले परिवर्तनों के बारे में है, यह पता लगाना कि अतीत में चीजें कैसी थीं और चीजें कैसे बदल गई हैं। इतिहास लड़ाइयों और बड़ी घटनाओं का लेखा-जोखा होता है। यह शासकों और उनकी नीतियों के बारे में होता है। 

इतिहासकारों ने उस वर्ष के बारे में लिखा है, जब एक राजा को ताज पहनाया गया था, जिस वर्ष उसकी शादी हुई थी, जिस वर्ष उसका एक बच्चा हुआ था, जिस वर्ष उसने एक विशेष युद्ध लड़ा था, जिस वर्ष उसकी मृत्यु हुई थी, और जिस वर्ष अगला शासक सिंहासन पर बैठा था। इस तरह के आयोजनों के लिए विशिष्ट तिथियां निर्धारित की जा सकती हैं।

कौन सी तारीखें? (Which dates?)

हम जिन तारीखों का चयन करते हैं और अतीत की अपनी कहानी लिखते हैं, वे महत्वपूर्ण नहीं हैं। वे महत्वपूर्ण हो जाते हैं क्योंकि हम घटनाओं के एक विशेष समूह को महत्वपूर्ण मानकर उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं। विभिन्न व्यक्तित्वों के जीवन के कालक्रम ने ब्रिटिश भारत के इतिहास के विभिन्न अध्यायों को चिह्नित किया। यह प्रत्येक अध्याय को कुछ सुसंगतता देना है। यह एक कहानी को इस तरह से बताना है, जिसमें कुछ अर्थ हो और उसका अनुसरण किया जा सके।

हम कालक्रम कैसे करते हैं? (How do we periodise?)

साल 1817 में, “जेम्स मिल” ने तीन खंडों में एक विशाल कृति, “ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया” प्रकाशित की। अपनी पुस्तक में उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन कालखंडों में विभाजित किया – हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश। मिल का मानना था, कि सभी एशियाई समाज यूरोप की तुलना में सभ्यता के निचले स्तर पर थे। इतिहास के बारे में उनके कथन के अनुसार, अंग्रेजों के भारत आने से पहले, हिंदू और मुस्लिम निरंकुश शासकों ने देश पर शासन किया था। 

धार्मिक असहिष्णुता, जातिगत वर्जनाएँ और अंधविश्वासी प्रथाएँ सामाजिक जीवन पर हावी थीं। उनके अनुसार ब्रिटिश शासन ही भारत को सभ्य बना सकता था। इतिहास के इस विचार में, ब्रिटिश शासन प्रगति और सभ्यता की सभी शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता था। इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को ‘प्राचीन’, ‘मध्यकालीन’ और ‘आधुनिक’ (‘ancient’, ‘medieval’, ‘modern’) में विभाजित किया था।

औपनिवेशिक क्या है? (What is colonial?)

इस अध्याय को पढ़कर आप समझ जाएंगे कि कैसे अंग्रेज देश को जीतने और स्थानीय नवाबों और राजाओं को अधीन करके अपना शासन स्थापित करने आए थे। कैसे उन्होंने अर्थव्यवस्था और समाज पर नियंत्रण स्थापित किया, अपने सभी खर्चों को पूरा करने के लिए राजस्व एकत्र किया, जो सामान वे चाहते थे उसे कम कीमतों पर खरीदा, निर्यात के लिए आवश्यक फसलें पैदा कीं और इन परिणाम के रूप में जो बदलाव आए, उन्हें आप समझेंगे। 

आपको ब्रिटिश शासन द्वारा मूल्यों और रुचियों, रीति-रिवाजों और प्रथाओं में लाए गए परिवर्तनों के बारे में जानने को मिलेगा। और जब एक देश को दूसरे देश के अधीन करने से इस प्रकार के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन होते हैं, तो इसे ही उपनिवेशीकरण (colonisation) कहा जाता है।

हम कैसे जानते हैं?

प्रशासन रिकॉर्ड तैयार करता है (Administration produces records)

ब्रिटिश लेखन के कार्य में विश्वास करते थे, जिसने मेमो, नोट्स और रिपोर्ट की प्रशासनिक संस्कृति का निर्माण किया। उन्होंने महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पत्रों को भी सावधानीपूर्वक संरक्षित किया। सभी प्रशासनिक संस्थानों में महत्वपूर्ण अभिलेख सुरक्षित रहते हैं। 

19वीं सदी के शुरुआती वर्षों में, इन दस्तावेज़ों को सावधानीपूर्वक कॉपी किया गया था, और सुलेखवादियों (calligraphists) द्वारा खूबसूरती से लिखा गया था – उन लोगों द्वारा जो सुंदर लेखन की कला में विशेषज्ञ थे। 19वीं सदी के मध्य तक, मुद्रण के प्रसार के साथ, प्रत्येक सरकारी विभाग की कार्यवाही के रूप में इन अभिलेखों की कई copies मुद्रित की गईं।

सर्वेक्षण महत्वपूर्ण हो जाते हैं (Surveys become important)

औपनिवेशिक (colonial) प्रशासन के तहत सर्वेक्षण करने की प्रथा आम हो गई। 19वीं सदी की शुरुआत तक, पूरे देश का मानचित्रण करने के लिए विस्तृत surveys किए जा रहे थे। गांवों में स्थलाकृति, मिट्टी की गुणवत्ता, वनस्पति, जीव, स्थानीय इतिहास और फसल पैटर्न जानने के लिए राजस्व सर्वेक्षण आयोजित किए गए थे।

19वीं सदी के अंत से, हर दस साल में जनगणना अभियान आयोजित किए जाते थे, जिसमें भारत के सभी प्रांतों में लोगों की संख्या का विस्तृत रिकॉर्ड तैयार किया जाता था, जिसमें जाति, धर्म और व्यवसाय के बारे में जानकारी दर्ज की जाती थी। इनके अलावा कई अन्य सर्वेक्षण (surveys) भी थे – वनस्पति सर्वेक्षण, प्राणीशास्त्रीय सर्वेक्षण, पुरातात्विक सर्वेक्षण, मानवशास्त्रीय सर्वेक्षण, वन सर्वेक्षण, आदि।

सरकारी रिकॉर्ड क्या नहीं बताते (What official records do not tell)

आधिकारिक रिकॉर्ड हमें यह समझने में मदद नहीं करेंगे कि देश के अन्य लोगों ने क्या महसूस किया और उनके कार्यों के पीछे क्या छिपा था। आधिकारिक अभिलेखों के अलावा लोगों की डायरियाँ, तीर्थयात्रियों और यात्रियों के वृत्तांत, महत्वपूर्ण व्यक्तियों की आत्मकथाएँ और लोकप्रिय पुस्तिकाएँ जैसे अभिलेख भी पाए जाते हैं। 

मुद्रण की शुरुआत की गई और समाचार पत्र प्रकाशित किए गए और मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से बहस की गई। नेताओं और सुधारकों ने अपने विचारों को फैलाने के लिए लिखा, कवियों और उपन्यासकारों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए लिखा। 

लेकिन, इन स्रोतों से, इतिहास की व्याख्या नहीं की जा सकती है और यह नहीं बताया जा सकता है कि आदिवासी और किसान, खदानों में काम करने वाले मजदूर या सड़कों पर रहने वाले गरीब अपना जीवन कैसे जीते थे।

FAQ (Frequently Asked Questions)

भारत में औपनिवेशिक (colonial) शासन कब तक था?

अंग्रेजों ने भारत पर 200 वर्षों से अधिक समय तक शासन किया,और इसकी शुरुआत वर्ष 1757 में हुई जब “रॉबर्ट क्लाइव” ने प्लासी की लड़ाई जीती।

आवधिकता (periodising) से क्या तात्पर्य है?

इतिहास और ऐतिहासिक घटनाओं को विभिन्न कालों में विभाजित करने की क्रिया को ही आवर्तीकरण (periodising) कहा जाता है।

B.C और A.D का संक्षिप्त रूप क्या है?

B.C का तात्पर्य ईसा मसीह से पहले (before Christ) और A.D (after death) का तात्पर्य मृत्यु के बाद से है। इनका उपयोग विभिन्न युगों और अवधियों को दर्शाने के लिए संदर्भ के रूप में किया जाता है।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।

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